नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने दावा किया है कि भगवान राम की जन्मस्थली नेपाल में है और भगवान राम नेपाली थे। इसका भारत में पुरजोर विरोध हो रहा है। वहीं इस मुद्दे पर जब लोकप्रिय धारावाहिक रामायण सीरियल में श्री राम का किरदार निभाने मेरठ के अरुण गोविल से बात की गई तो जानें उन्होंने क्या कहा...


मेरठ (स्वाती भाटिया)। श्रीराम को लेकर नेपाल के पीएम ओली का बयान आया है नेपाल में भगवान राम जन्मे थे, अब इसको लेकर विवादों की स्थिति उत्पन्न हो गई है। दरअसल नेपाल के पीएम केपी शर्मा ओली ने ऐसा बयान दिया है, जिस पर विवाद खड़ा हो गया है। पीएम ओली ने कहा कि भगवान राम का जन्म भारत में नहीं, बल्कि नेपाल में हुआ था। इसलिए भगवान राम भारतीय नहीं, बल्कि नेपाली हैं। इसपर अब पूरा विवाद हो गया है ऐसे में रामायण सीरियल में श्री राम का किरदार निभाने के बाद दुनियां भर में लोकप्रिय होने वाले मेरठ के अरुण गोविल से जब इस मुद्दे पर बात की गई तो उनका यही कहना था कि श्री राम तो भगवान है उनको लेकर विवाद करना ठीक नहीं है, जो विवाद कर रहे है वो गलत है उनको इस तरह के विवाद नहीं करने चाहिए, भगवान या उनके रहने का स्थान असली है या नकली ये तय करने वाले हम कौन होते है, मैं इस मुददे पर कुछ ओर नही कहना चाहूंगा मेरा यही कहना है कि बस विवाद कर रहे है वो करें पर ये ठीक नही है।लोकप्रिय रहे है अरुण
रामायण पर बात करने पर उन्होनें कहा कि श्रीराम के किरदार के बाद दुनिया भर में लोकप्रियता के साथ इतना सम्मान दिलाया कि कुछ और इच्छा खत्म हो गई, कहा कि कई फिल्में करने के बाद जब रामानंद सागर ने उन्हें श्रीराम का किरदार निभाने को कहा था तो यह कतई उम्मीद नहीं थी कि यह इतना हिट रहेगा। मेरठ के मूल निवासी अरुण गोविल ने कहा कि वह फिल्मों में काम करने की खातिर 1975 में मेरठ से मुंबई चले गए थे।संघर्ष करने के बाद फिल्मों में काम मिलना शुरू हुआ।इसके बाद रामानंद सागर ने उन्हें रामायण धारावाहिक में भगवान श्रीराम का किरदार निभाने का सौभाग्य मिला। रविवार को जब रामायण का प्रसारण होता था तो देश में कर्फ्यू जैसा माहौल लगता था।कहा कि रामायण जैसी कृतियां ईश्वर के आशीर्वाद से ही बनती हैं। चाहें कितनी भी कोशिश कर लें ऐसी कृतियां नहीं बनतीं।शोध के बाद बनाया गया धारावाहिक रामायण


अरुण गोविल ने कहा कि रामायण धारावाहिक का निर्माण काफी शोध के बाद किया गया था।आज के निर्माता-निर्देशक शोध नहीं करते कहा कि आज के दौर के धारावाहिकों को देखने के बाद गंभीरता से नहीं लेना चाहिए।रामायण के एक-एक सीन और संवाद पर बहुत बारीकी से काम होता था। सीन को जीवंत बनाने के लिए पूरी टीम पूरी मेहनत करती थी। रामायण को बनाने के लिए श्रीरामचरित मानस और वाल्मीकि का अध्ययन किया गया था।धारावाहिक में कास्टिंग का बहुत ध्यान रखा गया था। अब राम जी के किरदार के बाद मेरी कोई इच्छा नही रही है।43 साल में बहुत बदल गया मेरठअरुण गोविल का बचपन मेरठ की गांधीनगर कॉलोनी में रहने वाले अरुण गोविल 1975 में मुंबई चले गए थे। बताया कि तब और आज मेरठ शहर में काफी फर्क आ गया है। आज सफाई की बहुत जरूरत है, इसके साथ ही उन्होनें इस कोरोना काल में सभी से जरुरत होने पर ही बाहर निकलने के लिए आग्रह किया, सभी से अपील की अपना ध्यान रखे व साफ सफाई रखे व दूसरों काे भी जागरुक करें, मास्क पहनकर ही बाहर निकले।meerut@inext.co.in

Posted By: Shweta Mishra