मुजफ्फरपुर बिहार के राम का वनवास खत्म हो गया. चार साल बाद इस युवक को अपना परिवार मिल गया. मानसिक तौर पर विक्षिप्त हो चुका रामदेव घर से लापता हुआ. न जाने कैसे वह उस मुल्क में पहुंच गया जहां से उसकी वापसी बेहद कठिन थी. 9 जुलाई को उसे पाकिस्तान से रिहा करके भारत भेज दिया गया. एक महीने से वह अमृतसर के रेडक्रास भवन में परिजनों के इंतजार में था. मंगलवार रात उसके पिता और चाचा उसे लेने पहुंचे. उन्हें देख रामदेव की आंखों से आंसू छलक आए.


रामदेव मानसिक तौर पर ठीक नहींजागरण से बातचीत में रामदेव के पिता बिजली साहनी ने बताया कि बेटे को वर्ष 2010 में उसकी सास उसके ससुराल गांव उईनी ले गईं थीं. रामदेव मानसिक तौर पर ठीक नहीं था. ससुराल से ही वह लापता हो गया. काफी तलाश करने पर भी कोई सुराग नहीं मिला. लगभग एक साल पहले मुजफ्फरपुर के थाना आरेपुर में नोटिस आया कि उनका बेटा पाकिस्तान की जेल में बंद है. पुलिस ने बेटे की पहचान के सुबूत मांगे.रिहा होकर आ चुका है वतन
रामदेव की रिहाई के लिए सुप्रीम कोर्ट और नेताओं को पत्र भी लिखे. एक माह पहले ही उन्हें पता चला कि वह रिहा होकर अपने वतन आ चुका है. गरीबी की वजह से उनके पास अमृतसर पहुंचने के लिए पैसे नहीं थे. बाद में जिला प्रशासन ने रामदेव के पिता बिजली और चाचा जयराम का एक अधिकारी के साथ जाने का प्रबंध किया. गुरुवार को ये रामदेव को लेकर मुजफ्फरपुर के लिए रवाना हो जाएंगे. Report by: Mahinder Pal Singh (Dainik Jagran)

Posted By: Satyendra Kumar Singh