- अब नए कलेवर में आर्यनगर की मशहूर रामलीला

- वृंदावन के कलाकारों ने बांधा समां, एक्टिंग ऐसी कि ओरिजनल भी फेल

GORAKHPUR: गोरखपुर में धीरे-धीरे जो रामलीला का क्रेज घट रहा था, वृंदावन के कलाकारों ने एक बार फिर उसमें जान फूंक दी है। आर्यनगर की परंपरागत रामलीला क्0भ् साल से आयोजित हो रही है। हर बार के मुकाबले इस बार रामलीला के कलाकारों की एक्टिंग देखते ही बन रही है। मंच भी ऐसा कि देखने के बाद ओरिजनल रामायण की याद आ जाए। इस समय फेसबुक पर भी आर्यनगर की रामलीला का वीडियो खूब वायरल हो रहा है। यहां जाने के बाद हर कोई रामलीला का सुंदर स्टेज और कलाकारों की शानदार एक्टिंग देख फोटो लेने से खुद को रोक नहीं पा रहा। वहीं लोगों के बीच आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं दस सिर वाले रावण जिन्हें देख हर कोई उनके साथ सेल्फी लेने पहुंच जा रहा है।

दूर-दूर से पहुंच रहे दर्शक

आर्यनगर की रामलीला की शुरुआत क्9क्ब् में शहर के बाबू गिरधर दास व बाबू पुरुषोत्तम दास ने की थी। जबकि पूरी तरह से रामलीला की शुरुआत क्9क्7 से मानी जाती है। बीते दो साल में अयोध्या के कलाकारों द्वारा रामलीला का मंचन किया गया। इस बार रामलीला के लिए वृंदावन के टॉप क्लास एक्टर्स को बुलाया गया है। सभी वृंदावन के हाईलाइटेड विनोद लीला मंडली के कलाकार हैं। वहीं लाखों रुपए खर्च कर मंच तैयार किया गया है। जिसे देखने के लिए लोग दूर-दूर से आ रहे हैं। वहीं रामलीला में राम, सीता, लक्ष्मण और रावण अपनी ड्रेस पहनने के बाद बिल्कुल टीवी स्टार की तरह नजर आ रहे हैं। इनकी एक्टिंग भी लोगों को खूब भा रही है।

दशहरा के दूसरे दिन होगा रावण वध

यहां की परंपरा रही है कि दशहरा के दिन गोरखनाथ का जो भी मठाधीश होगा वह इस दिन यहां आकर भगवान राम को तिलक लगाता है। इस बार गोरक्षपीठाधीश्वरसीएम योगी आदित्यनाथ अपने दल-बल के साथ मानसरोवर पहुंचेंगे और भगवान राम को तिलक लगाएंगे। इसके अगले दिन ही रावण वध होगा। इस बार आठ अक्टूबर को दशहरा है और 9 अक्टूबर को आर्यनगर में रावण वध होगा।

बदल रही आर्यनगर रामलीला की तस्वीर

अभी हाल ही में सीएम ने मानसरोवर और रामलीला मैदान के लिए करीब चार करोड़ का बजट दिया है। इससे मानसरोवर मंदिर का रूप तो चेंज हो ही रहा है। साथ ही रामलीला मैदान ग्राउंड की दीवारें भी रंगीन बनाई जा रही हैं। इसमें दीवारों पर सीता-राम की तस्वीर भी छपेगी।

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अफजल तैयार कर रहे रावण

आर्यनगर का लंबा-चौड़ा रावण का पुतला इस बार बेनीगंज के अफजल तैयार कर रहे हैं। पिछली बार भी अफजल ने ही इसे तैयार किया था। बम-पटाखों से लैस ये पुतला आग वाला तीर लगते ही आतिशबाजी के साथ तेज आवाज करता है। इसके गिरते ही आस-पास के लोग उसके अवशेष अपने घर ले जाते हैं। इसे ले जाने के लिए होड़ लग जाती है। ऐसी मान्यता है कि सोने की लंका बनाने वाले रावण की राख तिजोरी में रखने पर कुबेर का वास होता है।

Posted By: Inextlive