कोरोना वायरस के चलते देश में 21 दिनों के लिए लॉकडाउन जारी है। इस बीच रोजाना कमाने-खाने वालों को थोड़ी बहुत परेशानियों को सामना करना पड़ रहा मगर जिला प्रशासन उनकी हरसंभव मदद कर रही। ऐसा ही एक नजारा शुक्रवार को रामपुर में देखने को मिला जब डीएम ने एक रिक्शावाले की मदद की।

रामपुर (आईएएनएस)। कोरोना वायरस के चलते हर जगह सन्नाटा सा छाया हुआ है। लोग घरों में कैद हैं, इस बीच रामपुर में एक रिक्शावाला जब सड़क पर निकला तो उसकी दयनीय स्थिति देख रामपुर के डीएम का दिल पसीज गया। रामपुर के जिलाधिकारी (डीएम) अंजनय कुमार सिंह काफी सख्त अधिकारी माने जाते हैं। मगर शुक्रवार को उनका एक नया रूप देखने को मिला। रामपुर की सड़कों पर तालाबंदी का जायजा लेने के लिए जब उन्होंने रिक्शावाले को देखा तो उन्होंने उसे पकड़ लिया। उससे पूछा गया कि लॉकडाउन के चलते सड़क पर वह क्या कर रहा है, डीएम ने रिक्शावाले से यह भी कहा, जो नियम का उल्लंघन कर रहे उन्हें हवालात में डाला जा रहा।

डीएम ने पैसे और दवाई दी

डीएम की ये बात सुन रिक्शा चालक ने अपनी मजबूरी बताई। उसने कहा, वह कुछ दवाएं खरीदने के लिए बाहर आया था। पैसे नहीं थे, इसके लिए 150 रुपये में अपना फोन गिरवी रख आया। गरीब रिक्शा चालक, की स्थिति देख डीएम सिंह ने उसे पूरे महीने की दवा खरीदकर दी। साथ ही उसे 150 रुपये भी दिए ताकि वह अपना फोन वापस ले सके। डीएम ने भी रिक्शा चालक से यह भी कहा कि वह अपना फोन वापस मिलने पर उन्हें सूचित कर दे।

राशन भी दिया

वहां मौजूद प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, 'रिक्शा चालक दवा और पैसे मिलने के बाद बहुत खुश हुआ। वह भावनाओं से इतना भर गया कि डीएम को ठीम से धन्यवाद भी नहीं दे सका।' रिक्शा वाले के जाने के बाद सिंह ने बताया कि उसे फोन वापस मिल गया है। डीएम ने उससे पूछा कि क्या उसे किसी और चीज की जरूरत है। जवाब में, रिक्शा चालक ने डीएम से कहा कि उसके पास कोई नहीं है और न ही राशन है। इसके बाद डीएम ने तुरंत उनके लिए राशन की व्यवस्था की। आईएएनएस से बात करते हुए डीएम ने कहा: "मुझे लोगों की सेवा करने के लिए यहां रखा गया है। अगर मैं उनकी मदद करने में सक्षम नहीं हूं, संकट की स्थिति तब उनकी मदद कौन करेगा।'

Posted By: Abhishek Kumar Tiwari