क्त्रन्हृष्ट॥ढ्ढ: राजधानी में सफाई व्यवस्था का बुरा हाल है. डोर टू डोर वेस्ट कलेक्शन से लेकर मार्केट से भी कचरा उठाव बंद हो गया है. जिससे कि दुर्गध और गंदगी काफी हो गई है. घर और अपार्टमेंट के बाहर भी कचरे का अंबार लगा है. स्थिति यह है कि लोगों का सांस लेना भी मुश्किल हो रहा है. ऐसे में पार्षदों ने भी नगर निगम के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. पार्षदों का कहना है कि सफाई नहीं तो टैक्स नहीं. आखिर लोग नगर निगम को टैक्स किस बात के लिए देते हैं. बताते चलें कि नगर निगम ने एजेंसी को टर्मिनेट कर दिया है. वहीं खुद भी सफाई नहीं कर पा रहा है.

टैक्स नहीं देने की अपील

वार्ड में सफाई नहीं किए जाने को लेकर लोग कंप्लेन कर रहे हैं. वहीं पार्षदों ने भी हेल्थ सेक्शन के अधिकारियों को कचरा नहीं उठाए जाने को लेकर जानकारी दी. इसके बावजूद सफाई को लेकर संबंधित अधिकारी और कर्मचारी गंभीरता नहीं दिखा रहे है. इसलिए पार्षदों में आक्रोश है. ऐसे में पार्षदों ने यहां तक कह डाला कि अब वे पब्लिक को भी टैक्स नहीं देने की अपील करेंगे. नगर निगम केवल टैक्स लेना जानता है.

.....

क्या कहते हैं वार्ड पार्षद

नगर निगम को कई बार बताया गया कि सफाई व्यवस्था में सुधार लाएं. लोग हर दिन कंप्लेन लेकर पहुंच जाते हैं. लेकिन उनपर हमारी बातों का कोई असर नहीं पड़ रहा है. हर चीज के लिए टैक्स लगा दिया गया है पर सुविधा के नाम पर पब्लिक को कुछ नहीं मिलता. आखिर निगम किस बात के लिए टैक्स वसूलने चला आता है.

अर्जुन यादव, वार्ड-10

सफाई व्यवस्था पूरी तरह धवस्त हो गई है. पहले एमटीएस से चार-पांच गाडि़यां निकल रही थीं. लेकिन स्थिति अब खराब होती जा रही है. सफाई करने वाली एजेंसी अपना रोना रो रही है. वहीं निगम भी व्यवस्था नहीं करा रहा है. टैक्स देने के बाद भी सुविधा नहीं मिल रही है. मैं सभी को टैक्स देने से मना कर दूंगी.

जेरमिन टोप्पो, वार्ड-15

सिटी में सफाई की हालत इतनी खराब पहले तो नहीं थी. नगर निगम ने जब एजेंसी को हटा दिया तो खुद से बेहतर सफाई करनी चाहिए थी. लेकिन स्थिति नर्क से भी खराब हो गई है. आखिर निगम के लोग पब्लिक को साफ और स्वच्छ माहौल क्यों नहीं देना चाहते. पब्लिक इतना टैक्स नगर निगम को देती है फिर भी सुविधा जीरो.

नसीम गद्दी, वार्ड-45

Posted By: Prabhat Gopal Jha