क्त्रन्हृष्ट॥ढ्ढ: रांची नगर निगम जनता से तमाम मद में टैक्स तो भारी भरकम वसूल रहा है लेकिन उसे सुविधाएं देने के नाम पर छल कर रहा है. लोगों से ये टैक्स होल्डिंग टैक्स से लेकर पार्किग शुल्क व ट्रेड लाइसेंस के नाम पर लिया जा रहा है. इसके एवज में निगम जनता को बेहतर सुविधाएं मुहैया कराने के साथ ही साल दर साल बेहतर सपने दिखाता है. बड़े-बड़े कामों के वायदे किए जाते हैं, लेकिन काम के नाम पर टायं टायं फिस्स ही नजर आ रहा है. वसूली के हिसाब से काम नहीं के बराबर ही करा पा रहा है. ये जान लें कि 2018-19 में रांची नगर निगम ने शहर की जनता से करीब 49 करोड़ रुपए टैक्स वसूला है. इसके बाद भी ये हाल है. अब 2019-20 में 60 करोड़ रुपए वसूलने का टारगेट तय किया गया है. इसके बाद भी शहर की पब्लिक को सुविधाओं के नाम पर क्या मिल पाएगा ये तो आने वाला समय ही बता पाएगा.

ले रहे टैक्स, गंदगी का ढेर

लोग नगर निगम को टैक्स तो दे रहे हैं लेकिन गंदगी के बीच ही उनका जीवन गुजर रहा है. शहर के हर इलाके में कचरे का अंबार लगे होने से लोगों का बुरा हाल है. हाल यह है कि पब्लिक से करोड़ों रुपये टैक्स वसूले जाने के बाद भी कंपनियों ने साफ-सफाई नहीं कराया. अब नगर निगम खुद से सफाई का जिम्मा संभाल रहा है, लेकिन उसके पास मैन पावर की भारी कमी है. इस कारण हर ओर गंदगी का अंबार लगा हुआ है.

नहीं खत्म हुआ जाम का झाम

शहर में पार्किग की व्यवस्था नहीं होने की वजह से ट्रैफिक का लोड बढ़ता जा रहा है. आए दिन शहर की सड़कों पर जाम लग रहा है. वसूल किए टैक्स का उपयोग जनता के लिए नहीं होने से उसे किसी प्रकार की सुविधा नहीं मिल पा रही है.

पानी का लेवल नीचे चला गया

पानी के संरक्षण के लिए वाटर हार्वेस्टिंग बनाये जाने पर ध्यान नहीं दिये जाने से भूमिगत जल का स्तर लगातार गिर रहा है. शहर के मोरहाबादी, रातू रोड, टैगोर हिल, बरियातू ऐसे क्षेत्र हैं, जहां जल का स्तर 400 फीट नीचे तक जा चुका है. इससे आने वाले समय में पेयजल किल्लत का और बढ़ना तय है. पानी न मिल पाने से गर्मी में कई लोग फ्लैट खाली करके किराए पर रहने को मजबूर हैं.

ट्रांसपोर्टेशन के नाम पर ठगी

शहर में बुनियादी सुविधाएं नहीं हैं. ट्रांसपोर्टेशन सहित अन्य जरूरी सुविधाओं के लिए पब्लिक परेशान हो रही है. शहर में सिटी बस के नाम पर सिर्फ आई वाश किया जा रहा है. कुछ कबाड़ी बसों को सड़क पर निकाल कर ट्रांसपोर्टेशन सुविधा के नाम पर पब्लिक को ठगा जा रहा है.

49 करोड़ हुई है वसूली

रांची नगर निगम ने फाइनेंशियल ईयर 2018-19 के दौरान करीब 49 करोड़ के राजस्व की वसूली की है. इस राशि में 47 करोड़ होल्डिंग टैक्स और 2 करोड़ रुपये ट्रेड लाइसेंस के रूप में जमा हुए हैं. निगम ने इस वित्तीय वर्ष में टारगेट से 7 करोड़ रुपये अधिक की वसूली की है. टैक्स में हुई बढ़ोतरी को देखते हुए अब नगर आयुक्त ने इस वित्तीय वर्ष 2019-20 में 60 करोड़ रुपये टैक्स वसूली का टारगेट राजस्व शाखा के कर्मचारियों को दिया है.

टैक्स में राहत का दावा

संबंधित विभाग के अधिकारी का कहना है कि टैक्स जमा करने के लिए लोगों को कई तरह का रीबेट भी दिया जाता है. निगम के जन सुविधा केंद्र में अपने पूरे होल्डिंग टैक्स का भुगतान करने पर लोगों को 5 प्रतिशत तक की रीबेट दी जाएगी. वहीं ऑनलाइन टैक्स भुगतान करने पर लोगों को 10 प्रतिशत की रीबेट दी जाएगी. कंपनी का कर्मचारी अगर घर आकर टैक्स की वसूली करता है तो लोगों को किसी तरह की कोई रीबेट नहीं दी जाएगी. इसके अलावा लोगों को पूरे वित्तीय वर्ष की चारों तिमाही में टैक्स देने की छूट दी गयी है. तय समय सीमा में टैक्स भुगतान नहीं करने पर लोगों से पेनाल्टी के रूप में कुल 9 प्रतिशत लिया जाएगा, यह 9 प्रतिशत पेनाल्टी पहली तिमाही के बाद लिये जाने का प्रावधान है.

Posted By: Prabhat Gopal Jha