RANCHI : बार-बार और लगातार शहर की सफाई व्यवस्था के ध्वस्त होने की उठ रही आवाज पर रांची नगर निगम की अब नींद खुली है। निगम अब सफाई की कमान खुद लेने की तैयारियों में जुट गया है। इस सिलसिले में बहुत जल्द 20 नए टाटा एस वाहन की खरीदारी की जाएगी। इसका इस्तेमाल डोर-टू-डोर वेस्ट कलेक्शन में किया जाएगा। इतना ही नहीं, एजेंसी के जिम्मे जो वार्ड हैं, वहां भी जरूरत पड़ने पर साफ-सफाई के लिए निगम अपने हाथ बढ़ाएगा। अब देखने वाली बात है कि एक तरह नगर निगम तो दूसरी ओर एजेंसी द्वारा सफाई का काम किए जाने के बाद शहर कितना चकाचक हो पाता है।

बढ़ी सफाई कर्मियों की संख्या

वार्डो में साफ-सफाई की खस्ता व्यवस्था को लेकर पार्षदों ने नगर निगम के अधिकारियों से सफाई कर्मियों की संख्या बढ़ाने को कहा था। ऐसे में लगभग 300 सफाई कर्मियों की संख्या बढ़ा दी गई है। इन सभी को जरूरत के हिसाब से विभिन्न वार्डो में सफाई के काम में लगाया जा रहा है।

खर्च बेहिसाब, 'कबाड़' में है सफाई

रांची नगर निगम शहर को चकाचक करने के लिए हर महीने चार करोड़ रुपए खर्च करती है। इसमें एजेंसी आरएमएसडब्ल्यू को हर महीने लगभग एक करोड़ का भुगतान करती है। जिसमें डोर टू डोर कलेक्शन और स्वीपिंग शामिल है। वहीं, नालियों, तालाब की सफाई के अलावा स्पेशल टास्क के लिए लगाए मजदूरों को लगभग तीन करोड़ का भुगतान किया जाता है। जिसमें गाडि़यों और स्टाफ्स का भी खर्च शामिल है। इसके बावजूद भी सफाई हाशिए पर है।

दो सालों में भी एजेंसी ने नही सुधारी व्यवस्था

रांची निगम एरिया में पिछले दो सालों से सफाई का जिम्मा आरएमएसडब्ल्यू के पास है। 33 वार्डो में डोर-टू-डोर वेस्ट कलेक्शन का जिम्मा इस एजेंसी के पास है। लेकिन, कभी भी एजेंसी का काम संतोषजनक नहीं रहा है। न तो सही तरीके से डोर-टू-डोर वेस्ट कलेक्शन होता है और न ही कचरे का डिस्पोजल हो पा रहा है। इसके अलावा गली-मुहल्लों के साथ सार्वजनिक स्थलों पर कई-कई दिनों तक कचरा यूं ही पड़ा रहता था। नालियां जाम होने के कारण ओवरफ्लो करती रहती हैं, पर एजेंसी की नजर उस ओर नहीं जाती है।

पार्षदों ने एजेंसी के खिलाफ कई बार आवाज की बुलंद

एजेंसी की साफ-सफाई की व्यवस्था से तमाम वार्ड पार्षद परेशान हैं। वे निगम की बोर्ड मीटिंग में एजेंसी को डिबार करने की मांग को लेकर हंगामा कर चुके हैं, लेकिन बार-बार एजेंसी को चेतावनी देकर छोड़ दिया जा रहा है। ऐसे में इसका खामियाजा शहर वासियों को भुगतना पड़ रहा है। जहां-तहां पसरी गंदगी से लोगों का जीना मुहाल हो गया है और इसके लिए वे अपने पार्षदों को निशाने पर ले रहे हैं।

Posted By: Inextlive