RANCHI : पॉलीथीन की वजह से एनवायरमेंट को हो रहे नुकसान से हर कोई वाकिफ है। सरकार ने भी 40 माइक्रोन तक के प्लास्टिक पर बैन लगा रखा है, लेकिन आम से लेकर खास तक इसका खुलेआम उल्लंघन कर रहे हैं। आश्चर्य इस बात है कि वेस्ट डिस्पोजल करने वाला नगर निगम भी इसमें पीछे नहीं है। पॉलीथीन पर बैन होने के बाद भी निगम की ओर से स्वच्छ भारत अभियान के तहत प्लास्टिक बैग में उन लोगों को कूड़े-कचरा बांटा जा रहा है, जिन्होंने अपने घरों में शौचालय नहीं बनाया है। निगम द्वारा पॉलीथीन बैग का इस्तेमाल शहर को साफ-सुथरा रखने के लिए चल रहे स्वच्छ भारत अभियान को ठेंगा दिखाने के लिए काफी है।

नहीं हो रही कोई कार्रवाई

40 माइक्रोन तक के प्लास्टिक कैरी बैग के यूज पर बैन लगा हुआ है। इसमें कहा गया है कि इससे ज्यादा माइक्रॉन के प्लास्टिक का इस्तेमाल किया जा सकता है। पर, जो 40 माइक्रॉन से नीचे के प्लास्टिक का प्रोडक्शन और सेल करता है तो उस पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। पॉलीथीन बैन को लेकर बने कानून को लागू कराने की जिम्मेवारी पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड और रांची नगर निगम को दी गई है, लेकिन मॉल और बड़ी दुकानों व शोरूम को छोड़ अन्य दुकानों में इसका धड़ल्ले से इस्तेमाल हो रहा है।

सरकार का क्या है आदेश

-प्लास्टिक कैरी बैग का नहीं होगा प्रोडक्शन

-दुकानदार और ठेले वाले नहीं करेंगे इस्तेमाल

प्लास्टिक कैरी बैग के नुकसान

-भूमि की उत्पादन क्षमता को कर रहा कम

-वाटर लेवल घटाने में अहम भूमिका

-सांस और स्किन से जुड़ी बीमारियों को दावत

-खाने के सामान में इस्तेमाल से कैंसर का खतरा

-पॉलीथीन को जलाने पर निकलने वाला धुआं ओजोन परत को कर रहा कमजोर

- पॉलीथीन बैग से जाम हो जा रही है नालियां

-सब्जियों के साथ खाने से जानवरों में भी बढ़ रहा बीमारी का खतरा

ऐसे तैयार होता है पॉलीथीन

पॉलिथीन एक तरह का पेट्रो केमिकल प्रोडक्ट है।

इसमें वैसे केमिकल्स का ज्यादा इस्तेमाल होता है जो एनवायरमेंट को नुकसान पहुंचाता है। कलरफुल पॉलीथीन में में लेड, ब्लैक कार्बन, क्रोमियम और कापर डालकर तैयार किए जाते है, जो एनवायरमेंट के साथ इंसान व जानवरों के लिए बेहद खतरनाक है।

Posted By: Inextlive