RANCHI : रांची पुलिस को साइबर क्रिमिनल्स के खिलाफ एक बड़ी कामयाबी मिली है। पुलिस ने साइबर क्रिमिनल्स गैंग के मास्टरमाइंड समेत छह मेंबर्स को गिरफ्तार कर लिया है। इनमें सरगना संतोष चौरसिया के अलावा पलामू का अक्षय कुमार, लापुंग के देवगांव का संतोष कुमार महतो, कांके डैम साइड गांधीनगर का अभिषेक पांडेय, मांडर का संजय उरांव और पंडरा का रवि यादव शामिल है। सभी से पूछताछ की जा रही है, जिसमें साइबर क्राइम से जुड़े कई मामलों में अहम खुलासे हो सकते हैं।

लगातार हो रही थी छापेमारी

चडरी लाइन टैंक रोड निवासी ठेकेदार चंद्रकांत कुमार के खाते से डुप्लीकेट आरटीजीएस के माध्यम से 9.80 लाख रुपए निकाले जाने के बाद से ही रांची पुलिस पूरे मामले की छानबीन में जुट गई थी। इस बाबत जालसाजों की गिरफ्तारी के लिए रांची पुलिस की पांच टीमें बुधवार से ही अलग-अलग इलाकों में काम कर रही थी। इन्हें पकड़ने में मुख्यालय वन एएसपी अमित रेणु, कोतवाली डीएसपी अजीत कुमार बिमल और कोतवाली इंस्पेक्टर श्यामानंद मंडल की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश में पुलिस छापेमारी कर रही है।

ऐसे आए गिरफ्त में

रांची के एक ठेकेदार के खाते से चेक का क्लोन बनाकर नौ लाख 80 हजार रुपये की निकासी मामले की जांच जब पुलिस ने शुरू की तो बैंक और टेलीकॉम कंपनी की गोपनीय कायरें में जालसाजों का कब्जा होने की बात सामने आई। इसका खुलासा तब हुआ जब क्लोन चेक से लाखों रुपये उड़ाने वाले जालसाजी का मास्टरमाइंड संतोष चौरसिया पकड़ा गया। उसके मुताबिक बैंक से केवल पांच लाख रुपये अभिषेक के खाते में ट्रांसफर किया गया था। इसके बाद को 50 रुपए देकर संतोष ने पूरे रुपए ले लिए। ऐसे में बैंक मैनेजर को शक हुआ। वे दूसरे दिन अभिषेक के घर पहुंच गए। अभिषेक ने बैंक मैनेजर को पूरी बात बता दी थी कि दस फीसद कमीशन के लिए उसके खाते का इस्तेमाल किया जा रहा है। इसके दूसरे दिन रुपये लेने पहुंचे संतोष चौरसिया और उसके गिरोह के लोगों को दबोच लिया।

तीन पहले अभिषेक से हुई थी दोस्ती

संतोष चौरसिया ने तीन से चार दिन पहले ही अभिषेक से दोस्ती की थी। दोस्ती के बाद उसे जमीन का धंधा करने के लिए साथ काम करने का ऑफर किया। उसको समझाया कि तुम्हारे खाते में रुपये भेजा जाएगा। हर निकासी पर दस फीसद का कमीशन दिया जाएगा। उसके झांसे में आकर अभिषेक ने अपने खाते में चंद्रकांत के खाते से रुपये ट्रांसफर के लिए तैयार हो गया था।

जहां छपता है चेक, वहीं से आता क्लोन चेक

मास्टरमाइंड संतोष चौरसिया ने पुलिस को बताया है कि उसके पास क्लोन चेक वहीं से आते हैं, जहां बैंक की चेकबुक छपाई होती है। इसके लिए पटना का गिरोह सक्त्रिय है। संतोष चौरसिया मूल रूप से पलामू जिले के मंझियांव का रहने वाला है। पिस्का मोड़ में एक किराये के मकान में रहता है।

मोबाइल नंबर में हेरफेर से होता है वैरिफिकेशन

पुलिस की पूछताछ में सामने आई है कि जिस खाता धारक का क्लोन चेक मंगवाया जाता है, उनके खाते पर पूरा टास्क किया जाता है। खाताधारक का पर्सनल डिटेल्स, हस्ताक्षर और मोबाइल नंबर लिया जाता है। इसके बाद खाताधारक के नंबर से मिलता-जुलता एक नंबर टेलीकॉम कंपनी की मिलीभगत से जारी करवाया जाता है। उसी नंबर को आरटीजीएस के लिए दिए गए चेक में अंकित किया जाता है। जिसमें एसएमएस भेजकर रुपये ट्रांसफर कर दिए जाते हैं। दूसरा तरीका यह भी है कि खाताधारक के अकाउंट से भी नंबर बदलवा देते हैं, ताकि रुपये की ट्रांसफर के लिए फर्जी नंबर पर सत्यापन के लिए कॉल जाए।

तीन करोड़ की कर चुका है अवैध निकासी

मास्टरमाइंड संतोष चौरसिया ने पुलिस से कहा है कि वो क्लोन चेक के माध्यम से बैंक से अवैध निकासी कर तीन करोड़ रुपये जमा कर चुका है। अब हटिया से चुनाव लडने की तैयारी कर रहा था। उसने बताया कि हाल में ही उसने नई बुलेट बाइक खरीदी है। इसके अलावा उसके पास पांच कार भी है।

Posted By: Inextlive