RANCHI : सबसे गंदे शहर का खिताब भले ही धनबाद के नाम रहा हो, लेकिन यहां के सरकारी स्कूल स्वच्छता के पैमाने पर खरे उतरे हैं। राज्य के ख्ब् जिलों को पछाड़ते हुए धनबाद के सरकारी स्कूल 'स्वच्छ विद्यालय पुरस्कार' की श्रेणी में अव्वल रहे। राज्य से कुल म्फ्7 स्कूलों को सेल्फ रेटिंग के आधार पर शार्टलिस्ट किया गया, इसमें धनबाद के सबसे अधिक फ्9 स्कूल शामिल हैं। फ्म् स्कूलों के साथ रांची, पूर्वी सिंहभूम व रामगढ़ संयुक्त रूप से दूसरे और खूंटी फ्ब् स्कूलों के साथ तीसरे स्थान पर है।

सिर्फ चार को ग्रीन स्टार

राज्य में सिर्फ चार स्कूलों को ग्रीन स्टार मिला है। इसमें भी धनबाद के दो स्कूल शामिल हैं। 9ब्.भ्क् रेटिंग के साथ कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय टुंडी पहले स्थान, 9ख् रेटिंग के साथ उत्क्रमित मध्य विद्यालय डांगेपाड़ा बलियापुर (दोनों धनबाद) दूसरे स्थान पर और उत्क्रमित मध्य विद्यालय माली प्लौंजिया गोड्डा व उत्क्रमित मध्य विद्यालय सांकी रामगढ़ 90 रेटिंग के साथ संयुक्त रूप से तीसरे स्थान पर हैं। सबसे निचले पायदान पर देवघर है, यहां से सिर्फ क्फ् स्कूलों का चयन हुआ है।

मांगे गए थे ऑनलाइन आवेदन

दरअसल सरकारी को स्वच्छता के प्रति प्रोत्साहित करने के लिए मानव संसाधन विभाग भारत सरकार की ओर से स्वच्छ विद्यालय पुरस्कार दिया जा रहा है। प्रत्येक स्कूल से सेल्फ रेटिंग के साथ ऑनलाइन आवेदन मांगे गए थे। स्वच्छता और शिक्षण व्यवस्था का निरीक्षण करने के बाद ग्रीन से रेड भ् स्टार तक रेटिंग दी गई। भ् स्टार यानी ग्रीन रेटिंग वाले स्कूल को प्रदेश और देश में पुरस्कार की प्रतिस्पर्धा में रखा जाएगा।

सिंगल रेटेड स्कूलों का होगा सुधार

सिंगल स्टार यानी रेड रेटिंग वाले स्कूलों में सुधार पर ध्यान दिया जाएगा। सबसे स्वच्छ स्कूल को पुरस्कार स्वरूप भ्0 हजार रुपए दिए जाएंगे। झारखंड शिक्षा परियोजना की ओर से सभी प्राथमिक, मध्य एवं कस्तूरबा विद्यालयों को पत्र जारी कर स्वच्छ विद्यालय पुरस्कार में शामिल होने का निर्देश दिया गया था। इसमें विद्यालयों के शौचालय की क्रियाशीलता, पानी की व्यवस्था, हैंडवॉश की व्यवस्था, रख-रखाव, बच्चों के बीच जागरूकता से संबंधित विषयों का फोटोग्राफ एवं विवरण मोबाइल ऐप के माध्यम से अपलोड किया जाना था।

म्फ्7 स्कूलों का हुआ था सेलेक्शन

इस आधार पर राज्य भर से भ्भ् प्रतिशत से अधिक रेटिंग वाले म्फ्7 स्कूलों का चयन किया गया, जिन्हें ग्रीन, येलो और ब्लू स्टार दिया गया। हालांकि संबंधित जिलों के उपायुक्त की अध्यक्षता में अभी एक कमेटी बनेगी और स्कूलों द्वारा दिए गए सेल्फ रेटिंग का सच जानेगी।

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जिला, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर मिलेंगे पुरस्कार

- जिलास्तर पर फ्, ब् व भ् स्टार वाले क्ख् शहरी और फ्म् ग्रामीण स्कूलों को पुरस्कार मिलेगा।

- ब् और भ् स्टारवाले भ् शहरी क्भ् ग्रामीण स्कूलों को स्टेट अवार्ड और विशेष ग्रांट दी जाएगी।

- भ् स्टारवाले राज्य के ब्0 स्कूलों को राष्ट्रीय पुरस्कार के लिए नामित किया जाएगा।

- राष्ट्रीय स्तर पर टीमों की जांच के बाद फ्0 शहरी और 70 ग्रामीण स्कूलों को राष्ट्रीय पुरस्कार मिलेगा।

- इन स्कूलों को भ्0 हजार रुपये पुरस्कार राशि के साथ विशेष ग्रांट भी जारी की जाएंगी।

- प्रत्येक जिले के बेस्ट क्0 स्कूलों को प्रमाणपत्र दिए जाएंगे।

Posted By: Inextlive