RANCHI: किसी भी यूनिवर्सिटी में अगर डिपार्टमेंट खोजना हो, तो कोई भी साइन बोर्ड ही पहले खोजता है। लेकिन, जरा सोचिए उस यूनिवर्सिटी में डिपार्टमेंट्स खोजना कितना मुश्किल हो जाता होगौ, जहां कोई साइन बोर्ड ही नहीं लगा हो। जी हां, रांची यूनिवर्सिटी के गेट पर नक्शा की बात तो दूर अधिकतर पीजी डिपार्टमेंट्स में साइन बोर्ड भी नहीं लगा है। हद तो तब हो जाती है कि यहां के अधिकतर स्टूडेंट्स भी यह नहीं बता पाते हैं कि कौन सा पीजी डिपार्टमेंट कहां है। ऐसे में गेस्ट फेकल्टी का काफी समय तो डिपार्टमेंट खोजने में ही बीत जाता है।

केमेस्ट्री ही नहीं आ‌र्ट्स डिपार्टमेंट में भी साइन बोर्ड नहीं

रांची यूनिवर्सिटी के मोरहाबादी कैंपस में अगर आपको पीजी केमेस्ट्री डिपार्टमेंट में जाना हो, तो उसे खोजने में ही आपका आधा घंटा से अधिक समय बर्बाद हो जाएगा। क्योंकि, वहां ऐसी कोई भी जानकारी नहीं है जिससे ये पता चल सके कि केमेस्ट्री डिपार्टमेंट कहां है। हालांकि यह हाल केवल केमेस्ट्री डिपार्टमेंट का ही नहीं, बल्कि बेसिक साइंस बिल्डिंग में जितने भी डिपार्टमेंट्स हैं सबकी यही कहानी है। आ‌र्ट्स के कई डिपार्टमेंट में भी साइन बोर्ड नहीं लगा है।

स्टूडेंट्स भी नहीं जानते कहां है पॉलिटिकल साइंस डिपार्टमेंट

मोरहाबादी कैंपस में जब एक स्टूडेंट से पूछा गया कि पॉलिटिकल साइंस डिपार्टमेंट कहां है, तो स्टूडेंट का जवाब था मुझे इसकी जानकारी नहीं है, किसी और से पूछ लीजिए। आ‌र्ट्स में केवल हिस्ट्री, सोसियोलॉजी और एंथ्रोपोलॉजी डिपार्टमेंट ही नजर आते हैं, बाकी डिपार्टमेंट्स कहां है इसकी जानकारी स्टूडेंट्स तक को नहीं है। इसके अलावा कॉमर्स का अलग डिपार्टमेंट है, उसका नाम भी लिखा हुआ है।

आरयू के 17 पीजी डिपार्टमेंट्स में नहीं है कोई साइन बोर्ड

पीजी के चार पांच डिपार्टमेंट्स को अगर छोड़ दिया जाए, तो बाकी 17 डिपार्टमेंट्स ऐसे हैं, जिनका न तो बोर्ड है और न ही इस संबंध में कहीं कोई जानकारी है। जबकि दूसरे स्टेट में की यूनिवर्सिटी में पहले ही नक्शा बना रहता है, इसके बाद डिपार्टमेंट के बाहर उसका नाम भी लिखा हुआ रहता है। इससे स्टूडेंट्स को डिपार्टमेंट खोजने में कोई परेशानी नहीं होती है।

क्या कहते हैं स्टूडेंट

कैंपस में पता ही नहीं चलता कि कौन सा डिपार्टमेंट कहां है। जब हमसे कोई पूछता है कि केमेस्ट्री डिपार्टमेंट कहां है, तो हम लोग भी यह जानकारी नहीं दे पाते हैं।

-ओमप्रकाश

मोरहाबादी में इंट्री करते समय बोर्ड होना जरूरी है। इसके अलावा सभी डिपार्टमेंट्स का एक अलग बोर्ड बाहर में होना चाहिए। डिपार्टमेंट खोजने में बाहर से आने वालों को बहुत प्रॉब्लम होती है।

कलेश्वर कुमार

ये समस्या स्टूडेंट के साथ बाहर से आने वाले टीचर्स को भी झेलनी पड़ती है। यहां पता ही नहीं चलता है कि कौन सा डिपार्टमेंट कहां है।

सुरेश कुमार

Posted By: Inextlive