ऑनलाइन कांफ्रेंस कॉल पर लगती है पकड़ की बोली

हर 6 महीने में होती है ऑनलाइन कांफ्रेंस कॉल

सॉलिड - प्लॉट, मकान, दुकान, गाड़ी

लिक्विड - गोल्ड, एफडी और पॉलिसी

MEERUT : अब रूपयों के लिए हत्या, लूट और डकैती का काम छुटभैया बदमाशों की पहचान है, क्योंकि बड़े और कुख्यात बदमाशों के लिए तो सॉलिड और लिक्विड रंगदारी का नेक्सस ही उनका फेवरेट बिजनेस बन गया है। इतना ही नहीं आश्चर्य तो तब होता है जब रंगदारी का ये ऑनलाइन नेक्सस जेल की ऊंची-ऊंची दीवारों के पीछे, जैमर जड़ें एंटीनों के बीच, सीसीटीवी कैमरों के सामने और पुलिस सुरक्षा के घेर में ही चलता है।


कांफ्रेंस कॉल पर बोली

सूत्रों के मुताबिक हर छह महीने शहर के दोनों बड़े और कुख्यात गैंग के सरगना, गैंग्स के सोशलाइट मेंबर (सामाजिक छवि वाले व्यक्ति) द्वारा उपलब्ध कराई गई पकड़ (जिनसे रंगदारी वसूली जानी है) की लिस्ट पर भाईसाहब (व्हाइट कॉलर कुख्यात) के समक्ष बोली लगाते हैं। बोली का ये पूरा प्रोसेस ऑनलाइन क्रांफ्रेंस कॉल के जरिए चलता है, जिसे भाईसाहब ही अरेंज कराते हैं।

 

जेलर का गेस्ट रूम

ये जगजाहिर है कि जब तक जेल की मिलीभगत न हो, तब तक कोई भी अपराधी सलाखों के पीछे से अपना नेक्सस नहीं चला सकता है। सूत्रों के मुताबिक कुख्यात सरगना अपने शहर की जेल में हो या किसी अन्य प्रदेश की जेल में, जेलर के गेस्ट रूम में कांफ्रेंस कॉल का इंतजाम हो जाता है। जेल का सीधा सा रूल है कुख्यात कमाएगा, नहीं तो गैंग और जेल कैसे चलाएगा।

 

बराबर बांटी जाती पकड़

पकड़ की लिस्ट में जितने नाम होते हैं, उन्हें दोनों सरगना बारी-बारी ऊंची बोली लगाकर आपस में बराबर बांट लेते हैं। इसके बाद पकड़ से वसूले जाने वाले सॉलिड यानी प्लॉट, मकान, दुकान, गाड़ी और लिक्विड यानी गोल्ड, एफडी और पॉलिसी को भी भाईसाहब के हिसाब ऑनलाइन ही तय कर लेते हैं।

 

हर पकड़ पर कमीशन

पकड़ से गैंग रंगदारी वसूले या नहीं, इससे भाईसाहब का कोई लेना-देना नहीं होता। भाईसाहब का तो हर पकड़ पर पहले से कमीशन सेट होता है। जो दोनों गैंग्स में ऑनलाइन पकड़ बांटने के 24 घंटे बाद ही भाईसाहब के अकाउंट में पहुंच जाता है।

 

गौरतबल है कि गत 24 नवंबर को दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने 'नोटबंदी के बाद रंगदारी से भी गायब हो गया कैश' नामक शीर्षक वाली स्टोरी में कैश की जगह सॉलिड और लिक्विड के चलन का खुलासा किया था। इस बात का जीता जागता उदाहरण तब देखने को मिला जब लखनऊ की देवरिया जेल में बंद पूर्व सांसद अतीक अहमद के बेटे और उसके गुर्गे लखनऊ के कृष्णा नगर के रहने वाले प्रॉपर्टी डीलर का अपहरण कर देवरिया जेल में अतीक के पास ले गए और वहां उससे मारपीट कर उससे सॉलिड यानी उसकी प्रॉपर्टी अपने नाम करा ली।

 

 

7 से 8 बार की जाती है ऑनलाइन कांफ्रेंस कॉल

 

10 मिनट होती है प्रत्येक ऑनलाइन कांफ्रेंस कॉल की अवधि

 

30 से 35 मिनट होता है ऑनलाइन कांफ्रेंस कॉल के बीच का अंतर

 

1 घंटा या 45 मिनट कुल ऑनलाइन कांफ्रेंस कॉल का समय

Posted By: Inextlive