देश के 46वें मुख्य न्यायधीश जस्टिस रंजन गोगोई राज्यसभा के सांसद बन गए हैंं। राज्यसभा में कांग्रेस डीएमके सीपीएम और आईयूएमएल सदस्यों के विरोध के बीच शपथ ली।

नई दिल्ली (आईएएनएस/एएनआई)पूर्व चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने राज्यसभा सदस्य के तौर पर बृहस्पतिवार को कांग्रेस सदस्यों के विरोध के बीच शपथ ली। शपथ लेने के बाद जस्टिस गोगाेई ने सदन में मौजूद सदस्यों का नमस्ते कहकर अभिवादन किया। जैसे ही राज्यसभा के चेयरमैन एम वेंकैया नायडू ने नामित सदस्य के तौर पर उनके शपथ लेने की घोषणा की तभी कांग्रेस, डीएमके, सीपीएम और आईयूएमएल पार्टी के नेता अपने स्थान पर खड़े हो गए और नारेबाजी करने लगे।

शपथ के बीच नारेबाजी करते सदन के बाहर चले गए कांग्रेसी नेता

राज्यसभा में सभापति की घोषणा के बीच ही कांग्रेस नेता आनंद शर्मा और जयराम रमेश ने नारेबाजी करते रहे। इसके बाद अन्य सदस्यों ने भी नारेबाजी शुरू कर दी। जब जस्टिस गोगोई सदन के वेल में जा रहे थे, पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम नारेबाजी करते हुए सदन के बाहर जाने लगे। उनके पीछे कांग्रेस के अन्य नेता भी हो लिए। डीएमके, सीपीएम और आईयूएमएल नेताओं ने कांग्रेसी नेताओं का साथ दिया। जब गाेगोई शपथ ले रहे थे सदन विरोध के नारों के बीच गूंज रहा था और शांति तभी आई जब कांग्रेस, डीएमके, सीपीएम और आईयूएमएल नेता बाहर चले गए।

सभापति ने कांग्रेसियों से कहा यह ठीक नहीं

सभापति नायडू ने कहा कि यह ठीक नहीं है... यह गलत है... बहुत गलत है। शपथ लेने के बाद गोगोई अपनी सीट नंबर 131 पर चले गए। यह सीट उन्हें अस्थाई तौर पर आवंटित किया गया है। अपने स्थान पर पहुंच कर उन्होंने हाथ जोड़े और सदन में मौजूद सदस्यों का अभिवादन किया। बीजेपी और गठबंधन के सभी नेताओं ने उनका राज्यसभा में स्वागत किया। नायडू ने कहा कि हम सब संवैधानिक पद पर हैं। हम परंपरागत तौर-तरीकों को जानते हैं और हम सब भारत के राष्ट्रपति की शक्तियों से भली-भांति परिचित हैं। आपके जो भी सोचते हैं वो आप सदन के बाहर कह सकते हैं।

कानून मंत्री ने कांग्रेसियों को दिलाई याद, कहा उन्होंने भी किया था ऐसा मनोनयन

केंद्रीय कानून मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने कहा कि इस सदन की यह महान परंपरा है कि यहां विभिन्न क्षेत्रों से लोग आते हैं। इनमें भारत के पूर्व चीफ जस्टिस भी शामिल हैं। उन्हें इस बात का खेद है कि जो नारेबाजी कर रहे थे उन्होंने भी इस प्रकार के मनोनयन को मंजूरी दी थी। जस्टिस गोगोई ने शपथ ली है और वे सदन के सदस्य के तौर पर निश्चय ही अपना योगदान देंगे।

चिदंबरम और रमेश ने अनदेखा किया गोगोई को

सदन शुरू होने के तुरंत पहले गोगोई अपनी पत्नी के साथ राज्यसभा पहुंचे थे। प्रवेश करने के बाद उन्होंने सदन में मौजूद प्रत्येक सदस्य का अभिवादन किया। चिदंबरम और जयराम रमेश ने उनके अभिवादन को अनदेखा कर दिया। जब गोगाेई ने कानून मंत्री का 'नमस्ते' कहकर अभिवादन किया तो उन्होंने 'गोगोई जी आपका स्वागत है' कहकर जवाब दिया। इसके बाद उन्होंने अपनी आवंटित सीट संख्या 131 पर पहुंच कर बैठ गए। उनके बगल में एक अन्य नामित सदस्य सोनल मानसिंह थीं। उनके बीच संक्षिप्त बातचीत हुई। इस बीच गोगोई की पत्नी और उनकी बेटी दर्शक दीर्घा से सदन की कार्यवाही देख रही थीं।

देश के 46वें सीजेआई थी गोगोई

जस्टिस गोगोई देश के 46वें चीफ जस्टिस के तौर पर 3 अक्टूबर, 2018 से 17 नवंबर, 2019 तक अपनी सेवाएं दी थीं। 9 नवंबर, 2019 को उनकी अगुआई में पांच जजों की एक बेंच ने लंबे समय से लंबित राम जन्म भूमि मामले में फैसला सुनाया था।

लंबित पड़े मामलों को बताया था कोर्टों की कमजोरी

अपना कार्यालय छोड़ने से पहले उन्होंने कहा था कि भारतीय न्यायालयों में लंबित पड़े मामले संस्थान को कमजोर करते हैं। सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन को लिखे अपने पत्र में जस्टिस गोगोई ने कहा था कि उसके अंग होने के नाते उन्होंने यह बात कही है जो हमेशा सुप्रीम कोर्ट के साथ रहेगी।

Posted By: Satyendra Kumar Singh