- अंतिम यात्रा में बड़ी संख्या में उमड़े लोग, श्रद्धा सुमन अर्पित कर दी श्रद्धांजलि

- लक्खीबाग श्मशान घाट पर किया गया अंतिम संस्कार, बेटे अजय वर्मा ने दी मुखाग्नि

DEHRADUN: पूर्व विधायक एवं वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी रणजीत सिंह वर्मा की अंतिम यात्रा में भारी संख्या में लोग उमड़े। हर किसी ने उनके संघर्ष को याद करते हुए श्रद्धा सुमन अर्पित किए। लक्खीबाग स्थित श्मशान घाट में उनका अंतिम संस्कार किया गया। यहां उनके बड़े पुत्र अजय वर्मा ने मुखाग्नि दी।

अंतिम यात्रा में उमड़ा हुजूम

उत्तर प्रदेश सरकार में मसूरी से दो बार विधायक और उत्तराखंड राज्य आंदोलन में अहम भूमिका निभाने वाले रणजीत सिंह वर्मा पंचतत्व में विलीन हो गए। मंगलवार को राजेंद्र नगर स्थित आवास से उनकी अंतिम यात्रा निकाली गई। इस मौके पर बड़ी संख्या में राज्य आंदोलनकारी, राजनीतिक संगठनों के प्रतिनिधि, वर्तमान और पूर्व विधायक, मंत्री, पूर्व मुख्यमंत्री समेत अन्य लोग शामिल हुए। अंतिम यात्रा के दौरान हर कोई उनके कार्यो पर चर्चा करता दिखा। लक्खीबाग में आंदोलनकारियोंने उनके पार्थिव शरीर पर पुष्प अर्पित करते हुए विदाई दी। इसके अलावा उनके घर पर भी लोगों का जमवाड़ा लगा रहा। उनके निधन पर उत्तर प्रदेश, चंडीगढ़ और हरियाणा आदि राज्यों से भी किसान नेता और जनप्रतिनिधि यहां पहुंचे थे। इस दौरान पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल, विधायक गणेश जोशी, प्रीतम सिंह पंवार, हरबंस कपूर, आइजी पुष्पक ज्योति, वरिष्ठ आंदोलनकारी सुशीला बलूनी, जगमोहन सिंह नेगी, रामलाल खंडूड़ी, प्रदीप कुकरेती, मोहन खत्री, ओमी उनियाल, सरोज पंवार, निर्मला बिष्ट, हीरा सिंह बिष्ट, जोत सिंह गुनसोला, शूरवीर सिंह सजवाण, सूर्यकांत धस्माना, लालचंद शर्मा समेत अन्य शामिल हुए।

राजकीय सम्मान न देने पर नाराजगी

दो बार पूर्व विधायक और वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी के निधन पर राजकीय सम्मान न दिए जाने पर आंदोलनकारियों ने नाराजगी जाहिर की है। कहा कि सरकार ने राजकीय सम्मान की घोषणा न कर आंदोलनकारियों का अपमान किया है। इसके अलावा जिलाधिकारी, एसडीएम आदि को जानकारी देने पर भी कोई प्रतिनिधि सम्मान देने नहीं आया, जिस पर आंदोलनकारियों ने सरकार पर रणजीत की उपेक्षा का आरोप लगाया।

Posted By: Inextlive