इस साल के अंत में इंदौर के होल्कर स्टेडियम में शुक्रवार से दिल्ली और विदर्भ के बीच खेला जाने वाला रणजी ट्रॉफी फाइनल बहुत ही दिलचस्प है। बता दें कि 83 साल के रणजी ट्रॉफी के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है जब दो सत्र के फाइनल मैच एक ही साल और एक ही जगह पर खेले गए हैं।


एक ही साल और एक ही ग्राउंडदरअसल, इस साल की शुरुआत यानी जनवरी में 2016-17 सत्र का भी फाइनल मैच खेला गया था। इसके बाद दिल्ली और विदर्भ के बीच 2017-18 सत्र का रणजी ट्रॉफी फाइनल मैच भी 29 दिसंबर 2017 यानी इसी साल खेला जा रहा है। दिलचस्प बात ये है कि 83 साल के रणजी ट्रॉफी के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि दो रणजी फाइनल एक ही साल खेल जाने के साथ दोनों फाइनल एक जगह, एक ही स्टेडियम(इंदौर के होल्कर स्टेडियम) में खेला गया है।2016-17 और 2017-18 सत्र रणजी ट्रॉफी फाइनल


इस साल 2016-17 रणजी सत्र का फाइनल मुंबई और गुजरात के बीच इंदौर के होल्कर स्टेडियम में 10 जनवरी 2017 से खेला गया था, जिसमें गुजरात ने 5 विकेट से जीत हासिल की थी। इसके बाद 2017-18 रणजी सत्र का फाइनल इसी स्टेडियम में दिल्ली और विदर्भ के बीच 29 दिसंबर 2017 से शुरू हुआ है।  इस प्रकार खेला गया मैच

दिल्ली ने पहले दिन यानी शुक्रवार को 6 विकेट के नुकसान पर 271 रन बनाये, जिसमें दिल्ली टीम के ध्रुव शोरे 123 रन की पारी खेलकर नाबाद रहे और हिम्मत सिंह ने 66 रन की पारी खेल मैच को एक नया रूप दे दिया। हालांकि, दिल्ली टीम की शुरुआत अच्छी नहीं रही, क्योंकि दिल्ली ने शुरू में 99 रनों पर ही अपने 4 विकेट खो दिए थे, लेकिन ध्रुव और हिम्मत की जबरदस्त साझेदारी ने टीम को संभाल लिया।विदर्भ के हीरो रहे रजनीश गुरबानीइस सेमिफिनल में विदर्भ की जीत के हीरो इस बार रजनीश गुरबानी रहे, क्योंकि उन्होंने हिम्मत सिंह को आउट कर बड़ी साझेदारी को तोड़ दिया।

Posted By: Mukul Kumar