हरक सिंह पर दिल्ली से लेकर दून तक छिड़ा सियासी रण

-रेप केस के बहाने कांग्रेस नेता उछाल रहे बीजेपी पर कीचड़

-बीजेपी के बड़े नेता पहले आए बचाव में, फिर साध ली चुप्पी

देहरादून

रेप केस में एक बार फिर हरक सिंह रावत का नाम सामने आने पर जमकर राजनीति होने लगी है। कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं। कांग्रेस का कहना है कि बीजेपी ने गंदगी को अपनी छाती से लगाया है। इधर, बीजेपी इसे सोची समझी राजनीतिक साजिश बताकर कांग्रेस को घेरने की कोशिश कर रही है। कुल मिलाकर कांग्रेस हरक सिंह के बहाने पूरी बीजेपी पर कालिख पोतने की कोशिश में है तो बीजेपी हरक के इस कथित रेप केस के बहाने कांग्रेस को षडयंत्रकारी घोषित करने पर तुली है। कुल मिलाकर इस पूरे सियासी रण में हरक सिंह दोनों ही पार्टियों के लिए एक हथियार बनकर रह गए हैं।

पुतला दहन राजनीति

रविवार को हरक सिंह के नाम पर जमकर पुतला दहन राजनीति भी हुई। देहरादून और विकास नगर में कांगेसी कार्यकर्ताओं ने हरक सिंह का पुतला फूंका तो हरिद्वार में बीजेपी कार्यकर्ताओं ने हरक सिंह को रेप केस में फंसाने की सरकारी साजिश का आरोप लगाकर सीएम हरीश रावत का पुतला फूंका।

इस सियासत के पीछे क्या?

दरअसल हरक सिंह हमेशा ही सियासत का हथियार बनते रहे हैं। कांग्रेस में उनके कई दोस्त भी हैं तो दुश्मन भी। इसी तरह बीजेपी में भी हरक के कई दोस्त और कई दुश्मन हैं। दोनों ही दलों में उनके दोस्त उनके खिलाफ नहीं बोल रहे हैं। कांग्रेस में जो उन्हें डैमेज करना चाहते हैं वे बीजेपी के खिलाफ आग उगल रहे हैं और उसी कांग्रेस के उनके दोस्तों में उनके प्रति सॉफ्ट कॉर्नर है। हरक सिंह के बीजेपी में आने से पार्टी के जो नेता नाराज थे वे अंदरखाने संगठन में हरक के खिलाफ दबाव बना रहे हैं।

क्या आरोप लगाने वाली जेनी है?

जिस महिला ने शुक्रवार को हरक सिंह रावत पर रेप का केस दर्ज कराया है उसकी सही पहचान अब तक नहीं हो पाई है, क्योंकि दिल्ली पुलिस इस मामले पर कुछ बोल ही नहीं रही है। लेकिन सूत्रों के मुताबिक ये वही औरत है जिसने 2003 में भी हरक सिंह पर रेप का आरोप लगाया था और अपने बच्चे का पिता होने का भी दावा किया था। इस मामले की सीबीआई जांच भी हुई थी। 2003 में असम की ही जेनी ने हरक सिंह पर ये आरोप लगाए थे। सूत्र ये भी बताते हैं कि सीसीटीवी फुटेज में दिल्ली के एक होटल में महिला हरक सिंह के साथ चाय पीते हुए दिख रही है। वो जेनी ही है।

वर्जन

केंद्र में सरकार भी उनकी है, पुलिस भी उनकी है और सीबीआई भी उनकी है। ऐसे में कांग्रेस कैसे कोई षडयंत्र रच सकती है। बीजेपी जानबूझकर इसे षडयंत्र का नाम दे रही है।

हरीश रावत, सीएम

अगर आरोप लगे हैं तो मामले की जांच जरूर की जानी चाहिए। लेकिन जबरन दबाव भी नहीं बनाया जाना चाहिए। हरक सिंह मेरे पुराने मित्र रहे हैं।

किशोर उपाध्याय, पीसीसी अध्यक्ष

पूरा मामला कांग्रेस के षडयंत्र का है। कानून अपना काम कर रहा है। फिर भी हम इस मसले पर हाईकमान से बात करेंगे।

अजय भट्ट, प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष

हरक सिंह के बड़े कद को देखते हुए कांग्रेस डरी हुई है और इसीलिए षडयंत्र के तहत उन्हें फंसाने की कोशिश की जा रही है।

मुन्ना सिंह चौहान, बीजेपी प्रवक्ता

Posted By: Inextlive