- जेल प्रशासन के जेल के अंदर सेटिंग करने में माहिर

- दुराचार के दोनों आरोपी मर्डर केस में बंद हैं जेल में

>NAINY (20 April, JNN): नैनी सेंट्रल जेल के अंदर दुराचार के आरोप की जांच में जुटा जेल प्रशासन मामले को फर्जी बताने में जुट गया है। जेल प्रशासन का दावा है कि मेडिकल रिपोर्ट में इस सनसनीखेज आरोप की पुष्टि नहीं हुई। हालांकि जेल प्रशासन ने एक टीम गठित कर जांच का आदेश दे दिया है। यह बात अलग है कि इसी जेल में मर्डर केस को सुसाइड बताकर मामले को रफा दफा भी कर दिया था। वह तो भला हो उस मजिस्ट्रीयल जांच का जिसने मर्डर का खुलासा किया था।

कोतवाली क्षेत्र का रहने वाला एक युवक पिछले वर्ष जून से नैनी के केंद्रीय कारागार में बलात्कार के मामले में बंद है। आरोप है कि उसके सर्किल के ही राइटर श्याम सुंदर दुबे और राम चंद्र पाल ने उसके साथ कुकर्म किया। दोनों बंदी प्रतापगढ़ के रहने वाले हैं और हत्या के मामले में पिछले सात वर्षो से आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं। आरोप है कि दोनों ने पीडि़त को चुप रहने की धमकी भी दी थी। लेकिन पीडि़त युवक के घर वालों को जानकारी मिली तो उन्होंने अपने वकील के माध्यम से जेल के आला अधिकारियों तक शिकायत पहुंचाई। जिसके बाद जांच पड़ताल शुरू हुई। जेल अधीक्षक अंबरीश गौड़ का कहना है कि फ्0 अप्रैल तक जांच के लिए गठित टीम अपनी रिपोर्ट देगी। उसके बाद कार्रवाई होगी।

मर्डर को बताया था सुसाइड

कुछ साल पहले की बात है। रायबरेली का रहने वाला एक युवक जेल में बंद था। एक दिन उसकी बॉडी फांसी पर लटकी मिली। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हत्या की बात प्रकाश में आई। लेकिन जेल प्रशासन ने इस केस में गेम कर दिया और पोस्टमार्टम रिपोर्ट किनारे कर उसे सुसाइड बताया। लेकिन उसकी जांच शुरू हो तो पता चला कि जेल में बंद दो बंदियों से उसकी लड़ाई हुई थी। उन्होंने ही उसकी हत्या की। जेल प्रशासन को जब इस बात की जानकारी हुई तो उन्होंने उन बंदियों को दूसरे बैरक में ट्रांसफर कर दिया था। एक बार फिर से रेप केस को लेकर कुछ इसी तरह की चर्चाएं हैं।

Posted By: Inextlive