राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ भाजपा का वैचारिक संगठन है और भाजपा इसकी राजनीतिक शाखा.


संघ कई संगठनों के जरिए समाज में अपने विचारों का प्रसार करता है.संघ के उद्देश्यों और उसके संगठनों के काम करने के तरीकों पर प्रकाश डाल रहे हैं संघ के वरिष्ठ विचारक एमजी वैद्य.एमजी वैद्य का विश्लेषणपूरे समाज को एक करने का मतलब है, इन सब क्षेत्रों का संगठन. मेरी जानकारी में उन क्षेत्रों की, जहां संघ के कार्यकर्ताओं की पहुँच है, संख्या 32 है.सारे क्षेत्रों को संघ ने एकदम से छुआ नहीं है. पहले विद्यार्थी जगत में विद्यार्थी परिषद बनी.साल 1951 में डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी, तत्कालीन सरसंघचालक माधव सदाशिव गोलवलकर जी से मिलने आए.एक नई राष्ट्रीय विचार वाली पार्टी की स्थापना की इच्छा उन्होंने व्यक्त की और संघ की ओर से कुछ कार्यकर्ताओं को देने का अनुरोध किया.


डॉक्टर मुखर्जी के कथन से गोलवलकर जी सहमत हुए और उन्होंने पंडित दीनदयाल उपाध्याय, अटल बिहारी वाजपेयी, नानाजी देशमुख, जगन्नाथराव जोशी, सुंदर सिंह भंडारी, कुशाभाऊ ठाकरे जैसे कुछ कार्यकर्ता दिए और भारतीय जनसंघ की स्थापना हुई.फिर दो-तीन साल बाद, संघ के एक वरिष्ठ प्रचारक दत्तोपंत ठेंगड़ी को लगा कि मजदूरों के क्षेत्र में काम करना चाहिए. उनको अनुमति मिली. ठेंगड़ी जी को मजदूर क्षेत्र में काम करने का अनुभव नहीं था.

इसलिए पहले वे 'इंटक' में गए. वहां से अनुभव लेकर उन्होंने 1954 या 1955 में भारतीय मजदूर संघ की स्थापना की.सांस्कृतिक मूल्य'एकल विद्यालय' यह इस आश्रम का एक महत्वपूर्ण प्रकल्प है. और भी संगठन उस से जुड़ गए.अब पचास हज़ार से ऊपर 'एकल विद्यालय' चल रहे हैं. धर्म के क्षेत्र में स्वयं गोलवलकर ने ही पहल की और विश्व हिंदू परिषद की स्थापना हुई.शंकराचार्यों, महन्तों, मठाधीशों को उन्होंने एक मंच पर लाया. किन्तु वे उसके अध्यक्ष नहीं बने.पहले विहिप के अधिवेशन के अध्यक्ष थे राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज और उसके अग्रगण्य नेताओं में थे मुंबई के स्वामी चिन्मयानंद और कर्नाटक के स्वामी विश्वेशतीर्थ महाराज.संगठनों का यह वटवृक्ष फिर बढ़ता ही गया. हरेक संगठन स्वतंत्र है और स्वायत्त है. सभी संगठनों का अलग संविधान है. सभी की धनसंग्रह की अलग विधि है.संघ का उद्देश्य यही है कि प्रत्येक संगठन को हमेशा राष्ट्र को सर्वोपरि मानना चाहिए. सभी संगठनों की गतिविधियां राष्ट्र की पोषक रहें, यही संघ की इच्छा है.

Posted By: Satyendra Kumar Singh