बीती दो अप्रैल को उपद्रव के आरोपी पूर्व विधायक योगेश वर्मा पर कसा शिकंजा

पल्लवपुरम थाने में खोली गई योगेश वर्मा की हिस्ट्रीशीट

हत्या, लूट व रंगदारी समेत 17 मुकदमों में नामजद है योगेश वर्मा

Meerut। दो अप्रैल को मेरठ में हुए उपद्रव को लेकर जेल में बंद पूर्व विधायक योगेश वर्मा पर जिला प्रशासन ने रासुका लगा दी। मंगलवार की देर रात करीब दो बजे पुलिस ने जेल में बंद योगेश वर्मा को रासुका का नोटिस तामील कराया। इसके साथ जिला प्रशासन ने शासन को भी रासुका के तहत कार्रवाई करने की जानकारी भेज दी है। इस मसले पर महापौर सुनीता वर्मा ने कहाकि पुलिस प्रशासन ने उनके पति योगेश वर्मा को झूठा फंसाया है। वह तो स्वयं भीड़ को समझाने गए थे।

देर रात नोिटस तामील

बीती 4 अप्रैल से पूर्व विधायक योगेश वर्मा पर पुलिस व जिला प्रशासन रासुका लगाने की तैयारी कर रहा था। इसके लिए दो अप्रैल को हुए सभी मुकदमों की फाइल, फुटेज समेत काफी सबूत एकत्रित किए गए। मंगलवार को रासुका की फाइल डीएम के पास भेजी गई। डीएम अनिल ढींगरा ने मंगलवार को रासुका की फाइल पर साइन किए। इसके बाद रासुका का नोटिस मंगलवार देर रात जेल में बंद योगेश वर्मा को तामील कराया गया।

राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम-1980, देश की सुरक्षा के लिए सरकार को अधिक शक्ति देता है। इसके जरिए ही केंद्र और राज्य सरकार गिरफ्तारी का आदेश देती हैं। यदि सरकार को लगता है कि कोई व्यक्ति देश की सुरक्षा सुनिश्चित करने वाले कायरें को करने से रोक रहा है तो वह उसे गिरफ्तार करने का आदेश देती है। इसके तहत जमाखोरों की भी गिरफ्तारी की जा सकती है। इस कानून का उपयोग डीएम, पुलिस कमिश्नर, राज्य सरकार अपने सीमित दायरे में भी कर सकती है।

अब क्या होगा

रासुका के तहत किसी व्यक्ति को पहले तीन महीने के लिए गिरफ्तार किया जाता है। फिर तीन-तीन महीने के लिए गिरफ्तारी की अवधि बढ़ाई जा सकती है। एक बार में तीन महीने से अधिक की अवधि नहीं बढ़ाई जा सकती है। अगर, किसी अधिकारी ने ये गिरफ्तारी की हो तो उसे राज्य सरकार को बताना होता है कि उसने किस आधार पर ये गिरफ्तारी की है। जब तक राज्य सरकार इस गिरफ्तारी का अनुमोदन नहीं कर दे, तब तक यह गिरफ्तारी 12 दिन से ज्यादा समय तक नहीं हो सकती है। अगर यह अधिकारी पांच से दस दिन में जवाब दाखिल करता है तो इस अवधि को 12 की जगह 15 दिन की जा सकती है। अगर रिपोर्ट को राज्य सरकार स्वीकृत कर देती है तो इसे 7 दिनों के भीतर केंद्र सरकार को भेजना होता है। इसमें इस बात का जिक्र करना आवश्यक है कि किस आधार पर यह आदेश जारी किया गया और राज्य सरकार का इस पर क्या विचार है और यह आदेश क्यों जरूरी है। यदि गिरफ्तारी के कारण पर्याप्त साबित हो जाते हैं तो व्यक्ति को गिरफ्तारी की अवधि से एक साल तक हिरासत में रखा जा सकता है। समयावधि पूरा होने से पहले न तो सजा समाप्त की जा सकती है और ना ही उसमें फेरबदल हो सकता है।

ये है हिस्ट्रीशीट

जिले में उपद्रव करने के आरोप में गिरफ्तार हुए पूर्व विधायक योगेश वर्मा की पहले दौराला थाने में हिस्ट्रीशीट खुली थी। जिसे बसपा शासनकाल में बंद करा दी गई थी। लेकिन पुलिस ने अब दौराला थाने से हिस्ट्रीशीट को पल्लवपुरम थाने में शिफ्ट करा दिया है। परतापुर, सदर, हस्तिनापुर, दौराला समेत कई थानों में योगेश वर्मा पर 8 मुकदमे दर्ज हैं। जिनकी दोबारा से जांच शुरू करा दी गई है।

भेजा जा सकता है पूर्वाचल जेल

पुलिस ने जातीय हिंसा फैलाने की आशंका के चलते आरोपी पूर्व विधायक योगेश वर्मा को शासन से पूर्वाचल जेल भेजने की मांग की है। शासन स्तर पर योगेश वर्मा को पूर्वाचल भेजने के लिए कार्रवाई चल रही है।

ये है पूरा मामला

गत् दो अप्रैल को भारत बंद के दौरान मेरठ में उपद्रव करने के आरोप में कंकरखेड़ा पुलिस ने महापौर पति योगेश वर्मा को उसके समर्थकों के साथ गिरफ्तार किया था। इसके बाद से वह जेल में बंद है। पुलिस ने पांच थानों में उसके खिलाफ 5 मुकदमे 13 गंभीर धाराओं में दर्ज कराए थे। साथ ही पुलिस ने पुराने 8 केस भी खोल दिए थे। पल्लवपुरम थाने में उसके खिलाफ हिस्ट्रीशीट भी खोली गई थी।

जातीय हिंसा की आशंका

मेरठ जेल में दो अप्रैल को उपद्रव में शामिल पूर्व विधायक योगेश वर्मा, बसपा जोनल कोर्डिनेटर सुनील जाटव मंडल कार्डिनेटर दिनेश काजीपुर, बसपा पार्षद भोपाल सिंह चांदना समेत 212 लोग बंद है। जिनके खिलाफ पुलिस ने उपद्रव से संबंधित 13 गंभीर धाराएं लगाई है। योगेश वर्मा पर अब तक 5 मुकदमे अलग अलग थानों में दर्ज हुए है।

एससी एसटी आयोग ने डीएम को निर्देश दिए थे कि पहले जांच की जाए। इसके बाद ही रासुका की कार्रवाई की जाए। लेकिन जिला प्रशासन ने आयोग के निर्देश का उल्लंघन करते हुए रासुका की कार्रवाई की है। पुलिस ने मेरे पति को झूठा फंसा है।

सुनीता वर्मा, महापौर, नगर निगम

200 लोगों के खिलाफ वारंट

पुलिस ने दो अप्रैल में 800 नामजद हुए आरोपियों में से 200 लोगों के कोर्ट से वारंट ले लिए है। जिनकी जल्द ही गिरफ्तारी की जाएगी। पुलिस अधिकारियों के मुताबिक योगेश वर्मा पर गुंडा एक्ट के तहत कार्रवाई करके दो अप्रैल को हुए नुकसान की भरपाई की जाएगी।

यह है टाइम लाइन

2 अप्रैल

एससीएसटी के कानून बदलने को लेकर सुबह 9 से दोपहर 2 बजे तक शहर में कई जगह मचाया गया उपद्रव

2 अप्रैल

शाम 4 बजे डीएम अनिल ढींगरा व तत्कालीन एसएसपी मंजिल सैनी ने पूर्व विधायक योगेश वर्मा की कंकरखेड़ा थाने से गिरफ्तारी की

2 अप्रैल

पांच थानों में 13 धाराओं में पूर्व विधायक योगेश वर्मा समेत 800 लोगों पर 12 मुकदमे दर्ज किए गए

4 अप्रैल

डीएम अनिल ढींगरा व तत्कालीन एसएसपी मंजिल सैनी ने रासुका लगाने की तैयारी की शुरू

15 अप्रैल

महापौर सुनीत वर्मा ने एससी एसटी आयोग में एसएसपी व डीएम की शिकायत की

16 अप्रैल

एसआईटी ने योगेश वर्मा के खिलाफ कोर्ट में पेश की चार्जशीट

16 अप्रैल

योगेश वर्मा को पूर्वाचल जेल भेजने के लिए शासन को लिखा लेटर

21 अप्रैल

योगेश वर्मा को जिला बदर करने की तैयारी

23 अप्रैल

आयोग ने एडीजी व तत्कालीन एसएसपी मंजिल सैनी को किया तलब

9 मई

जिला प्रशासन ने लगाई योगेश वर्मा पर रासुका

यह है रासुका

Posted By: Inextlive