टाटा ग्रुप के पूर्व चेयरमैन रतन टाटा हाल ही में एक अमेरिका बेस्ड ऑनलाइन एजुकेशन नॉन प्रॉफिट खान अकेडमी के साथ टाई-अप किया। ऐसे में इस खास मौके पर उनका कहना है कि देश में इंटॉलरेंस को खत्‍म करने में जॉब सैटिफैक्‍शन काफी मददगार साबित होगा।


सैटिसफैक्शन बहुत जरूरी टाटा ग्रुप ने हाल ही में एक बड़ा कदम उठाया है। टाटा ग्रुप ने अमेरिका बेस्ड ऑनलाइन एजुकेशन नॉन प्रॉफिट खान अकेडमी के साथ टाई-अप किया है। हाल ही में इसकी घोषणा टाटा ग्रुप के पूर्व चेयरमैन रतन टाटा ने की है। उनका कहना था कि आज ज्यादातर लोग ऑनलाइन दुनिया के पीछे भाग रहें है। जिससे आज के दौर में भला टाटा ग्रुप कैसे पीछे रह सकता है। इस कंपनी के साथ टाइअप करते हुए टाटा शिक्षा के क्षेत्र में कुछ खास नया करना चाहती है। ऐसे में इस खास मौके पर उन्होंने इन्टॉलरेंस पर बयान दिया। उनका कहना है कि आज शिक्षा और जॉब सैटिसफैक्शन बहुत जरूरी है। ये ही वो महत्वपूर्ण चीजे हैं जिनसे इन्टॉलरेंस को खत्म किया जा सकता है। लोगों के पास शिक्षा की कमी व जॉब की कमी रहेगी तो इस पर कंट्रोल कर पाना काफी मुश्िकल है।


समझ ज्यादा विकसित होती

हालांकि इस दौरान उन्होंने देश में इन दिनो आए इंटॉलरेंस वाले बयानों पर बोलने पर इंकार कर दिया। वहीं इस खास मौके पर वहां पर मौजूद खान अकेडमी के सीईओ सलमान खान का कहना है कि एजुकेशन इस बात को प्रमाणित करती है कि उससे इन्टॉलरेंस नहीं बढ़ती। शिक्षा टॉलरेंस का एक सबसे इंपारटेंट भाग है। जो कभी इंटॉलरेंस को हावी नहीं होने दे सकती है। इससे लोगों की समझ ज्यादा विकसित होती है। ऐसे में जब लोग पढे लिखे सुलझे होंगे तो उनके अंदर अपने आप फाइनेंशियल क्राइसिस में भी टॉलरेट करने की भावना विकसित हो जाती है। उनका मानना है कि भारत के लोग शांति और सामजस्य के साथ रहने में ज्यादा यकीन करते हैं।

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Posted By: Shweta Mishra