JAMSHEDPUR: रविवार की शाम लौहनगरी की फिजाओं में जय जगन्नाथजय जगन्नाथके जयकारे लग रहे थे। पूरा वातावरण भक्ति के भाव से सराबोर था। कीर्तन मंडलियां हरे रामा हरे कृष्णा संकीर्तन कर भक्ति रस घोल रही थीं। हर को भगवान जगन्नाथ, बहन सुभद्रा और भाई बलभद्र के रथ खींचने को व्याकुल नजर आ रहा था। कोई ागवान के दर्शन कर पुनर्जन्म की बेडि़यों से मुक्त होने को बेताब। क्या ास, क्या आम, हर कोई महाप्राु ागवान जगन्नाथ, ागवान बलाद्र और देवी सुाद्रा के दर्शन कर निहाल हो रहा था। महाप्रभु श्री जगन्नाथ की रथयात्रा के पूर्व महाप्रभु श्री जगन्नाथ, प्रभु बलभद्र एवं देवी सुभद्रा का पहंडी विजे किया गया। रश्रद्धालुओं का आनंद, उल्लास देखते बन रहा था। चारों ओर संकीर्तन की ध्वनि गूंज रही थी। शाम को मौसम सुहाना होने के कारण भक्तों में ारी उत्साह था। रथयात्रा का दिन ऐसा है जब भगवान खुद मंदिर से निकलकर भक्तों को दर्शन देते हैं।

इस्कॉन: सीएम ने खींचा रथ

बिष्टुपुर स्थित राम मंदिर परिसर से इस्कॉन की ओर से निकाली गई रथयात्रा का शुभारंभ मुख्यमंत्री रघुवर दास ने भगवान जगन्नाथ का रथ खींच कर किया। इसके पूर्व उन्होंने विधि-विधान से भगवान जगन्नाथ और देवी सुभद्रा की पूजा-अर्चना की। मौके पर मुख्यमंत्री ने राज्य की सुख-समृद्धि की कामना की। कहा, भगवान जगन्नाथ के अशीर्वाद से झारखंड विकास की नई ऊंचाइयां छुएगा। उन्होंने राज्य के लोगों को ईद की भी बधाई दी। मौके पर बतौर विशिष्ट अतिथि सांसद विद्युत वरण महतो भी मौजूद थे। यहां रथयात्रा में लगभग एक लाख लोग शामिल हुए। यात्रा दोपहर लगभग तीन बजे शुरू हुई, लेकिन देवी सुभद्रा के रथ के हाइड्रोलिक में कपड़ा फंस जाने के कारण यात्रा में लगभग दो घंटे का विलंब हो गया। लगभग ब्भ् फीट ऊंचे और क्भ् फीट चौड़े रथ पर सवार होकर प्रभु जगन्नाथ, बलराम और सुभद्रा मौसीबाड़ी के लिए रवाना हुए। वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ प्रभु को अपने परिवार सहित रथ में आरूढ़ करवा कर भक्त रथ को खींचने का काम शुरू किए। सुभद्रा का रथ केवल महिलाओं ने ही खींचा। पौराणिक वर्णन के अनुसार पुरुषों का इस रथ को खींचना निषेध माना गया है।

संस्थाओं ने लगाए स्टॉल

रथयात्रा में शामिल हो रही शहर की जनता और भक्तों की सेवा के लिए राइजिंग कोल्हान, मारवाड़ी युवा मंच, मारवाड़ी महिला मंच, अग्रहरी युवा मंच, बालाजी भक्त मंडल, बनभौरी देवी सेवा समिति, डिस्ट्रीब्यूटर एसोसिएशन ऑफ जमशेदपुर, जमशेदपुर चार्टर्ड अकाउंटेंट सोसाइटी, ट्रांसपोर्ट वेलफेयर एसोसिएशन, क्षत्रिय समाज, माहेश्वरी मंडल, मानव कल्याण सेवा समिति, मारवाड़ी सेवा समिति, ओसवाल जैन संघ, प्रभुदयाल भालोटिया सेवा ट्रस्ट, राजस्थान नवयुवक संघ, रंगीलो श्याम परिवार, शाकंभरी माता परिवार, श्याम सेवक समिति, पूर्वी सिंहभूम मारवाड़ी सम्मेलन, श्री गिरिराज सेवा ट्रस्ट, श्री जीण माता परिवार, श्रीराम जानकी सेवा समिति, उत्तर प्रदेश संघ, जमशेदपुर ओल्ड मोटर्स पार्ट्स डीलर एसोसिएशन, राम-रिछपाल गोयल सेवा ट्रस्ट, अशोक कुमार चौधरी, श्री राणी सती सत्संग सेवा समिति, जुगसलाई हैपनिंग सहित लगभग दो दर्जन से अधिक संस्थाओं और समाजसेवियों ने अपनी ओर से विभिन्न स्टाल लगाए।

झांकियां रहीं खास

रथयात्रा के दौरान ख्0 से अधिक झांकी, बच्चों के पसंदीदा कार्टून कैरेक्टर और सरायकेला के छऊ नृत्य दल के साथ-साथ उत्तर प्रदेश के वृंदावन स्थित गिरिराज धारण की झांकी भी शामिल थी। रथयात्रा में बैंड बाजा आदि भी शामिल था। रथयात्रा अंत में धालभूम क्लब मैदान में बनाई गई मौसीबाड़ी पहुंच कर संपन्न हुई।

बेल्डीह: रथ को की भव्य सजावट

नागा मंदिर समिति की रथयात्रा बेल्डीह कालीबाड़ी के निकट स्थित तुलसी मंदिर बेल्डीह तक गई। आगे-आगे नील आकाश मंडली कीर्तन करते हुए चल रही थी। यात्रा की शुरुआत रथ के नागा मंदिर की परिक्रमा करने के बाद हुई। समिति ने रथ को भव्य रूप से सजाया था। भगवान जगन्नाथ, बलभद्र व सुभद्रा की मूर्तियों की भी आकर्षक साज-सज्जा की गई है। इसके पूर्व विशेष पूजा व भगवान का भोग लगाया गया। मंदिर के समीप मेला भी लगा था।

न्यू बाराद्वारी : कीर्तन से वातावरण गुंजायमान

गांधी आश्रम कीर्तन मंडली सहित लगभग आधा दर्जन मंडलियों के कीर्तन से वातावरण गुंजायमान था। इस रथयात्रा में विभिन्न आश्रमों के लोग बड़ी संख्या में शामिल थे। आयोजन समिति ने रथ और भगवान की प्रतिमाओं की साज-सज्जा की थी। रथयात्रा गांधी आश्रम न्यू बाराद्वारी से शुरू होकर स्ट्रेट माइल रोड, रामलीला मैदान, बसंत टाकीज, काशीडीह, कुम्हारपाड़ा होते हुए पुन: गांधी आश्रम पहुंची। यात्रा में मुख्यमंत्री रघुवर दास, जिला परिषद अध्यक्ष बुलूरानी सिंह जिला पारिषद उपाध्यक्ष राजकुमार सिंह, भाजपा जिलाध्यक्ष दिनेश कुमार, पवन अग्रवाल, झाविमो नेता अभय सिंह, अशोक पांडेय, समाजसेवी बेली बोधनवाला, भादरमल खेमका सहित घनश्याम महानंद, जयसागर बी मुखी व शंभु मुखी आदि शामिल थे।

जुगसलाई में चला रथ

विधि-विधान से पूजा-पाठ करने के उपरांत रथयात्रा शाम को शुरू हुई। स्टेशन रोड काली मंदिर, चौक बाजार, मारवाड़ी पाड़ा, नया बाजार होते हुए पुन: हनुमान मंदिर पहुंची। आगे-आगे कीर्तन मंडली कीर्तन करते हुए चल रही थी। साथ में डंका भी बज रहा था। समिति ने रथ और प्रतिमाओं को भव्य रूप से सजाया था। यात्रा में दूसरे धर्मो के लोग भी बड़ी संख्या में शामिल थे।

उत्कल समाज व उत्कल एसोसिएशन में नव कलेवर अनुष्ठान

गोलमुरी उत्कल समाज और उत्कल एसोसिएशन गरमनाला साकची में पूरे विधि-विधान से नव कलेवर का अनुष्ठान संपन्न हुआ। सुबह घट स्थापना हुई। दोपहर में प्राण-प्रतिष्ठा व शाम सात बजे संध्या आरती हुई। इसके बाद शाम तक भजन-कीर्तन का दौर चला। गोलमुरी उत्कल समाज में शाम को आयोजित संगीत संध्या में भुवनेश्वर से आए कलाकारों ने समा बांधा। पुजारी ने बताया कि जिस वर्ष आषाढ़ मास में पुरुषोत्तम मास या अधिकमास पड़ता है, उस वर्ष भगवान की मूर्ति बदली जाती है। इसके लिए नीम की लकड़ी उसी पेड़ से ली जाती है, जिसमें शंख, चक्र, गदा या पद्म के चिह्न हों। पेड़ के नीचे सांप का बिल हो और उस पर कभी चिडि़या का वास न हो। इसी को नव कलेवर अनुष्ठान कहते हैं। इस बार दोनों स्थानों के लिए ओडिशा से भगवान जगन्नाथ, भगवान बलभद्र व देवी सुभद्रा की प्रतिमाएं लाई गई हैं।

नामदा बस्ती: श्रद्धालुओं ने खींचा रथ

नामदा बस्ती काली मंदिर से पूरे उत्साह के साथ रथ यात्रा निकाली गई। भजन-कीर्तन के साथ सैकड़ों श्रद्धालुओं ने रथ को खींच कर टिनप्लेट काली मंदिर स्थित मौसीबाड़ी पहुंचाया। इसके पूर्व पुजारी असित भट्टाचार्य, प्रवीर मुखर्जी, दीपक चक्रवर्ती व सपन बाग ने सभी धार्मिक अनुष्ठान संपन्न कराए।

Posted By: Inextlive