आखिरकार बीसीसीआई और सीओए ने टीम इंडिया के गेंदबाजी कोच के तौर पर भरत अरुण को नियुक्त कर दिया है। रवि शास्त्री के कहने पर भरत अरुण को यह जिम्मेदारी दी गई है। रवि शास्त्री के कोचिंग सपोर्ट स्टाफ में अब भरत अरुण बॉलिंग कोच हैं संजय बांगर बल्लेबाजी तो आर श्रीधर फील्डिंग कोच हैं।


रवि शास्त्री की जीतऐसे में जहां इसे रवि शास्त्री की जीत माना जा रहा है तो वहीं पहले जहीर खान को बॉलिंग कोच और विदेशी दौरों पर राहुल द्रविड़ को बैटिंग एडवाइज चुनने वाली क्रिकेट एडवाइजरी कमेटी की हार के तौर पर देखा जा रहा है। एडवाइजरी कमेटी में सौरव गांगुली, वीवीएस लक्ष्मण और सचिन तेंदुलकर शामिल हैं। खासतौर पर सौरव गांगुली के लिए यह फैसला सबसे बड़ा झटका है, जिनके रवि शास्त्री के साथ संबंध कुछ खास अच्छे नहीं हैं। कयास लगाए जा रहे हैं कि बीसीसीआई के इस फैसले के बाद सौरव गांगुली सीएसी से इस्तीफा भी दे सकते हैं। जहीर, द्रविड़ का कटा पत्ता


इससे साफ  है कि राहुल द्रविड़ और जहीर खान का पत्ता कट चुका है। टीम इंडिया के नए हेड कोच रवि शास्त्री ने बीसीसीआई की प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि राहुल द्रविड़ और जहीर खान दोनों ही बेहतरीन और अनुभवी क्रिकेटर्स हैं और अगर वो टीम इंडिया को किसी भी तरह की कोई सलाह देते हैं तो वो टीम के लिए बहुत कीमती होगी। इसके अलावा फिलहाल ये साफ  नहीं हो पाया है कि राहुल द्रविड़ और जहीर खान की टीम इंडिया के कोचिंग स्टाफ  में क्या भूमिका होगी। गौरतलब है कि रवि शास्त्री बतौर गेंदबाजी कोच भरत अरुण को टीम के साथ जोडऩा चाहते थे, क्योंकि ऐसी खबरें थी कि जहीर खान गेंदबाजी कोच के रूप में टीम इंडिया को सिर्फ  150 दिन ही दे पाएंगे। 54 साल के भरत अरुण अब श्रीलंका दौरे पर टीम इंडिया के गेंदबाजी कोच की कमान संभालेंगे। सीओए से मुलाकात के बाद फैसलाअरुण को दो साल के कांट्रैक्ट पर नियुक्त करने का फैसला शास्त्री की कमेटी ऑफ एडमिनिस्ट्रेटर्स (सीओए) और वर्किंग प्रेसीडेंट सीके खन्ना व सेक्रेट्री अमिताभ चौधरी से मुलाकात के बाद किया गया। विजयवाड़ा के भरत अरुण 80 के डिकेड में इंडिया के लिए दो टेस्ट और चार वनडे मैच खेल चुके हैं। उन्होंने दिसंबर 1986 में श्रीलंका के खिलाफ  कानपुर में टेस्ट डेब्यू किया था। इसी वर्ष उन्होंने श्रीलंका के खिलाफ  अपने वनडे करियर का आगाज किया था। टेस्ट क्रिकेट में 4 और वनडे में एक विकेट उनके नाम पर दर्ज हैं। इंटरनेशनल क्रिकेट में भरत अरुण ने भले ही कम मैच खेले हैं, लेकिन फस्र्ट क्लास क्रिकेट में खेलने का पर्याप्त अनुभव उनके पास है। 48 मैचों में 32।44 के औसत से 110 विकेट उनके नाम पर दर्ज हैं।  610 विकेट्स को नकार दिया

बीसीसीआई के इस फैसले से इंटरनेशनल क्रिकेट में 610 विकेट लेने वाले खिलाड़ी पर महज 5 इंटरनेशनल विकेट लेने वाला खिलाड़ी भारी पड़ गया। एक गेंदबाज के रूप में जहीर खान का भरत अरुण से ज्यादा अनुभव है। जहीर खान ने 200 वनडे मैच खेले हैं और 282 विकेट लिए हैं, जबकि अरुण ने सिर्फ  चार वनडे मैच खेले हैं और एक विकेट लेने में कामयाब हुए हैं। भरत अरुण ने 2 टेस्ट मैचों में 4 विकेट और 4 वनडे मैचों में सिर्फ  1 विकेट हासिल किया है। वहीं, जहीर खान का रिकॉर्ड देखें तो उन्होंने वनडे, टेस्ट और टी-20 में कुल 610 विकेट हासिल किए है। जहीर ने वनडे में 282, टेस्ट में 311 और टी-20 में 17 विकेट चटकाए हैं।  विनोद राय भी थे पक्ष में

सचिन तेंदुलकर, सौरव गांगुली और वीवीएस लक्ष्मण की अगुवाई वाली सीएसी की जहीर और राहुल द्रविड़ को बॉलिंग और बैटिंग एडवाइजर बनाने की इस सिफारिश पर सीओए के मुखिया विनोद राय ने भी ऐतराज जताया था। उन्होंने कहा था कि शास्त्री को उनकी पसंद का स्टाफ  चुनने का अघिकार होना चाहिए। पिछले कुछ दिनों से मीडिया में खबर आ रही थी कि शास्त्री सपोर्ट स्टाफ  में द्रविड़ और जहीर की नियुक्तियों से संतुष्ट नहीं थे। वह खुद ही अपना सपोर्ट स्टाफ  चुनना चाहते थे। शास्त्री ने अदा किया शुक्रियावहीं इस संबंध में मुख्य कोच रवि शास्त्री का कहना है कि मेरी अपनी मुख्य टीम को लेकर सोच साफ थी और आपने अभी उसके बारे में सुना। मैं बीसीसीआई का शुक्रगुजार हूं, जिसने मेरा सपोर्ट किया।

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Posted By: Shweta Mishra