ईमेल के अविष्‍कारक अमेरिकी प्रोग्रामर रे टॉमिल्‍सन का नाम तो सब जानते होंगे। उनको लेकर दुखद खबर ये है कि अब वह हमारे बीच नहीं रहे। बता दें कि वह 74 वर्ष के थे। याद दिला दें कि 1971 में टॉमिल्‍सन ने किसी एक नेटवर्क पर विभिन्‍न मशीनों के बीच सीधे इलेक्‍ट्रॉनिक संदेश्‍ा भेजने का अविष्‍कार किया था।

ऐसी है जानकारी
गौरतलब है कि उनके इस अविष्कार से पहले प्रयोगकर्ता एक ही कम्प्यूटर का इस्तेमाल करते हुए दूसरों के लिए संदेश भेज सकते थे। उनके नियोक्ता रेथियॉन ने इस बात की जानकारी अपने बयान में दी कि प्रौद्योगिकी के सच्चे पुरोधा रे ने नेटवर्क वाले कम्प्यूटरों के शुरुआती दिनों में लोगों को ई-मेल दिया।
बदला दुनिया के संवाद का तरीका
उन्होंने ये भी कहा कि उनके काम ने दुनिया के संवाद का तरीका ही बदल कर रख दिया। इतनी बड़ी उपलब्धी के बावजूद वह हमेशा अपने समय और कौशल के विनम्र, दयालु और उदार बने रहे। उनका मानना है कि सभी को इस पुरोधा की कमी खलेगी। इनकी कंपनी के प्रवक्ता ने बताया कि टॉमिल्सन का निधन शनिववार को हुआ। अभी फिलहाल उनके मौत के कारणों की पुष्टी नहीं हो सकी है। दुनियाभर में टॉमिल्सन को श्रद्धांजलि दी गई।
जीमेल टीम ने किया ट्विट
इस क्रम में गूगल की जीमेल टीम ने ट्विट किया है कि ईमेल के अविष्कार और नक्शे पर एट रेट का चिह्न लगाने के लिए शुक्रिया, रे टॉमिल्सन। हैशटैग आरआईपी। इंटरनेट के जनकों में से एक माने जाने वाले विंट सर्फ ने टॉमिल्सन के निधन कर खबर पर शोक जताया है।
ऐट रेट का किया अविष्कार
बता दें कि टॉमिल्सन ने जब ईमेल के पते के लिए ऐट रेट का अविष्कार किया तो उसको डीएआरपीए के एरपानेट पर लगाया गया। वह पहले ऐसे व्यक्ित थे, जिन्होंने ऐट रेट चिह्न का इस्तेमाल किसी यूजर को अपने होस्ट से अलग करने के लिए किया। मेसाच्यूसेट इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के स्नातक ने अपने ब्लॉग पर अपने अविष्कार के बारे में विस्तार के साथ लिखा था।

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Posted By: Ruchi D Sharma