आरबीआई अगले साल जनवरी से ट्रेडि़ग का समय बढ़ा रहा है। अब इन्‍वेस्‍टर्स रात 11.30 बजे तक फॉरेक्‍स ट्रेडिग कर सकेंगे। यह कदम आरबीआई ने ग्‍लोबल मार्केट में अपना सिक्‍का जमाने के लिए लिया है।


आधी रात तक फॉरेक्स ट्रेडि़ग


आरबीआई डेरीवेटिव्स मार्केट में आने की सोच रहा है। लेकिन इसमें एक दिक्कत है कि ग्लोबल मार्केट में ज्यादातर करंसीज में ऐक्टिव ट्रेडि़ग इंडियन मार्केट के बंद होने के बाद शुरू होती है, जिसके चलते ज्यादातर लोग इसमें डील नही कर पाते है। इस दिक्कत से निपटने के लिए ही आरबीआई चीन के रिजर्व बैंक की राह पर चल पड़ा है। वह अब फॉरेक्स ट्रेडि़ग की टाइमिंग बढ़ाकर रात 11.30 बजे तक कर रहा है। इस फैसले पर एक उच्च अधिकारी का कहना है की अगर आरबीआई ट्रेडि़ग के घंटे बढ़ाता है तो मार्केट पार्टिसिपेंटस को सबसे ज्यादा फायदा होगा क्योंकी करंसी मार्केट में अक्सर सबसे अहम मूवमेंट यूरोपियन और अमेरिकी ट्रेडि़ग सेशन के अंतिम समय में होते है। फिलहाल इंडियन करंसी मार्केट में शाम 5 बजे तक ही ट्रेडि़ग होती है जिससे वह अमेरिकी जॉब डेटा एवं यूरोपियन सेंट्रल बैंक के ग्लोबल मूव का फायदा नही ले पाते।सबको है फायदे

इन ट्रेडि़ग घंटो के बढ़ने से मार्केट पार्टिसिपेंटस इन मूवमेंटस का फायदा ले पाएंगे। इनके अलावा स्पेकुलेटर्स, हेजर्स और हाई नेटवर्थ इंडिविजुअल्स को भी करंसी डेरिवेटिव्स से ज्यादा प्रॉफिट कमाने का मौका मिलेगा। इंडियन करंसी मार्केट को फलैक्सिबिलिटी देने के लिए आरबीआई ने यह कदम उठाया है। फिलहाल इन्वेस्टर्स दुबई गोल्ड ऐंड कमॉडिटीज एक्सचेंज और सिंगापुर एक्सचेंज को महत्व देते है क्योंकी इनमें ज्यादा समय तक ट्रेडि़ग हो पाती है एवं इनमें ज्यादा फलैक्सिबिलिटी भी है। कुछ कॉरपोरेट इनवेस्टर्स ऑफशोर नॉन डिलिवरेबल फॉरवर्डस मार्केटस में भी ट्रेडि़ग करते है क्योंकी यह चौबीस घंटे खुला रहता है। आरबीआई का यह कदम इन्वेस्टर्स के लिए बहुत लाभकारी होगा और भारत का फॉरेन एक्सचेंज मार्केट पर ऑफशोर सेंटर का असर कम हो जाएगा।किसमें होती है फॉरेक्स ट्रेडि़गआरबीआई ने नेशनल स्टॉक एक्सचेंज और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज के अलावा कई भारतीय स्टॉक एक्सचेंजो को यूरो डॉलर, डॉलर-येन पेयर और पाउंड-डॉलर में क्रॉस करंसी फयूचर्स कानट्रैक्टस और एक्सचेंज ट्रेडेड ऑप्शंस कॉन्टैक्टस ऑफर करने की अनुमति दे रखी है। इसके अलावा इन एक्सचेंजों को युरो रुपया, पाउंड रुपया और येन रुपया का एक्सचेंज ट्रेडेड ऑप्शंस कॉन्टैक्टस ऑफर करने की भी अनुमति दे रखी है। फिलहाल लोकल फयूचर्स मार्केट में सिर्फ चार करंसी में ट्रेडिग होती है। वह है पेयर्स-रुपया-डालर, रुपया-पाउंड, रुपया-येन और रुपया-यूरो। बताते चलते है की रुपये में तेज उतार-चढ़ाव के चलते आरबीआई ने एक्सचेंज फयूचर्स मार्केट में पार्टिसिपेशन शुरु किया था।

Posted By: Satyendra Kumar Singh