रिजर्व बैंक ने सभी बैंकों को निर्देश दिया है कि वे किसी खाते में रकम मिनिमम बैलेंस की सीमा से नीचे आने पर ग्राहक को सूचित करें. इसके बाद यदि उचित समय पर खाते में मिनिमम बैलेंस नहीं आता है तो खाताधारक को इसकी जानकारी देने के बाद ही जुर्माना लगाया जाना चाहिए.


अप्रैल 2015 से लागू होंगे नियम आरबीआई ने बैंकों को यह निर्देश भी दिया है कि वे इस तरह के खातों में मिनिमम बैलेंस में आई कमी के अनुरूप जुर्माना लगाएं. मिनिमम बैलेंस न रखने पर जुर्माना लगाने संबंधी दिशानिर्देश 1 अप्रैल, 2015 से लागू हो जाएंगे. आरबीआई ने बैंकों के लिए जारी अधिसूचना में कहा, यह फैसला किया गया है कि बचत खाते में मिनिमम बैलेंस न होने की स्थिति में बैंक इन अतिरिक्त दिशा-निर्देशों का पालन करें. बैलेंस के हिसाब से लगेगा जुर्माना निर्देश के मुताबिक, जुर्माना उसी अनुपात में लगाया जा सकता है, जिस अनुपात में खाते में न्यूनतम बैलेंस होखाते में न्यूनतम बैलेंस से कम रकम रहने पर बैंक ग्राहक को एसएमएस, ई-मेल या पत्र के जरिए सूचित करना चाहिए और उन्हें बैलेंस को उचित स्तर पर लाने के लिए एक माह का समय देना चाहिए, ताकि वे जुर्माने से बच सकें.

Posted By: Satyendra Kumar Singh