RBI ने नहीं बदली ब्याज दरें, आर्थिक सुधार के लिए सपोर्ट
मुंबई (पीटीआई)। अर्थव्यवस्था को सहारा देने के लिए इस सप्ताह आम बजट 2021 में खर्चीली रणनीति अपनाई गई ताकि मिडियम टर्म में आर्थिक सुधारों को गति दी जा सके। आरबीआई ने भी अपनी नीतिगत दरों के जरिए अर्थव्यवस्था के विकास को सहारा देने का निर्णय लिया है। गर्वनर शक्तिकांत दास ने कहा कि छह सदस्यों वाली माॅनिटरी पाॅलिसी कमेटी (एमपीसी) ने रेपो रेट को 4 प्रतिशत पर ही रखने का निर्णय लिया है। इसी प्रकार रिवर्स रेपो रेट भी 3.35 प्रतिशत ही रहेंगी।धीरे-धीरे बढ़ जाएगी सीआरआर
रिवर्स रेपो रेट वह ब्याज दर होती है जिस पर बैंकों को अपनी जमा राशि पर रिजर्व बैंक से ब्याज प्राप्त होता है। केंद्रीय बैंक ने पिछले वर्ष महंगाई की चिंता को ध्यान में रखते हुए कर्ज की दरों में 115 बेसिस प्वाइंट पर कटौती की थी। सभी छह एमपीसी सदस्यों ने कोविड-19 महामारी से प्रभावित अर्थव्यवस्था को जरूरी गति प्रदान करने के लिए वोट किया। महामारी के दौरान लागू की गई नीतिगत उपायों को वापस लेने की शुरुआत करते हुए आरबीआई ने कहा कि वह धीरे-धीरे कैश रिजर्व रेशियो (सीआरआर) मार्च से मई के बीच 3.5 से बढ़ा कर 4 प्रतिशत तक करेगी।10.5 प्रतिशत रहेगी जीडीपी की दर
कैश वापस लौटने पर केंद्रीय बैंक इसका बाजार संचालन और अन्य मौद्रिक उपायों में इस्तेमाल करेगी। सरकार द्वारा भारी कर्ज की मांग को देखते हुए केंद्रीय बैंक रिटेल निवेशकों के लिए सरकारी बाॅन्डों में सीधे निवेश का मौका लाएगी। आरबीआई ने अर्थव्यवस्था में सुधारों के संकेत मिलने की ताकीद की। आरबीआई ने आम बजट 2021-22 की सराहना करते हुए कहा कि इससे आने वाले समय में अर्थव्यवस्था में तेजी से सुधार देखने को मिलेगा। आरबीआई ने उम्मीद जताई कि अगले वर्ष जीडीपी की दर 10.5 प्रतिशत रहेगी। पिछले सप्ताह सरकार के आर्थिक सर्वे में जीडीपी की दर 11 प्रतिशत बताई गई थी।