अब प्रस्तावित भारतीय डाक बैंकों के लिए एक खुशखबरी है। अब उन्‍हें भुगतान बैंक के भारतीय रिजर्व बैंक आरबीआई से लाइसेंस लिए ज्‍यादा इंतजार नहीं करना पड़ेगा। इस संबंध में केंद्रीय दूरसंचार एवं आईटी मंत्री रविशंकर प्रसाद का कहना है कि भारतीय रिजर्व बैंक आरबीआई इस दिशा में काफी तेजी से काम कर रही है। जिससे अगस्‍त तक उन्‍हें लाइसेंस उपलब्‍ध हो सकता है।


आरबीआई हुई सक्रियबैंकिंग सेवाएं देने के इंतजार में प्रस्तावित भारतीय डाकघरों को अब ज्यादा इंतजार नहीं करना पड़ेगा। अगर सब ठीक रहा तो आगामी अगस्त महीने में वह बैंकिंग सुविधाएं भी देने लगेंगे। जी हां इस केंद्रीय दूरसंचार एवं आइटी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने इस दिशा में पूरी संभावना जताई है। उनका कहना है कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) भारतीय डाक घरों में बैंकिंग सुविधा शुरू करने के लिए काफी तेजी से सक्रिय है।जिससे उम्मीद की जा रही है कि प्रस्तावित डाक घरों को अगस्त से लाइसेंस मुहैया हो जाएगा। इससे देशभर में फैले 1,54,000 डाकघरों को लोगों को बैंकिंग सेवाओं की पेशकश करने का अवसर मिलेगा। जिसमें  ग्रामीण इलाकों बने करीब 1,30,000 डाकघरों में यह सुविधाएं शुरू होने से एक बार लोगों के लिए बैंकिंग सेवाएं आसान हो जाएंगी।सीमित होंगी सेवाएं
इतना ही नहीं केंद्रीय दूरसंचार एवं आईटी मंत्री रविशंकर प्रसाद का कहना है कि भारतीय डाक घर अब पूरे देश में भारतीय डाक बैंक के रूप में लोगों को सेवाएं देना चाहते हैं। इसके लिए करीब कंप्यूटरीकरण के जरिये 27,215 डाकघर एक नेटवर्क में जोड दिए गए हैं। हालांकि इन बैंकों को भारतीय रिजर्व बैंक शुरूआती दौर में ग्राहकों को कुछ सीमित सेवाएं देने का मौका देगी। जिनमें इन बैकों को कर्ज देने का अधिकार नहीं होगा और शुरूआत में इन भारतीय डाक बैंक के ग्राहकों के खाते में एक लाख से अधिक की राशि नहीं रखी जा सकती है। वहीं ये ग्राहकों को एटीएम अथवा डेबिट कार्ड तथा दूसरे भुगतान की सुविधा देंगे, लेकिन  क्रेडिट कार्ड जारी नहीं कर सकेंगे।

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Posted By: Shweta Mishra