आर डी बर्मन यानि राहुल देव बर्मन का नाम बॉलीवुड के बड़े म्‍यूजिक डायरेक्‍टर्स में शाम‍िल है। 27 जून1939 को जन्‍में आर डी बर्मन की आज 78वी जयंती है। संगीत की दुन‍िया से इनका गहरा लगाव था क्‍योंक‍ि जि‍स उम्र में बच्‍चे ख‍िलौने से खेलते थ्‍ो। इन्‍होंने उस उम्र में कंपोज‍िंग शुरू कर दी थी। ऐसे में आइए जानें आज इस खास द‍िन पर आर डी बर्मन की ज‍िंदगी की खास बातें...


बचपन से ही संगीत: आर डी बर्मन 27 जून,1939 को कोलकाता में जन्में थे। इनके पिता सचिन देव बर्मन भी हिन्दी सिनेमा के बड़े संगीतकार थे। जिसकी वजह से आर डी बर्मन ने बचपन से ही संगीत की दांव-पेंच सिखना शुरू कर दिया था। ऐ मेरी टोपी पलट के आ: आरडी बर्मन ने अपने जीवन का पहला गीत 9 साल की उम्र में फिल्म फंटूश के लिए 'ऐ मेरी टोपी पलट के आ' कंपोज किया था। इसके बाद इसी छोटी उम्र में ही आरडी बर्मन ने 'सर जो तेरा चकराये' की धुन भी तैयार की थी। जिंदगी में बड़े बदलाव:


आर डी बर्मन ने फेमस सरोद वादक उस्ताद अली अकबर खान से सरोद बजाने की शिक्षा भी ग्रहण की थी। बर्मन की निजी जिंदगी में भी कई परिवर्तन हुए। यही वजह है कि ज्यादातर फैंस उनके हिट सांग्स के साथ उनकी जिंदगी की खास बातों से भी वाकिफ हैं।  आशा का हाथ थामा:

मशहूर गायिका आशा भोसले जहां आर डी बर्मन की दूसरी पत्नी थीं वहीं वह उनके दूसरे पति भी थे। बर्मन ने 1966 में पहली शादी रीता पटेल से की थी लेकिन 1971 में उनका तलाक हो गया था। 1980 में उन्होंने आशा भोसले का हाथ थाम लिया था। दुनिया को कहा अलविदा: आर डी बर्मन को उनके बेहतर संगीत कंपोजिंग के लिए पुरस्कार भी मिले। चिंगारी कोई भड़के... कुछ तो लोग कहेंगे...पिया तू अब तो आजा...जैसे संगीत देने वाले आरडी बर्मन ने 4 जनवरी 1994 को इस दुनिया को अलविदा कह दिया था।

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Posted By: Shweta Mishra