जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में पार्टी के एक विधायक कर सकते हैं भितरघात

चुनाव के लिए नामित नाम से ढहते सपनों के किले को बचाने की कोशिश में विधायक

हालात को देख मौके को भुनाने में जुटी बसपा

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PRATAPGARH : 'जिले की लाल बत्ती' के लिए जूझ रही सपा को अपनों से ही खतरा नजर आ रहा है। जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी को लेकर जारी कसरत पर पार्टी के विभीषण पानी फेर सकते हैं। इस बात को लेकर अंदर ही अंदर सपा के दिग्गजों की चिंता बढ़ गई है। यदि ऐसा हुआ तो यह जीत सपा के लिए आसान नहीं होगी। हालात को देखते हुए बसपा ने विजय पताका फहराने के लिए लायजनिंग का काम और तेज कर दी है। बसपा अपने मकसद में कामयाब हुई तो उसकी यह कामयाबी सपा के लिए महंगी पड़ सकती है।

बढ़ी दिग्गजों के दिल की धड़कन

सत्तासीन पार्टी के जिलाध्यक्ष की मानें तो जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए सपा ने उमाशंकर यादव का नाम नामित किया है। वह कुंडा क्षेत्र के हैं। इस नाते लोग उन्हें राजा भइया का खास मान रहे हैं। चर्चा यह भी है कि राजा भइया की सिफारिश पर ही उनका नाम इस चुनाव के लिए पार्टी ने रिकमेंड किया होगा। यह बात पार्टी के एक विधायक के लिए उनके सपनों का किला ढहाने वाली साबित हुई है। क्योंकि वह खुद अपने किसी खास को जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर जिताना चाहते थे। इसके लिए उन्होंने जिला पंचायत सदस्य के चुनाव के दरिम्यान ही तैयारी शुरू कर दी थी। इस तैयारी में उन्होंने काफी हद तक सफलता हासिल की।

मेहनत पर फिरा पानी

चुनाव से लेकर अब तक विधायक ने जो फील्ड सजाई थी पार्टी ने उमाशंकर यादव के नाम को नामित कर उस पर पानी फेर दिया है। पार्टी सूत्रों की मानें तो अपनी मेहनत को बर्बाद होते देख वह विधायक एक बार फिर सक्रिय हो गए हैं। उनकी पूरी कोशिश है कि वे किसी भी तरह अपने करीबी का नाम मुखिया से घोषित करा कर जिला पंचायत अध्यक्ष के पद पर उसे जिता लें। कहा जा रहा है कि वह इसके लिए हर फन आजमा रहे हैं। यदि सूत्रों की इन बातों को सच मान ली जाय तो सपा में जिले की लालबत्ती को लेकर बगावत के आसार साफ हैं।

बढ़ी दिग्गजों के दिल की धड़क

जिले के बुजुर्ग राजनीतिज्ञों की मानें तो जो विधायक अपने चहेते के लिए परेशान थे वह काफी जुझारू प्रवृत्ति के हैं। इतनी आसानी से वह खामोश नहीं बैठने वाले। ऐसे में अगर उनका मकसद कामयाब न हुआ तो वे अंदर ही अंदर कुछ और ही खिचड़ी पका सकते हैं। यह खिचड़ी वे जिस चूल्हे पर पकाएंगे उसकी आग से सपा को झुलसना पड़ सकता है। यदि ऐसा हुआ तो इस मौके को भुनाने में बसपा तनिक भी चूक नहीं करेगी। अप्रत्यक्षरूप से उनकी यह बगावत बसपा के लिए लाभ का कारण बन सकती है।

बाक्स

गुरिल्ला दांव के मूंड में बसपा

इन दिनों जिले में यह चर्चा खूब है कि सपा को इस चुनाव में हराने के लिए बसपा गुरिल्ला दांव आजमाने जा रही है। इसमें वह कांग्रेस और भाजपा सहित अन्य छोटी पार्टियों के जिला पंचायत सदस्यों को पार्टी स्तर पर अपने खेमें में खींचने का प्रयास कर रही है। बसपा अपने इस मकसद में कामयाब हुई तो सपा के लिए जीत का रास्ता आसान नहीं होगा। क्योंकि तब बसपा खेमे से जुड़ी सारी पार्टियां मिल कर सपा को हराने का मुहिम छेड़ देंगी। बहरहाल जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए मौजूदा समय में नित चुनावी समीकरण बन और बिगड़ रहे हैं।

वर्जन

राजनीति में संघर्ष और प्रयास तो सभी करते हैं। सफलता किसे मिलेगी यह वक्त बताएगा। पार्टी ने जिसे रिकमेंड किया है सपाई उसी को जिताने का काम करेंगे।

भइयाराम पटेल, जिलाध्यक्ष सपा

Posted By: Inextlive