- सीएम योगी ने 'यूपी रेरा' की आधिकारिक वेबसाइट लांच की

- घर बैठे अपना रजिस्ट्रेशन करा सकेंगे बिल्डर्स

- बिना रजिस्ट्रेशन नहीं बेच सकेंगे कोई भी प्रॉपर्टी

LUCKNOW : रियल एस्टेट सेक्टर को नियम-कायदों में बांधने के लिए नया बॉस 'यूपी रेरा' अस्तित्व में आ गया है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को माउस क्लिक कर'यूपी रेरा' की आधिकारिक वेबसाइट को लांच किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि बायर्स और बिल्डर्स के बीच संवाद और विश्वसनीयता बढ़ाने के लिए रेरा एक्ट की आवश्यकता थी। यूपी में यह बीमारी बहुत पुरानी है। सरकार को ऐसी तमाम शिकायतें मिली हैं जिनमें पूरा पैसा देने के बाद भी जनता को प्रॉपर्टी नहीं मिल सकी। यूपी रेरा के जरिए न केवल बिल्डर्स को प्रोत्साहित किया जाएगा, बल्कि उपभोक्ताओं के हितों का भी पूरा ध्यान रखा जाएगा।

स्लम एरिया में मल्टीस्टोरी

सीएम ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना में यूपी में तमाम संभावनाएं हैं। केवल शहरी क्षेत्र में इस साल दो लाख आवास बनने हैं जो अकेले सरकार के बस की बात नहीं है। सरकार इसके लिए भरपूर अनुदान दे रही है लेकिन, ऐसा न हो कि जिसके पास पहले से बहुमंजिला मकान है, वह भी इसमें लाभार्थी बनने में कामयाब हो जाए। यह पूरी तरह गरीबों के साथ धोखा और अन्याय होगा। ऐसा करने वालों को सख्त सजा भी मिलनी चाहिए। उन्होंने कहा कि रीयल एस्टेट सेक्टर को इसमें हमारा सहयोग करे। एंटी भूमाफिया टास्क फोर्स द्वारा जुटाए गये आंकड़ों से पता चला है कि ग्रामीण और शहरी क्षेत्र में हजारों हेक्टेयर जमीन पर भूमाफिया का कब्जा है। इसका इस्तेमाल गरीबों के आवास बनाने में होना चाहिए। गरीब रेलवे पटरी के किनारे घर बनाने को मजबूर हैं। अगर हम स्लम एरिया में मल्टीस्टोरी बना दें तो गरीबों को मकान मिलने के साथ गंदगी को भी खत्म किया जा सकता है। इससे स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां भी कम होंगी जिसके निदान के लिए राज्य सरकार हजारों करोड़ रुपये खर्च करती है। ये गरीबों को सम्मान के साथ जीने का अधिकार देने जैसा है।

रेरा की सबसे आधुनिक वेबसाइट

यूपी रेरा की वेबसाइट देश में सबसे आधुनिक है। इसमें प्रोजेक्ट्स का रजिस्ट्रेशन कराने के कुछ नियम भी हैं। रजिस्ट्रेशन के बगैर प्रमोटर्स अपना कोई भी प्रोडक्ट मार्केट में न तो बेच पाएंगे और न ही उनका प्रचार कर सकेंगे। यूपी रेरा वेबसाइट के जरिए रजिस्ट्रेशन कराने पर प्रमाण पत्र तुरंत मिल जाएगा जबकि बाकी राज्यों में यह अवधि 37 दिन है। इसमें प्रमोटर्स कहीं भी बैठकर रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं और इसके लिए उन्हें सरकारी दफ्तरों का चक्कर नहीं लगाना होगा। वहीं कस्टमर्स वेबसाइट के जरिए चेक कर सकेंगे कि जिस प्रोजेक्ट में वह पैसा लगाने जा रहे हैं वह रेरा में रजिस्टर है कि नहीं।

बॉक्स

दो मिनट में 500 हिट

प्रमुख सचिव आवास मुकुल सिंघल ने बताया कि देर रात वेबसाइट को चेक करने के लिए इसे चालू किया गया तो दो मिनट के भीतर 500 से ज्यादा हिट मिले। वहीं वेबसाइट शुरू होने के बाद शाम सात बजे तक यह संख्या 35 हजार तक पहुंच गई। करीब सौ प्रोजेक्ट का रजिस्ट्रेशन भी कराया गया। यह वेबसाइट हिंदी और इंग्लिश में है। इसके लिए माइक्रोसॉफ्ट के सर्वर की सेवाएं ली गयी हैं ताकि यह क्रैश न होने पाए। वहीं इसके प्रचार-प्रसार के लिए प्राधिकरण स्तर पर वर्कशॉप और कैंप लगाकर प्रमोटर्स और बायर्स को जागरूक किया जाएगा।

कई खूबियां समेटे है वेबसाइट

- प्रत्येक प्रोजेक्ट के रजिस्ट्रेशन के बाद वेब-पोर्टल द्वारा प्रमोटर को रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट तुरंत मिल जाएगा

- कार्यो को समय-सारिणी के अनुरूप कराने वाले प्रमोटर्स के प्रोजेक्ट्स वेब-पोर्टल पर स्वत: प्रदर्शित होंगे ताकि ऐसे प्रमोटर्स प्रोत्साहित हो सकें

- संपूर्ण कार्यप्रणाली में कोई मानवीय हस्तक्षेप नहीं होगा

- प्रोजेक्ट की प्रगति के लिए वेब-पोर्टल द्वारा स्वत: ही प्रमोटर/विकासकर्ता को रिमाइंडर्स एवं चेतावनियां जारी हो जाएंगी जिससे प्रमोटर अपने प्रोजेक्ट की मॉनिटरिंग भी बखूबी कर सकेंगे

- वेबसाइट की पूरी कार्यप्रणाली जिसमें प्रमोटर्स को या शिकायतकर्ता को अथवा रेरा अथॉरिटी के ऑफिशियल्स को किसी भी प्रकार की सूचना, रिमाइंडर, अनिवार्य चेतावनी आदि, जारी होनी है तो वह स्वत: एसएमएस एवं ई-मेल द्वारा वेब-पोर्टल से जारी हो जाएगी।

- प्रोजेक्ट्स/एजेंट्स को रेरा द्वारा जारी रजिस्ट्रेशन प्रमाण पत्र की प्रमाणिकता को बेहद आसानी से वेब-पोर्टल पर ही जाना जा सकता है।

Posted By: Inextlive