GORAKHPUR : 'यार मेरा ट्रांसफर लखनऊ हो गया है सारा सामान वहां ले जाना है. गैस सिलेंडर भी है. कैसे ले जाऊं?' 'टेंशन मत लो गोरखपुर रेलवे स्टेशन पर आराम से सिलेंडर ले जा सकते हो. कहीं कोई चेकिंग नहीं होती.' ये महज दो लोगों के बीच हुई बातचीत भर नहीं है. गोरखपुर रेलवे स्टेशन की सुरक्षा व्यवस्था कितनी खस्ताहाल है ये सिर्फ उसकी एक बानगी है. आई नेक्स्ट रिपोर्टर ने जब स्टेशन पर विस्फोटक पदार्थों की चेकिंग का रियल्टी चेक किया तो रेलवे की पोल खुल गई. बैग में पेट्रोमैक्स रखकर आई नेक्स्ट रिपोर्टर गोरखपुर जंक्शन पर आराम से घूमता रहा मगर जीआरपी आरपीएफ और रेलवे के किसी ऑफिसर ने कोई पूछताछ नहीं की. किसी यात्री ने भी पेट्रोमैक्स लेकर घूमने पर कोई आपत्ति नहीं दिखाई. इस रिपोर्ट?में पढि़ए किस तरह स्टेशन और टेन में हजारों यात्रियों की जान से खिलवाड़ हो रहा है.


प्लेस - जंक्शन का मेन गेट हाल-ए-सिक्योरिटी- आई नेक्स्ट रिपोर्टर एक बैग में खाली पेट्रोमैक्स लेकर जंक्शन के मेन गेट से कैंपस में दाखिल हुआ। लेकिन न तो आरपीएफ के जवानों ने उसे चेक किया, न ही टीसी ने प्लेटफॉर्म टिकट के बारे में पूछा।प्लेस - आरपीएफ पोस्ट हाल-ए-सिक्योरिटी- रिपोर्टर प्लेटफार्म नंबर एक पर स्थित आरपीएफ पोस्ट पर भी वह कुछ देर पेट्रोमैक्स लेकर खड़ा रहा। कुछ देर के लिए बैग वहीं रख दूर हट गया, लेकिन किसी ने लावारिस पड़े बैग को चेक करने की जहमत नहीं उठाई।  प्लेस- प्लेटफार्म नंबर 5, ट्रेन- आम्रपाली एक्सप्रेस, कोच - एस -9


हाल-ए-सिक्योरिटी- आरपीएफ पोस्ट से निकलकर आई नेक्स्ट रिपोर्टर प्लेटफॉर्म नंबर पांच पर की ओर बढ़ा। प्लेटफॉर्म पर ही पेट्रोमैक्स रखकर रिपोर्टर ट्रेन का इंतजार करने लगा। आम्रपाली एक्सप्रेस के आते ही रिपोर्टर पेट्रोमैक्स लेकर एस-9 कोच में बैठ गया। लेकिन बैग में रखे  पेट्रोमैक्स के बारे में न जीआरपी, न आरपीफ, और न टीटीई, किसी ने भी कोई पूछताछ नहीं की। यहां तक कि किसी पैसेंजर ने भी इस बारे में कुछ नहीं कहा।प्लेस - पश्चिमी फुट ओवरब्रिज  

प्लेटफॉर्म नंबर 5 से निकलकर आई नेक्स्ट रिपोर्टर पश्चिमी फुट ओवरब्रिज से होते हुए जीआरपी थाना की ओर बढा। हैरानी इस बात कि ओवरब्रिज पर मौजूद आरपीएफ और जीआरपी के जवानों में से किसी ने बैग में रखे पेट्रोमैक्स के बारे में कोई सवाल नहीं किया।प्लेस- जीआरपी थानाहाल-ए-सिक्योरिटी- जीआरपी थाना पर पहुंचते ही जीआरपी के जवानों की नजर तो बैग में रखे पेट्रोमैक्स पर तो पड़ी, लेकिन किसी ने चेक करने की बात नहीं की। कुछ लोगों ने पूछा जरूर कि बैग में क्या है, मगर खास ध्यान नहीं दिया।प्लेस - प्लेटफार्म नंबर दो ट्रेन - (12555) गोरखधाम सुपरफास्ट एक्सप्रेस, कोच - एस- 8 हाल-ए-सिक्योरिटी- हैरानी की बात ये ही कि प्लेटफॉर्म नंबर दो पूरी तरह पैसेंजर्स से भरा हुआ था। इसी भीड़ में शामिल होकर आई नेक्स्ट रिपोर्टर भी बैग में रखा पेट्रोमैक्स लेकर गोरखधाम एक्सप्रेस में चढऩे लगा। एस-8 कोच में पैसेंजर्स की भीड़भाड़ के बीच पेट्रोमैक्स वाले बैग को रखा गया। हमने सोचा कि वीआईपी ट्रेन है, इसमें तो जीआरपी के जवान चेकिंग करेंगे ही, लेकिन हमारी सोच गलत साबित हुई और किसी की नजर हमारे बैग में रखे पेट्रोमक्स पर नहीं गई। किसी पैसेंजर ने भी पेट्रोमैक्स लेकर चलने पर कोई ऑब्जेक्शन नहीं किया।रेलवे एक्ट के तहत होती है कार्रवाई रेलवे एडमिनिस्ट्रेशन की मानें तो पैसेंजर्स से हमेशा अपील की जाती है कि वह ट्रेन में

ज्वलनशील पदार्थ जैसे- गैस सिलेंडर, पटाखा, केरोसिन, स्टोव आदि लेकर यात्रा न करें। इसके लिए न्यूजपेपर्स, रेडियो और स्टेशन परिसर में भी प्रॉपर एनाउंसमेंट कराया जाता है। इसके अलावा स्टेशन परिसर में ज्वलनशील पदार्थ यूज करने की इजाजत नहीं है। अगर कोई ऐसा करते पकड़ा जाता है तो रेलवे एक्ट के तहत उस शख्स के खिलाफ कार्रवाई का जाती है।नहीं लिया सही सबक आई नेक्स्ट के रियल्टी चेक में ये बात तो साफ हो गई कि विश्व के सबसे लंबे प्लेटफॉर्म पर सिक्योरिटी कितनी पुख्ता है। न तो जीआरपी को सिक्योरिटी की चिंता है, न आरपीएफ को। गौरतलब है कि हाल ही में मुंबई-देहरादून एक्सप्रेस में हुए हादसे से सबक लेते हुए रेलवे एडमिनिस्ट्रेशन ने निर्णय लिया था कि जंक्शन और ट्रेन में विस्फोटक पदार्थों को लेकर चेकिंग की जाएगी। प्लेटफॉर्म पर भी किसी तरह का ज्वलनशील पदार्थ यूज करने पर बैन है, उसके बाद भी आई नेक्स्ट के रियल्टी चेक में खुलकर सामने आ गया कि नियम किस स्तर पर फॉलो हो रहे हैं।
चाहे चलती ट्रेन हो या फिर जंक्शन। कहीं भी ज्वलनशील पदार्थ लेकर अपराध है। इसके लिए प्रॉपर चेकिंग कराई जाती है। जो भी पकड़ा जाता है उसके खिलाफ रेलवे एक्ट के तहत कार्रवाई की जाती है। आलोक कुमार सिंह, सीपीआरओ, एनई रेलवे

Posted By: Inextlive