आरबीआई गर्वर रघुराम राजन आजकल सोशल मीडिया पर खूब ट्रेंड कर रहें हैं। यहां तक की उनके लिए सात ऑनलाइन पिटिशन भी दायर हो चुकी हैं। आजतक आरबीआई का कोई भी गर्वनर इंटरनेट पर इस कदर ट्रेंड नहीं हुआ हैं जितना रघुराम हो रहे हैं। आईए जानते है कि आखिर क्‍या है वजह और क्‍यों दायर हुई है ये ऑनलाइन पिटिशन।

पिटिशन पर हजारों लोगों ने किए साइन
आजकल इंटरनेट पर आरबीआई के गर्वनर रघुराम राजन के कार्यकाल को लेकर बहुत ही ज्यादा चर्चा हो रही है। चर्चा इस बात पर हो रही हैं कि क्या राजन को आरबीआई गर्वनर का दूसरा कार्यकाल मिलना चाहिए? इस मामले में क्या आम आदमी, क्या पॉलिटिशियन और क्या बिजनेसमैन। सभी लोग इस विषय पर अपनी-अपनी राय रख रहें हैं। इस मामले में अबतक सात ऑनलाइन पिटिशन दायर हो चुकी हैं जो राजन के सपोर्ट में हैं। इस पेटिशन पर अब तक 60,000 लोग साइन कर चुके हैं और सभी का कहना है कि राजन को दोबारा से बतौर आरबीआई गर्वनर होना चाहिए। इसके विरोध में दो और पिटिशन भी दायर हुई हैं, जो राजन के दूसरे कार्यकाल के पक्ष में नहीं हैं। हालांकि बहुत ही कम लोगों ने इन दो पिटिशन का सपोर्ट किया है। बता दें कि राजन का कार्यकाल इस सितम्बर खत्म हो रहा है।
प्रधानमंत्री मोदी है पक्ष में
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रघुराम राजन के दूसरे कार्यकाल के पक्ष में हैं। उनका कहा है कि राजन को फिर से इस पद पर लाना चाहिए क्योंकि उन्होनें देश की अर्थव्यवस्था को बहुत ही अच्छे से संभाला है और महंगाई पर बहुत हद तक काबू भी पा लिया है। वहीं बड़े-बड़े बिजनेस टायकून भी राजन के पक्ष में हैं। यहां तक की आम जनता ने भी इस पर अपनी राय दी हैं और ज्यादातर लोग राजन के कार्यकाल के पक्ष में ही खड़ी हैं।
इन कारणों से दोबारा मिलना चाहिए गर्वनर का पद
वैसे कई पॉजिटिव कारण है जिसकी वजह से राजन को आरबीआई गर्वनर का दूसरा कार्यकाल मिलना चाहिए। रघुराम राजन एक बहुत ही ज्यादा चर्चित हस्ति हैं और इसके साथ-साथ उन्होंनें देश की अर्थव्यवस्था के लिए कई ऐसे काम किए है जिसकी वजह से भात की ईकानॉमी में सुधार आया है। आईए जानते है कि आखिर क्या हैं वो वजह जिसके कारण से एक बार फिर राजन को ही मिलना चाहिए आरबीआई गर्वनर का पद।
1. महंगाई पर काबू- राजन ने भारत में बढ़ती हुई महंगाई पर ऐतिहासिक सुधार किया है। उन्होनें महंगाई का सूचक होलसेल प्राइस इंडेक्स की जगह कन्जयूमर प्राइस इंडेक्स (CPI) को रखा है जिसकी वज्ह से महंगाई पर बहुत हद तक काबू पा लिया गया है। राजन के कार्यकाल में सीपीआई 9.52% से 5.24% तक आ गई है।
2. रुपया में सुधार- क्या आपको पता है कि राजन के कार्यकाल शुरू होने के अगले ही दिन रुपया 69.22 प्रति डॉलर से 65.54 प्रति डॉलर पर आ गया था। यहा नहीं उनके कार्यकाल में एक समय ऐसा भी आया जब रुपया 58.27 डॉलर हो गया था। बता दें कि राजन इंटरनेशनल मोनेटेरी फंड(IMF) के सबसे कम उम्र के चीफ इकोनॉमिस्ट रह चुके हैं।
3. बढ़ता विदेशी मुद्रा भंडार- राजन के कार्यकाल के दौरान अप्रैल 2016 में फॉरन रिजर्व 359.76 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया है, जो 2013 में मात्र 249 बिलियन डॉलर ही था। फॉरेन रिजर्व में इतनी बढ़ोतरी ऐतिहासिक ही कही जाएगी। बता दें कि 1990-91 में भारत को एक समय ऐसा भी देखना पड़ा था जब फॉरेन रिजर्व लगभग खत्म हो गया था जिसकी वजह से भारत को सोना गिरवी रखना पड़ा था। फॉरेन रिजर्व अर्थव्यवस्था को आने वाले खतरों से उबरने में मदद करता है।
4. कम हुई बॉन्ड यील्ड- राजन ने जब आरबाआई गर्वनर का पद संभाला था तब भारत की बॉन्ड यील्ड 9 प्रतिशत ही थी जिसको राजन 8.58 प्रतिशत तक लाने में कामयाब रहें। कम बॉन्ड यील्ड होने से सरकार और कंपनियों को मार्केट से कम रेट में आसानी से उधार मिल जाता है।
5. कई बैंक खुले- राजन के कार्यकाल के समय आरबीआई ने 23 नए बैंकिंग लाइसेंस दिए। ये ऐतिहासिक है क्योंकि पिछले 20 साल में सिर्फ 12 बैंकिंग लाइसेंस ही दिए गए थे।

Business News inextlive from Business News Desk

 

Posted By: Ruchi D Sharma