- दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने पहले ही खबर प्रकाशित कर किया था खुलासा

- 2016-17 में जिन कमियों को कहा था पूरा करने, वह एक साल बाद भी नहीं हुआ पूरा

PATNA : पटना के राजकीय आयुर्वेद कॉलेज को नए सत्र के लिए मान्यता नहीं मिली। इसकी वजह है कॉलेज में व्यवस्थाओं को टोटा। कॉलेज में व्यवस्था को देखते हुए आयुष मंत्रालय ने इसे मान्यता देने से रोक लगा दी। जिस वक्त सीसीआईएम की टीम दौरे पर आई थी उसी वक्त सबसे पहले दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने खबर प्रकाशित कर यह बताया दिया था कि इस साल कॉलेज को मान्यता नहीं मिल पाएगी।

दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने ख्ख् फरवरी को संकट में 'आयुर्वेद' कॉलेज, ब् अप्रैल को मान्यता पर लटकी तलवार और क्ख् अप्रैल को 'जब कॉलेज को नहीं मिलेगी मान्यता तो कैसे बनेंगे आयुर्वेद डॉक्टर?' शीर्षक से खबर प्रकाशित की थी। इसमें वर्तमान में कॉलेज की स्थिति को बताया था। अभी कॉलेज में न तो पर्याप्ता प्रोफेसर हैं और न अन्य हीं कोई व्यवस्था। स्टूडेंट्स को मेडिशनल प्लान विजिट कराने को लेकर बाहर ले जाया जाता है। यही वजह है कि कॉलेज को नए सत्र के लिए मान्यता नहीं मिली। वहीं, कॉलेज प्रबंधन को हियरिंग में उम्मीद है कि कॉलेज को कंडिशन पर मान्यता एक बार फिर मिल सकता है।

- ऐसे मिलनी थी मान्यता

पटना राजकीय आयुर्वेद कॉलेज को सत्र ख्0क्म्-क्7 में कंडिशन पर मान्यता मिली थी। इसमें प्रोफेसरों की भर्ती, स्टूडेंट्स के लिए मिलने वाली सुविधा के अलावा इंफ्रास्ट्रक्चर की कमियों को सुधारने के शर्त पर मान्यता दी गई थी। लेकिन वह कमियां अभी भी जस की तस बनी हुई है।

- जीरो ईयर होगा यह सत्र

कॉलेज में जिस साल एक भी स्टूडेंट्स का प्रवेश नहीं होता है। उसको जीरो ईयर कहते हैं। पटना के आयुर्वेद कॉलेज को मान्यता नहीं मिली है। इसलिए ख्0क्7-क्8 सत्र जीरो ईयर घोषित हो गया है।

- सरकार नहीं दे रही ध्यान

बिहार सरकार आयुर्वेद पद्धति को लेकर ध्यान नहीं दे रही है। इसके चलते हर साल आयुर्वेद कॉलेजों की संख्या घटती जा रही है। बिहार में 8 शासकीय और प्राइवेट कॉलेज संच ालित किया जाना था लेकिन, कमियों के चलते हर साल कॉलेजों की संख्या कम होती गई। जबकि पिछले सत्र में चार कॉलेजों को मान्यता दी गई थी।

अभी तक कॉलेज को मान्यता नहीं मिली है। मंत्रालय द्वारा निर्णय लेने के बाद कुछ खास कंडिशन पर मान्यता मिलने की उम्मीद है। कॉलेज की कमियों को दूर करने का प्रयास किया जा रहा है।

- प्रो। दिनेश्वर प्रसाद, प्राचार्य, राजकीय आयुर्वेद कॉलेज, पटना

Posted By: Inextlive