रिकॉर्ड तोड़ स्वाइन फ्लू
विभाग ने जारी किया अलर्ट, अस्पतालों को पूरी करनी होंगी व्यवस्थाएं
398 मरीजों में हो चुकी है पुष्टि अब तक Meerut। शहर में स्वाइन फ्लू बेकाबू हो चुका है। आंकड़े अब डराने लगे हैं। पिछले साल के मरीजों का रिकार्ड इस बार टूट चुका है। मेरठ जिले की बात करें तो अब तक 398 मरीजों में एन1एच1 वायरस यानी स्वाइन फ्लू पॉजिटिव पाया जा चुका है। रोजाना सैकड़ों जांचें हो रही है। मौसम के बदलते मिजाज के चलते अभी मरीजों की संख्या बढ़ने की आशंका है। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग ने भी सभी अस्पतालों में अलर्ट जारी कर दिया है। ये है स्थितिमेडिकल कॉलेज की माइक्रोबॉयलॉजी विभाग की रिपोर्ट के अनुसार मेरठ समेत आस-पास के क्षेत्रों में 604 से ज्यादा मरीजों में स्वाइन फ्लू की पुष्टि हो चुकी है। दो हजार से अधिक सैंपल स्वाइन फ्लू के इस साल लैब में भेजे गए हैं। हर दिन करीब 15 से 20 सैंपल जांच के लिए भेजे जा रहे हैं। इस बार जून की गर्मी में भी स्वाइन फ्लू के मरीज सामने आएं थे। इसमें 55 प्रतिशत मरीज महिलाएं हैं। जबकि 45 प्रतिशत पुरुष हैं।
स्वास्थ्य विभाग का अलर्टस्वाइन फ्लू की बिगड़ती स्थिति ने स्वास्थ्य विभाग में खलबली मचा दी है। इससे बचाव के लिए जहां सभी अस्पतालों में अलर्ट जारी कर दिया गया है वहीं दो महीने तक विशेष सावधानी बरतने के निर्देश भी दिए गए हैं। जिला अस्पताल और मेडिकल कॉलेज में अलग से वार्ड तैयार कराया जा रहा है। इसके अलावा लोगों को बीमारी से बचाव के लिए जागरूकता शिविर भी लगाए जा रहे हैं। स्वाइन फ्लू से बचाव के लिए टेमीफ्लू की मांग भी शासन को भेजी गई है।
हो रहा ट्रांसफर स्वाइन फ्लू का वायरस एक दूसरे में बहुत तेजी से ट्रांसफर होता है। आंकड़ों पर गौर करें तो 2017 में 31 ऐसे मरीज सामने आए थे जो एक ही परिवार से थे। 2018 में 5 मरीज ऐसे सामने आए थे। 2019 में अब तक 9 से ज्यादा मरीज सामने आ चुके हैं जो एपिडेमिलॉजिकली लिंक्ड हैं। फैक्ट फाइल 2019 में अब तक 398 केस पॉजिटिव मेरठ के मिल चुके हैं, 6 से ज्यादा लोगों की मौत हुई है। 82 प्रतिशत मरीज इनमें शहरी क्षेत्र के हैं। 18 प्रतिशत मरीज इनमें देहात क्षेत्र के हैं। 55 प्रतिशत महिलाएं हैं स्वाइन फ्लू से पीडि़त 24 केस पॉजिटिव मिले थे 2018 में395 केस स्वाइन फ्लू के पॉजिटिव मिले थे 2017 में, 21 मरीजों की मौत हो गई थी।
यह है स्वाइन फ्लू स्वाइन फ्लू एन1एच1 वायरस के फैलने से होता है। 10 से 15 डिग्री तापमान में यह सक्रिय हो जाता है। यह मौसम स्वाइन फ्लू के वायरस के लिए पूरी तरह से अनुकूल हैं। हालांकि इस साल मई-जून की चिलचिलाती गर्मी में स्वाइन फ्लू का संक्रमण फैला था। 2017 में भी जून में स्वाइन फ्लू के मरीज मिले थे। ऐसे पहचाने स्वाइन फ्लू 4-5 से दिन से अधिक तक सर्दी-जुकाम रहना तेज बुखार सिर में दर्द उल्टी आना बेचैनी होना मासंपेशियों में अकड़न व दर्द अचानक कमजोरी आना बरते सावधानी भीड़-भाड़ वाले इलाके से परहेज रखें। नाक और मुंह को ढंककर रखें, मॉस्क लगाएं हाथ न मिलाएं, आराम करें, पानी अधिक पीएं बुखार, सर्दी होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। खुद न खाएं दवा सर्दी-बुखार होते ही लोग इसे स्वाइन-फ्लू समझ खुद ही टेमी फ्लू खा ले रहे हैं। डा। अमिताभ गौतम के मुताबिक टेमीफ्लू खाने से कई तरह के साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं। इम्यून सिस्टम इससे सबसे ज्यादा प्रभावित होता है। एक्सपर्ट की सलाह से दवाइयों का सेवन करें।स्वाइन फ्लू के बचाव के लिए सभी को अलर्ट जारी कर दिया गया हैं। शासन को दवाइयों की मांग भेजी गई हैं। विभाग इसके लिए जागरूकता अभियान चलाएगा।
डॉ। राजकुमार, सीएमओ