- हादसा बताने वाली पुलिस के पास नहीं है कई अनसुलझे सवालों के जवाब

- सीसीटीवी और कॉल डिटेल खंगाल रही पुलिस, दोस्तों से की गई पूछताछ

- फॉरेंसिक व एफएसएल की रिपोर्ट का इंतजार

LUCKNOW : गोमतीनगर के पॉश इलाके विश्वास खंड में मंगलवार देररात युवक की मौत 48 घंटे बाद भी राज बनी हुई है। अब रहस्य से पर्दा उठाने के लिए पुलिस घटना का रिक्रिएशन करेगी। युवक की मौत को पुलिस हादसा बता रही है जबकि परिजन हत्या की आंशका जता रहे हैं। वहीं विश्वजीत के मोबाइल की कॉल डिटेल के साथ पुलिस घर से पॉलीटेक्निक चौराहे तक सीसीटीवी फुटेज खंगाल रही है, जिससे यह साफ हो सके कि रात में विश्वजीत के साथ कोई था या नहीं।

नोकदार ग्रिल में नहीं मिला खून

पुलिस का दावा है कि विश्वजीत फ‌र्स्ट फ्लोर की बालकनी से नीचे बाउंड्री वाल में लगी नोकदार ग्रिल में गिरा होगा। नोकदार ग्रिल पर गिरने से उसके शरीर में नोक धंस गई और ज्यादा खून बहने से उसकी मौत हो गई। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी आगे से सीने के पीछे की तरह एक पंचर करता हुआ घाव मिला। वहीं उसके दाहिने हाथ और घुटने में भी घाव के निशान हैं। विश्वजीत के शरीर में दो घाव मिले हैं। वह करीब 10 सेंटीमीटर तक हैं और नोक की लंबाई भी लगभग उतनी है। इसी आधार पर पुलिस दावा कर रही है, लेकिन पुलिस की थ्योरी पर इसलिए सवाल खड़े हो रहे क्योंकि अगर विश्वजीत की मौत नोकदार ग्रिल के धंसने के चलते हुई है तो ग्रिल पर खून के धब्बे क्यों नहीं मिले? अगर दीवार और ग्रिल को पानी से धोकर साफ किया गया है तो फॉरेंसिक जांच में इसकी पुष्टि हो सकती है इसलिए पुलिस फॉरेंसिक रिपोर्ट का इंतजार कर रही है।

समय को लेकर भी उलझी पुलिस

विश्वजीत रात करीब 12 से 12.30 बजे सिगरेट लेने के लिए पॉलीटेक्निक चौराहा गया था। इसकी पुष्टि के लिए पुलिस विश्वजीत के घर के आस-पास लगे कैमरे के साथ-साथ पॉलीटेक्निक रूट तक सीसीटीवी खंगाल रही है, जिससे यह साफ हो सके कि आखिर विश्वजीत कितने बजे घर से निकला और कब वापस लौटा। साथ ही आते और जाते समय क्या गाड़ी में उसके साथ कोई और था या फिर वह अकेला था? परिजनों का कहना है कि रात करीब एक बजे के बाद वह खून से लथपथ हालत में मां के कमरे में पहुंचा था। 30 मिनट के भीतर ऐसा क्या हुआ? क्या मकान के हिस्से में लगे छोटे गेट के पास पहले से कोई मौजूद था, जिसने विश्वजीत पर हमला किया और गेट फांद कर फरार हो गया। छोटे गेट के पास जमीन पर पुलिस को खून के धब्बे मिले हैं, लेकिन न ग्रिल में खून लगा मिला और न ही दीवार पर कोई खून का दाग मिला।

11 बजे तक चैट कर रहा था विश्वजीत

गोमती नगर पुलिस के अनुसार विश्वजीत ने अंतिम कॉल 9.30 बजे अपनी महिला मित्र को की थी। वहीं रात 11 बजे तक वह चैट करता रहा, जिससे अंतिम कॉल और चैट कर रहा था उसे भी पुलिस बुलाकर पूछताछ करने तैयारी में है। पुलिस को विश्वजीत के बेडरूम, लिविंग रूम में एक इंजेक्शन भी मिला है। इस इंजेक्शन की भी जांच करा रही है कि कहीं किसी और तरह का ड्रग्स तो यूज नहीं किया गया था।

हाइट और वेट से मैच नहीं खा रही घटना

विश्वजीत की लंबाई के अनुसार वेट करीब 65 से 70 केजी तक हो सकता है। फ‌र्स्ट फ्लोर की बालकनी की ऊंचाई से ग्रिल करीब 6 से 7 फीट है। एक नुकीले बलम से दूसरे बलम की दूरी करीब 10 से 12 सेंटीमीटर तक है। इतने वेट और हाइट का व्यक्ति अगर नोकदार ग्रिल पर गिरता तो ग्रिल शरीर के कई हिस्से में धंस सकता है और गिरने वाला व्यक्ति खुद शरीर में धंसे ग्रिल से नहीं निकल सकता है। अगर शरीर में ग्रिल धंसने से पंचर होता है तो शरीर बाहर करते ही खून की धारा निकलेगी। ऐसे में ग्रिल और दीवार खून से रंग सकती है, लेकिन वहां ऐसा कुछ नहीं हुआ।

Posted By: Inextlive