एक साल से ठप है उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग से भर्ती प्रक्रिया

उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग से आयोजित होने वाली सहायक प्रोफेसर के विज्ञापन-46 के 9 विषय के लंबित साक्षात्कार व विज्ञापन-47 की लिखित परीक्षा को तत्काल आयोजित कराने की मांग को लेकर प्रतियोगियों ने गुरुवार को आयोग में प्रदर्शन किया।

नहीं तो 8 मार्च से होगा उग्र प्रदर्शन

दबाव में आयोग अध्यक्ष द्वारा वार्ता बुलाई गई और आश्वस्त करने का प्रयास किया गया कि यथाशीघ्र विज्ञापन-46 के बचे हुए विषयों के साक्षात्कार व विज्ञापन-47 की परीक्षा के संबंध में निर्णय लिया जायेगा। परन्तु मार्च अंत तक भी इन लंबित प्रक्त्रिया को शुरू कराने का ठोस आश्वासन न देने पर अल्टीमेटम दिया गया कि 8 मार्च को आयोग की होने वाली बैठक में पूरे प्रदेश से प्रतियोगी जुटेगें और अगर उस दिन आयोग द्वारा लंबित प्रक्त्रिया शुरू कराने को लेकर कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया तो निर्णायक आंदोलन का निर्णय लिया जायेगा। उच्च शिक्षा प्रतियोगी मोर्चा के संयोजक पवन कुमार सिंह ने कहा कि कोरम के अभाव में एक साल से चयन प्रक्रिया रुकी हुई है। आंदोलन के दबाव में आयोग का गठन तो कर लिया गया है परन्तु सरकार की नीयत अच्छी नहीं है। जांच कराने के नाम पर और देरी की गई तो इसके परिणाम सरकार को भुगतने पड़ेगें। कहा कि विज्ञापन-46 के 80 फीसदी विषयों के रिलज्ट घोषित होने के बाद ज्वाइनिंग भी दी जा चुकी है। प्रदर्शन के दौरान प्रतियोगियों को संबोधित करते हुए युवा मंच के अध्यक्ष अनिल सिंह व संयोजक राजेश सचान ने कहा कि मुख्यमंत्री प्रतिदिन लाखों रोजगार देने की घोषणा कर रहे हैं, कुछ इसी तरह की घोषणायें प्रधानमंत्री मोदी द्वारा केंद्र में सत्तारूढ़ होने के बाद की गई थीं, लेकिन विगत 4 साल में रोजगार संकट में भारी इजाफा हुआ है। सरकारी पदों को भरने के बजाय सारा कामकाज आउटसोर्सिंग कंपनियों, फ्रेंचाइजी व संविदा के तहत कराने का मकसद क्या है। प्रदर्शन के दौरान चंद्रेश पाण्डेय, समरजीत सिंह, राकेश कुमार वर्मा, बलराम मिश्रा, दीपक कुमार बाजपेयी, राकेश कुमार, जय सिंह, बृजेश कुमार, अमित सिंह, परमवीर, श्वेता विश्वकर्मा, उदय सिंह पटेल, सर्वेश, बिनोद कुमार चैहान सहित भारी संख्या में प्रतियोगी मौजूद रहे।

सरकार के दबाव में आयोग द्वारा अनावश्यक देरी की जा रही है। आयोग 5 वर्ष में एक विज्ञापन की भर्ती पूरी कर रहा है। यह स्थिति बर्दाश्त किये जाने योग्य नहीं है।

चंद्रेश पाण्डेय

अध्यक्ष, उच्च शिक्षा प्रतियोगी मंच

प्रतियोगी इस आशंका से ज्यादा बेचैन हैं कि कहीं जांच के नाम पर अनावश्यक देरी न हो।

राजेश सचान

संयोजक, युवा मंच

अध्यक्ष व सदस्यों ने आश्वस्त किया कि जांच के नाम पर अनावश्यक देरी नहीं होगी। लेकिन अध्यक्ष द्वारा इस संबंध में ठोस आश्वासन न देने से युवाओं का आक्त्रोश और बढ़ गया है।

अनिल सिंह, अध्यक्ष

Posted By: Inextlive