कमिश्नर ने जिले के प्रशासनिक अधिकारियों समेत स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ की बैठक

Meerut । मेरठ में लगातार कोरोना के मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। हालांकि मरीज ठीक होने भी शुरू हो गए हैं। ऐसे में मरीजों की संख्या अधिक होने के चलते मेरठ का रेड जोन में ही बने रहने के आसार दिख रहे हैं। यदि मरीजों की संख्या इसी तरह बढ़ती रही तो 20 अप्रैल से जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लॉक डाउन में छूट देने की बात कही थी, वह मिल पाना मेरठ जिले के लिए मुश्किल नहीं बल्कि नामुमकिन होगा। हालांकि इस बाबत गुरुवार को कमिश्नर अनीता सी। मेश्राम ने जिले के प्रशासनिक अधिकारियों समेत स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की।

अधिकारी करें मेहनत

कमिश्नर ने बैठक के दौरान बताया कि जहां कोरोना का पॉजिटिव केस मिलता है, वह एरिया रेड जोन कहलाता है। एक कोरोना मरीज मिलने के बाद एक किलोमीटर का एरिया भी कंटेनमेंट जोन कहलाता है। उसके आगे एक किलोमीटर का एरिया बफर जोन कहलाता है। एक से अधिक कोरोना पॉजिटिव मरीज मिलने पर तीन किलोमीटर का एरिया कंटेनमेंट जोन कहलाता है। उन्होंने बताया कि जहां कोरोना का पाॉजिटिव केस मिलता है वह एरिया रेड जोन कहलाता है। यदि 14 दिन में कोई अन्य मरीज न मिले तो वह एरिया ऑरेंज जोन में आ जाता है जबकि 28 दिन तक यदि कोई मरीज न मिले तो वह इलाका ग्रीन जोन में आ जाता है। कमिश्नर ने साफ कहा कि मेरठ रेड जोन में है लेकिन अधिकारी लॉक डाउन और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन सुनिश्चित कर इसे ऑरेंज और ग्रीन जोन में कनवर्ट करने के लिए मेहनत करें। इस दौरान डीएम अनिल ढींगरा समेत प्रशासनिक और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी भी मौजूद रहें।

रेड जोन

रेड जोन वाले हिस्सों में कोई गतिविधि नहीं होगी। रेड जोन में उन जिलों को शामिल किया जाएगा, जहां कोरोना वायरस के पॉजिटिव केस लगातार मिल रहे हों। ऐसे इलाकों में लोगों को लॉक डाउन का सख्ती से पालन करना होगा यानी बहुत जरूरी काम से ही घर से निकलने की छूट तय समय-सीमा में ही रहती है।

ऑरेंज जोन

ऑरेंज जोन में उन जगहों को रखा जाएगा, जहां पॉजिटिव केस आए थे, लेकिन पिछले कुछ दिनों में कोई नया मामला सामने नहीं आया है। दूसरे शब्दों में कहें तो जहां नए मामले सामने आने बंद हो गए हैं, उन्हें ऑरेंज जोन में रखा जाता है। इनमें कुछ गतिविधियों की पूरी छूट रहती है।

ग्रीन जोन

ग्रीन जोन में ऐसे जिले रहेंगे, जिनमें अब तक कोई पॉजिटिव केस नहीं आया है। ऐसे इलाके में लोगों को बाकी दोनों के मुकाबले ज्यादा छूट रहेगी। ग्रीन जोन इलाकों में छोटे उद्योग धंधों को चलने की छूट रहती है। इन इलाकों के लोग अपने जरूरी कामों के लिए बाहर निकल सकते हैं।

Posted By: Inextlive