- एक स्कूल की पहल को पेरेंट्स ने बताया अच्छा।

- पेरेंट्स बोले बाकी स्कूलों को भी लेनी चाहिए सीख।

Meerut- अभी एक दिन पहले ही शहर के एक नामी स्कूल ने बच्चों के बैग के बोझ को कम करने की एक साकारात्मक पहल की है। जिससे पेरेंट्स को भी काफी खुशी हुई है। पेरेंट्स के अनुसार इस स्कूल से अन्य स्कूलों को भी सीख लेनी चाहिए। उनका का मानना है कि केवल बैग का बोझ कम करना नाकाफी है। बैग के बोझ के साथ ही जेब का बोझ भी कम होना बहुत आवश्यक है। जिसके लिए पेरेंट्स अपनी अलग-अलग एडवाइस भी दे रहें।

कमीशन के खेल से छुटकारा

पेरेंटस के अनुसार स्कूलों द्वारा केवल बच्चों के बैग का बोझ करना ही पर्याप्त नहीं है। जेब का बोझ करने के लिए भी स्कूलों को कुछ करने की अवश्यकता है। पेरेंट्स के अनुसार स्कूलों को जेब का बोझ कम करने के लिए ड्रेस के कमीशन का खेल, बुक्स में मोटे कमीशन के खेल को भी कम करने की अवश्यकता है। शास्त्रीनगर निवासी अरुणा सिंह के अनुसार स्कूलों द्वारा बैग का बोझ कम करने के साथ ही कमीशनखोरी के खेल का भी खत्म करना चाहिए।

प्राइमरी में नो बुक्स

पेरेंट्स के अनुसार बैग का बोझ कम करने के लिए किताबों को कम करने का बहुत अच्छा प्रयास है। लेकिन अगर प्राइमरी लेवल पर किताबें न लगाकर केवल कॉपियां ही लगाई जाएं तो उससे भी बच्चों के बैग का बोझ कम हो सकता है। पेरेंट्स के अनुसार किताबे हटाकर प्रैक्टिकल एजुकेशन देने की ज्यादा आवश्यक्ता है। रजबन निवासी नेहा का कहना है कि किताबों से हटकर बच्चा आज कल प्रैक्टिकल नॉलेज से ज्यादा सिखता है। इसलिए प्रैक्टिकल एजुकेशन पर ज्यादा फोकस करना चाहिए। कंकरखेड़ा निवासी पूनम का कहना कि बच्चों को रटने की आदत से छुटकारा दिलाना चाहिए।

फीस कम करना जरूरी

पेरेंट्स के अनुसार मोटी फीस पर भी लगाम लगाने की अवश्यकता है। उनका मानना है कि हर साल लगातार फीस में होते इजाफे की तरफ भी स्कूलों को ध्यान देने की अवश्यकता है।

स्कूल ने किताबों का बोझ कम किया है बहुत अच्छी बात है। ऐसा सभी स्कूलों को करने की अवश्यकता है। इसके साथ ही मोटे कमीशन के खेल को भी खत्म करने की अवश्यकता है।

-डॉ। प्रशांत कुमार, अजंता कालोनी

स्कूलों में किताबों की जगह प्रैक्टिकल नॉलेज देने पर ज्यादा फोकस करना चाहिए। क्योंकि आज कल बच्चा प्रैक्टिकल नॉलेज से ज्यादा सीखता है।

-डॉ। बीरपाल, सीसीएस यूनिवर्सिटी कैम्पस

मोटे कमीशन के खेल पर लगाम लगाने की भी अवश्यकता है। केवल बैग का बोझ कम करने से कुछ नहीं होने वाला है।

-अलका, बेगमबाग निवासी

Posted By: Inextlive