बीएसए ने भी किया परीक्षा का निरीक्षण, छात्रों का बढ़ाया हौंसला

शिक्षकों को नसीहत, पुन: कराया मूल्यांकन, नगर क्षेत्र को शाबासी

फीरोजाबाद : शनिवार को जनपद में सुलेख प्रतियोगिता हुई। ब्लाक में एनपीआरसी स्तर पर होने वाली इस परीक्षा में स्कूलों के चु¨नदा छात्रों ने प्रतिभाग किया। इस अवसर पर जहां छात्र किताबों से शब्दों को उतारने में तल्लीन नजर आए। परीक्षाओं के निरीक्षण पर निकले जिला बेसिक शिक्षाधिकारी बालमुकुंद प्रसाद ने भी नगर क्षेत्र में बच्चों के प्रयासों की सराहना की। हालांकि मूल्यांकन में कुछ शिक्षकों की जल्दी में वर्तनी की अशुद्धियों की अनदेखी पर बीएसए ने इन्हें नसीहद भी दी। पुर्नमूल्यांकन कराया। परीक्षा के साथ में खेल प्रतियोगिताएं भी संपन्न हुई। खेल प्रतियोगिता में प्रतिभागी छात्रों से हाथ मिलाकर बीएसए ने उनका हौंसला बढ़ाया।

छात्रों की लेखनी सुधारने एवं परीक्षा का भाव विकसित करने के लिए विभाग ने सुलेख प्रतियोगिता आयोजित की थी। ब्लाकों में चु¨नदा न्याय पंचायत पर स्कूलों से चयनित छात्रों की परीक्षा सुबह ही शुरु हो गई। नगर क्षेत्र में नगर शिक्षाधिकारी बीएन देवपुरिया के निर्देशन में सुलेख परीक्षा शुरु हुई। कक्षा चार के छात्रों को पांच की एवं पांच के छात्रों को छह की ¨हदी की किताब से सुलेख लिखने के लिए दिया। वहीं जूनियर में अंग्रेजी के लेख की परीक्षा हुई। सात एवं आठ के छात्रों को उन्हीं की कक्षा की किताब से सुलेख लिखने के लिए दिया गया था।

मदनपुर ब्लाक में सुलेख परीक्षा का निरीक्षण करने के बाद में बीएसए बालमुकुंद प्रसाद भी यहां पर पहुंचे। यहां उन्होने छात्रों को परीक्षा में तल्लीन देख शाबासी दी। इस अवसर पर विभिन्न खेल प्रतियोगिताएं भी यहां सपंन्न हुई। सेवानिवृत्त शिक्षक दौजीराम दिवाकर के निर्देशन में संपन्न खो-खो एवं कबड़्डी प्रतियोगिता में छात्र-छात्राओं ने अपनी खेल प्रतिभा का प्रदर्शन किया। इधर टूंडला में संपन्न हुई परीक्षाओं का डिप्टी बीएसए तरुण कुमार ने निरीक्षण किया। जिले के अन्य ब्लाकों में भी खंड शिक्षाधिकारियों के निर्देशन में परीक्षा संपन्न हुई।

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लेख के साथ अशुद्धियां भी देखिए:

सुलेख प्रतियोगिता के बाद उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन की तैयारी शुरु हुई। इस दौरान बीएसए यहां पर पहुंच गए तथा कुछ कॉपियां उठाकर देखी। उन्होने पाया कुछ शिक्षकों ने मूल्यांकन के दौरान सुंदर लेख देख नंबर दिए हैं, लेकिन शब्दों की अशुद्धि एवं पूर्णविराम आदि पर ध्यान नहीं दिया है। यह देख कर बीएसए ने शिक्षकों को नसीहत देते हुए कहा किसी भी छात्र के विकास में प्रभावी मूल्यांकन का योगदान होता है। कई बार कमजोर छात्र अच्छे नंबर पाकर पढ़ाई से विमुख हो जाते हैं तो अच्छे छात्र कम नंबर पाकर हीन भावन के शिकार होते हैं। ऐसे में मूल्यांकन पारदर्शिता के साथ हो। उन्होने गलतियों वाली उत्तर पुस्तिकाओं का पुर्नमूल्यांकन कराया। इधर इस परीक्षा के संबंध में बीएसए बालमुकुंद प्रसाद ने बताया कि इस तरह की परीक्षाओं से छात्र छात्राओं में परीक्षा देने का भाव विकसित कर रहे हैं। ताकि परिषदीय स्कूलों के छात्र भी अन्य स्कूलों के छात्रों को आज के प्रतिस्पद्ध़ी दौर में टक्कर दे सकें।

Posted By: Inextlive