- प्रदेश की लोक संस्कृति से रुबरु होंगे राजधानी वासी

- लोक संस्कृति शोध संस्थान की ओर से होगा तीन दिवसीय आयोजन

LUCKNOW : लोक संस्कृति के विभिन्न रंगों संग रिवर फ्रंट की शाम गुलजार होगी। पहली बार रिवर फ्रंट पर तीन दिवसीय लोक संस्कृति संगम के नाम से आयोजन किया जा रहा है। लोक संस्कृति शोध संस्थान की ओर से 28 से 30 मार्च तक शाम चार से रात 9 बजे तक सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया जायेगा। जिसमें प्रदेश की विलुप्त होती लोक कलाओं से लोग रुबरु होंगे।

लोक संस्कृति पर आधारित प्रदर्शनी

प्रदेश की लोक संस्कृति राई नृत्य, पाई डंडा नृत्य, ब्रज की होरी, समेत अलग अलग क्षेत्रों की प्रमुख लोक नृत्य की प्रदर्शनी लगाई जायेगी। लोक संस्कृति शोध संस्थान की निदेशक सुधा द्विवेदी ने बताया कि रिवर फ्रंट पर बने ओपेन थियेटर में सारे कार्यक्रमों का आयोजन होगा। जबकि चालीस से अधिक बैनरों के जरिये लोक संस्कृति की प्रदर्शनी लगाई जायेगी। रिवर फ्रंट पर लोक संस्कृति संगम के नाम से आयोजन में अलग अलग जिलों के कलाकार भी अपनी प्रस्तुति देंगे।

प्रतिदिन होंगे विशेष आयोजन

लोक संस्कृति शोध संस्थान की निदेशक सुधा द्विवेदी ने बताया कि 28 मार्च को शाम पांच बजे लोक संस्कृति पर आधारित प्रदर्शनी के उद्घाटन के साथ ही लोक संस्कृति संगम कार्यक्रम का आगाज होगा। इसके बाद पहले दिन विलुप्त होती प्रदेश की विधा नौटंकी का मंचन होगा जिसको शहनाज नौटंकी दल प्रस्तुत करेंगा। इसके बाद मैजिक मैन आफताब व जादूगर सुरेश अपने जादू से लोगों का मनोरंजन करेंगे। जिसमें इ्रंद्रजाल आकर्षक का केंद्र होगा। वहीं दूसरे दिन 29 मार्च को प्रदेश की विलुप्त होती लोक वाद्यों पर आधारित संगीत के रंग ताल तरंग कार्यक्रम का आयोजन होगा। जिसमें पुराने वाद्ययंत्रों का वादन होगा। वहीं कुमाऊंनी, गढ़वाली नृत्य विक्रम बिष्ट के निर्देशन में होगा। इसके अलावा अंतिम दिन लोक संस्कृति के विभिन्न रंगों को कलाकार कथक, गायन में बिरहा गायन, आल्हा, संस्कार गीत, मेला गीत, खेती किसानी गीत, रितु गीत आदि के जरिये पेश करेंगे।

Posted By: Inextlive