राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रयाग उत्तर जिला ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय के सीनेट हॉल में किया अखंड भारत संकल्प दिवस का आयोजन

ALLAHABAD: समाज में ऐसी भी शक्तियां कार्य कर रही हैं जो बंटवारे को पत्थर की रेखा मानती हैं। इनके मन में वर्ष 1862 से लेकर वर्ष 1977 के दौरान भारतीय संस्कृति को लेकर गलत धारणा बनी हुई थी। इसका परिणाम यह रहा कि अफगानिस्तान, म्यामांर व पाकिस्तान जैसे देश बने। लेकिन आने वाला समय इन शक्तियों के मंसूबे को ध्वस्त कर देगा। बस हम सभी को अपने मन में अखंड भारत का संकल्प लेना होगा। यह बातें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पूर्व प्रचारक नरेन्द्र भदौरिया ने सोमवार को इलाहाबाद विश्वविद्यालय के सीनेट हॉल परिसर में अखंड भारत संकल्प दिवस में बतौर मुख्य अतिथि कही।

कैसे हुए देश के टुकड़े

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रयाग उत्तर जिला की ओर से आयोजित समारोह में श्री भदौरिया ने वर्ष 1862 के दौर में अखंड भारत को अलग-अलग टुकड़े में बांटे जाने के कारणों पर प्रकाश डाला। विशिष्ट अतिथि आचार्य शांतनु जी महाराज ने कहा कि वह दिन दूर नहीं जब हम फिर से अखंड भारत के सपने को साकार करेंगे। इसके लिए जरुरी है कि भारतीय संस्कृति की बहुलता पर लगातार चिंतन किया जाए।

अखंड भारत की दिलाई शपथ

काशी प्रांत के संघचालक डॉ। विश्वनाथ लाल निगम ने अखंड भारत की संकल्पना को साकार करने की शपथ दिलाई। अध्यक्षता कला संकाय के अध्यक्ष प्रो। केएस मिश्रा ने की। संचालन डीएसडब्लू प्रो। आरकेपी सिंह का रहा। इस मौके पर जिला संघ चालक नितिन जी, प्रो। बीएन सिंह, डॉ। आरबीएल श्रीवास्तव, सर्वेश सिंह, अभिषेक अग्निहोत्री आदि मौजूद रहे।

Posted By: Inextlive