देश की रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड ने ऑनलाइन फार्मेसी नेटमेड्स में बड़ी हिस्सेदारी खरीदी है। यह सौदा 6.2 अरब रुपये में हुआ है। रिलायंस की नजर देश में तेजी से उभर रहे ऑनलाइन दवा बाजार पर है। इस सौदे के जरिए वह ऑनलाइन कंपनी अमेजन को टक्कर देने का इरादा रखती है।


बेंगलुरू (राॅयटर्स)। तेल से टेलीकाॅम का धंधा करने वाली कंपनी रिलायंस ने नेटमेड्स में 60 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदी है। रिलायंस इंडस्ट्रीज ने बीएसई को मंगलवार की देर शाम सौदे से जुड़ी जानकारी दी। सौदे के मुताबिक, नेटमेड्स ओवर द काउंटर दवाइयां बेचती है। कंपनी 70 हजार से ज्यादा दवाइयों की बिक्री करती है।भारत में अमेजन भी बेच रही ऑनलाइन दवाइयांअमेजन ने भी पिछले सप्ताह बेंगलुरू में ऑनलाइन दवाइयां बेचने की घोषणा की थी। माना जा रहा है कि रिलायंस के इस क्षेत्र में उतरने से अमेजन को ई-काॅमर्स बिजनेस में कड़ी टक्कर मिलेगी। इसमें वालमार्ट की फ्लिपकार्ट और अन्य छोटी कंपनियां भी शामिल हैं। रिलायंस इंडस्ट्रीज भारत की सबसे मूल्यवान कंपनी है।250 अरब रुपये का होगा ऑनलाइन दवा बाजार
हाल के महीनों में रिलायंस ने अपनी डिजिटल सहयोगी जियो प्लेटफार्म में हिस्सेदारी बेचकर 20 अरब डाॅलर से ज्यादा पूंजी एकत्रित की थी। नेटमेड्स से उसे और बढ़त मिलेगी। कंसलटेंसी फ्रॉस्ट एंड सुलिवन के एक अनुमान के मुताबिक, 2022 तक ऑनलाइन दवाइयों का बाजार 250 अरब रुपये का हो जाएगा।छोटे दवा कारोबारियों में बन गया भय का माहौल


अमेजन और रिलायंस जैसी बड़ी कंपनियों के दवा कारोबार में उतरने के बाद अब तमाम भारतीय कारोबारियों में डर का माहौल बन गया है। उनका कहना है कि बड़े कारोबारियों द्वारा ऑनलाइन दवाइयों की बिक्री से इस क्षेत्र में बेरोजगारी बढ़ेगी। ऑनलाइन दवाइयों की बिक्री में बिना ठीक से पता किए दवाइयों की बिक्री होगी।दवाइयों से जुड़े सहायक ट्रेडर्स पर भी है खतरानई दिल्ली में साउथ केमिस्ट एंड डिस्ट्रीब्यूटर्स एसोसिएशन के लीगल हेड यश अग्रवाल ने बुधवार को कहा कि यह सिर्फ दवा की दुकानों के लिए चिंता की बात नहीं है बल्कि इसमें लगे सहायक कारोबार भी शामिल हैं। दवा के बिजनेस में लाखों लोगों को रोजगार मिला हुआ है। ग्रुप ने पिछले सप्ताह अमेजन को इस बारे में लिखकर विरोध जताया है।

Posted By: Satyendra Kumar Singh