कोरोना वायरस महामारी से निपटने के लिए रेमेडिसविर दवा के इमरजेंसी यूज की परमीशन देने के लिए ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया के कदम का स्वागत किया जा रहा है। इस संबंध में एक सीनियर फिजीशियन का कहना है कि जो लोग गंभीर रूप से बीमार है उनके इलाज में यह दवा प्रभावी है।

नई दिल्ली (एएनआई)। भारत के राष्ट्रपति के पूर्व चिकित्सक और गंगा राम अस्पताल के वरिष्ठ चिकित्सक डॉक्टर मोहसिन वली ने कोरोना वायरस रोगियों के इलाज के लिए रेमेडिसविर के इमरजेंसी यूज की परमीशन देने के लिए ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया के कदम का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि जो लोग गंभीर रूप से बीमार है उनके इलाज में यह दवा प्रभावी है। रेमेडिसविर एक नई दवा है। कंपनी ने इबोला वायरस के लिए दवा का निर्माण किया। इस दवा का स्वतंत्र रूप से उपयोग नहीं किया जा सकता है।

इस दवा के साइड इफेक्ट भी हैं

डॉक्टर मोहसिन वली ने न्यूज एजेंसी एएनआई को बताया कि भारत के ड्रग कंट्रोलर जनरल (DCGI) ने इसे उन रोगियों द्वारा उपयोग करने की अनुमति दी है जो आईसीयू में भर्ती हैं या बहुत गंभीर हैं और जो वेंटिलेटर पर हैं। हर कोई इसे दूसरी सामान्य दवाओं की तरह बाजार से नहीं खरीद सकता है। यह काफी महंगी दवा है। इसलिए इसे खरीदना हर व्यक्ति के वश में भी नही हैं। इसके अलावा उन्होंने कहा कि इस दवा के साइड इफेक्ट भी हैं।

अब ठीक होने में 5 दिन लग रहे

दवा कैसे काम करती है, इस पर डाॅक्टर वली ने कहा जब वायरस कोशिकाओं के अंदर मल्टीप्लाई करता है, तो आरएनए पोलीमरेज़ नामक एक एंजाइम होता है जो इसकी संख्या भी बढ़ाता है। यह दवा इस एंजाइम को अवरुद्ध कर सकती है। इसलिए इसका उपयोग फेफड़ों की कोशिकाओं की रक्षा के लिए किया जा सकता है। यह बहुत लकी है कि इसे भारत में अनुमति दी गई है। जिन रोगियों को ठीक होने में आईसीयू में 11 दिन लग रहे थे उन्हें अब ठीक होने में 5 दिन लग रहे हैं। यह एक बड़ा अंतर है।

Posted By: Shweta Mishra