- उखड़ गए खंभे, जमीन में धंस गए पत्थर

- अब करवाई जा रही मरम्मत

आगरा। ताजगंज प्रोजेक्ट अखिलेश सरकार का सपना था। ताजमहल के आसपास सुंदर माहौल हो। सैलानियों पर इंप्रेशन अच्छा पड़े। आगरा की अलग ही छवि बने। इस ख्बाव को हकीकत में बदलने के लिए सरकार ने 197 करोड़ रूपये फूंके आनन-फानन में उद्घाटन कर दिया। अब पांच महीने बाद यह ध्वस्त होने लगा है। ये मेंटीनेंस मांगने लगा है।

कुछ टूटे तो कुछ चोरी हुए बोलार्ड

ताजगंज प्रोजेक्ट की सुंदरता को चार चांद लगाती लाइटों का बुरा हाल है। इन बोलार्ड (पिलर) को प्रोजेक्ट में मुश्किल से पास कराया था, जो अब खराब पड़ी है। इनमें कई बोलार्ड गाडि़यों की टक्कर से या अपने आप उखड़ गए और कुछ चोरी भी हो गए। वहीं सड़क किनारे लगे लैंप पोस्ट टूटने लगे हैं। ताजगंज प्रोजेक्ट में एक लैंप पोस्ट की कीमत तीन लाख रुपए थी। प्रोजेक्ट के 15 करोड़ रुपए सिर्फ लैंप पोस्ट पर खर्च किए गए थे, लेकिन अब इनमें से कई रात को रोशन नहीं हो पाती।

जमीन में धंस गए रेड स्टोन ब्लॉक्स

ताजगंज प्रोजेक्ट्स के अंतर्गत सड़क में लगाए गए रेड स्टोन ब्लॉक्स जगह-जगह से धंसना भी शुरू हो गए हैं। आधार मजबूत न होने के कारण गाडि़यों की आवाजाही से पत्थर अपनी जगह छोड़ने लगे हैं और जमीन में धंस रहे हैं। इनका मरम्मत का काम चल रहा है। इन्हें उखाड़कर फिर मसाला लगाकर पत्थर ठीक से लगाए जा रहे हैं।

शुरू हो चुका मरम्मत का काम

ताजगंज प्रोजेक्ट में हो रही टूट-फूट को लेकर मरम्मत का कार्य भी शुरू हो चुका है। उप्र राजकीय निर्माण निगम की ओर से इसका मरम्मत का कार्य किया जा रहा है। इसको लेकर एक रिपोर्ट बनाई गई है जिसके बाद अब इसे सही कराया जा रहा है। वहीं लाइटिंग पोल्स और उखड़े बोलार्ड को भी ठीक किया जाना बाकि है।

प्रोजेक्ट पर उठने लगे सवाल

तैयार होने से पहले ही ताजगंज प्रोजेक्ट विवादों में रहा। शुरूआत में यह प्रोजेक्ट 121 करोड़ रुपए का था जो बढ़कर 197 करोड़ रुपए तक पहुंच गया। प्रोजेक्ट में 76 करोड़ रुपए बढ़ा दिए गए। ताज की वीआईपी एंट्री माने जाने वाले पूर्वी गेट के रास्ते में जगह-जगह गिरे खंबे और उधड़ी सड़क से सौंदर्य बिगड़ रहा है। वहीं ताज महोत्सव के दौरान पर्यटन विभाग ने ही इसे नुकसान पहुंचा दिया। शिल्पग्राम में ताज महोत्सव के लिए बनाए जाने वाले एंट्री गेट के लिए पत्थर उखाड़ दिए गए जो अब फिर से लगाए गए हैं।

Posted By: Inextlive