कॉल ड्रॉप की वजह से मोबाइल से बात करना इस देश में लगातार एक समस्या बनता जा रहा है। ऐसे में हाल ही में दूरसंचार नियामक ट्राई ने देश के चुनिंदा शहरों में कॉल ड्रॉप को लेकर जो ड्राइव टेस्ट कराकर एक रिपोर्ट पेश की है। वहीं टेलीकॉम कंपनियां उस रिपोर्ट को सिरे से खारिज कर रही हैं।


टेलीकॉम कंपनियां फेलकॉल ड्रॉप की समस्या को लेकर एक बार फिर दूरसंचार नियामक ट्राई और टेलीकॉम कंपनियां फिर आमने सामने आ गई हैं। दूरसंचार नियामक ट्राई ने हाल ही में कॉल ड्रॉप की समस्या से निपटने के लिए नया तरीका निकाला है। दूरसंचार नियामक ट्राई ने देश के चुनिंदा शहरों में कॉल ड्रॉप को लेकर जो ड्राइव टेस्ट करवाया। उसमें टेलीकॉम रेगुलेटर की ड्राइव टेस्ट में 2जी सर्किल में सभी टेलीकॉम कंपनियां फेल हुई हैं। वहीं टेलीकॉम कंपनियां इस रिपोर्ट को मानने को तैयार नही हैं। उनका कहना है कि यह रिपोर्ट फर्जी है। इसमें पारदर्शिता की कमी साफ तौर पर दिख रही है। वर्तमान में कॉल ड्रॉप की दिक्कत में काफी हद तक सुधार हुआ है, लेकिन रिपोर्ट में इस पहलू पर कोई ध्यान नही दिया गया। यह महज टेलीकॉम कंपनियों को बदनाम करने की कोशिश है। टेस्ट ड्राइव पारदर्शी
जिससे साफ है कि टेलीकॉम कंपनियां इस रिपोर्ट बिल्कुल मानने को तैयार नहीं हैं। वहीं दूरसंचार नियामक ट्राई इस रिपोर्ट को पूरी तरह से सही बता रही है। दूरसंचार नियामक ट्राई के चेयरमैन आर एस शर्मा का कहना है कि यह उपभोक्ताओं के हित में उठाया गया कदम है। इसके अलावा टेलीकॉम कंपनियों के लिए यह ड्राइव टेस्ट काफी फायदेमंद है। टेस्ट पूरी तरह से पारदर्शी है। दूरसंचार नियामक ट्राई ड्राइव टेस्ट करती रहती है। इस बार भी जब दूरसंचार नियामक ट्राई ने यह ड्राइव टेस्ट कराया था तब इन टेलीकॉम कंपनियों से सुझाव भी लिए थे। जिससे इस रिपोर्ट में कॉल ड्रॉप की दिक्कत में कोई सुधार नहीं देखा गया है।

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Posted By: Shweta Mishra