इस वर्ष गणतंत्र दिवस की परेड में जहां अत्याधुनिक तकनीक से लैस चिनूक और अपाचे अपना शौर्य दिखाएंगे वहीं पूरी दुनिया भारतीय वायुसेना के दमखम से भी रूबरू होगी।


कानपुर (योगेश कुमार गोयल)। हर साल देश की तीनों सेनाओं में से किसी एक को गणतंत्र दिवस परेड का को-ऑर्डिनेटर बनाया जाता है और इस बार भारतीय वायुसेना राजपथ पर 70वें गणतंत्र दिवस परेड के लिए लीड एजेंसी है। वायुसेना और थलसेना के कुल 45 विमान और हेलीकॉप्टर परेड में हिस्सा लेकर गणतंत्र दिवस समारोह की परेड को अविस्मरणीय बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। परेड में वायुसेना के 41 विमान, जबकि थलसेना के चार हेलीकॉप्टर भारतीय सेना की ताकत और पराक्रम को प्रदर्शित करेंगे। परेड के दौरान इस बार आसमान में पूरी दुनिया भारतीय वायुसेना की ताकत देखेगी।परेड से पहले जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी नेशनल वॉर मेमोरियल पर शहीदों को श्रद्धांजलि देने जाएंगे, उस समय इंटर सर्विस गार्ड की कमान वायुसेना के विंग कमांडर विपुल गोयल के पास होगी। उस दौरान रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, सीडीएस बिपिन रावत, तीनों सेनाओं के प्रमुख तथा रक्षा सचिव उपस्थित रहेंगे। इसके बाद जब राष्ट्रपति राजपथ पर तिरंगा फहराएंगे, उस समय वायुसेना के फ्लाईंग ऑफिसर अमन वहां उपस्थित रहेंगे और वायुसेना की टुकड़ी में चार अधिकारी व 144 वायुसैनिक शामिल होंगे। परेड की कमान होगी फ्लाईट लेफ्टिनेंट श्रीकांत शर्मा के पास, जिनके पीछे वायुसेना के तीन अधिकारी और होंगे।राजपथ पर 300 मीटर की ऊंचाई पर भरेंगे उड़ान


राजपथ पर वायुसेना का फ्लाई पास्ट परेड की शुरुआत में और परेड के आखिर में अर्थात दो हिस्सों में होगा और परेड में वायुसेना के सभी विमान राजपथ तथा इंडिया गेट के बीच 60 से 300 मीटर की ऊंचाई पर उड़ान भरेंगे। परेड की शुरुआत वाई-फॉर्मेशन बनाते हुए वायुसेना के चार एमआई 17वी5 हेलीकॉप्टर के साथ होगी और इन चारों में से एक हेलीकॉप्टर पर भारत की आन-बान और शान तिरंगा झंडा लहरा रहा होगा, जबकि शेष तीनों हेलीकॉप्टरों पर देश की तीनों सेनाओं के ध्वज होंगे। वायुसेना के इस प्रदर्शन के बाद बारी होगी थलसेना की, जिसके चार एएलएच ध्रुव हेलीकॉप्टर्स के राजपथ पर आने के साथ ही राजपथ पर मुख्य परेड की शुरुआत होगी। थलसेना के इन हेलीकॉप्टरों के बाद गणतंत्र दिवस परेड में पहली बार अमेरिकी हैवीलिफ्ट हेलीकॉप्टर चिनूक 'विक फॉर्मेशन' बनाते हुए अपनी ताकत का प्रदर्शन करेंगे। ऐसे प्रदर्शन के दौरान तीन हेलीकॉप्टर उड़ान भरते हैं, जिनमें से एक हेलीकॉप्टर आगे की तरफ उड़ता है और बाकी दो हेलीकॉप्टर उसके इर्द-गिर्द थोड़ा पीछे की ओर रहते हैं।बेहद ताकतवर चिनूक हेलीकॉप्टरों के प्रदर्शन के बाद बारी होगी वायुसेना के नए लड़ाकू हेलीकॉप्टर अपाचे की।पांच अपाचे हेलीकॉप्टर एक साथ उड़ान भरेंगे और तीर जैसा 'एरोहेड फॉर्मेशन' बनाते हुए हवा में कलाबाजियां दिखाकर अपनी ताकत का प्रदर्शन करेंगे। बताते चलें कि चिनूक और अपाचे हेलीकॉप्टर कुछ ही समय पहले अमेरिका से खरीदे गए हैं और ये पहली बार गणतंत्र दिवस फ्लाई पास्ट का हिस्सा बनेंगे, इसलिए हर किसी की नजरें खासतौर से इन पर केन्द्रित होंगी।फ्लाइट पास्ट की शुरुआत रुद्र फार्मेशन सेपरेड की समाप्ति वायुसेना के फ्लाई पास्ट के साथ होगी और इस फ्लाई पास्ट की शुरुआत 'रुद्र फॉर्मेशन' से होगी, जिसमें 'विक' (विक्टरी) बनाते हुए स्वदेशी एएलएच (डव्लूएसआई) रुद्र हेलीकॉप्टर होंगे। फिक्स्ड विंग एयरक्राफ्ट की शुरुआत 3 डोरनियर एयरक्राफ्ट्स से होगी और उसके बाद 3सी 130जे सुपर हरक्युलिस मिलिट्री ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट अपना जलवा दिखाने आएंगे। इसके बाद बारी होगी नेत्रा फॉर्मेशन में शामिल विमानों की, जिसमें एक एवैक्स (एयरबोर्न अर्ली वार्निंग कंट्रोल सिस्टम) टोही विमान, दो सुखोई फाइटर जेट्स तथा तीन सी17 ग्लोबमास्टर हेवीलिफ्ट ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट शामिल होंगे। 5 जगुआर फाइटर जेट्स के साथ परेड में लड़ाकू विमानों की शुरुआत होगी। जगुआर के बाद 5 अपग्रेडेड मिग-29 फाइटर जेट्स प्रदर्शन करेंगे और फिर होगा 'सुखोई फॉर्मेशन', जिसमें त्रिशूल बनाते हुए तीन सुखोई फाइटर जेट्स आएंगे और फिर एक सुखोई राजपथ पर वर्टिकल मैन्युवर करेगा।वायुसेना प्रदर्शन करेगी अपने पांच माॅडल

गणतंत्र दिवस परेेड में वायुसेना की झांकी में वायुसेना अपने पांच मॉडलों का प्रदर्शन करेगी, जिनमें फ्रांसीसी एविएशन कंपनी 'दसाल्ट एविएशन' द्वारा निर्मित दो इंजन वाला राफेल लड़ाकू विमान, स्वदेश में विकसित हल्के लड़ाकू विमान 'एलसीए तेजस', लाइटर कॉम्बेट हेलीकॉप्टर एलसीएच, अस्त्र मिसाइल तथा आकाश मिसाइल प्रणाली शामिल होंगे।लादेन किलर कहते हैं अपाचे हेलीकाॅप्टर कोअब आपको कुछ अपाचे हेलीकॉप्टर के बारे में भी बता दें। अपाचे हेलीकॉप्टर वही हेलिकॉप्टर है, जिसे 'लादेन किलर' के नाम से भी जाना जाता है।यह इतना घातक हेलीकॉप्टर माना जाता है कि इसके बारे में कहा जाता है कि यह दुनिया की सबसे परिष्कृत किन्तु घातक मशीन है, जो अपने दुश्मनों पर बहुत बेरहम साबित होती है।बहरहाल, इस वर्ष गणतंत्र दिवस की परेड में जहां अत्याधुनिक तकनीक से लैस चिनूक और अपाचे अपना शौर्य दिखाएंगे, वहीं पूरी दुनिया भारतीय वायुसेना का दमखम भी देखेगी।editor@inext.co.in

Posted By: Satyendra Kumar Singh