- एक्ट लागू होने से पहले के प्रोजेक्ट्स को एक्ट से बाहर रखने की मांग

DEHRADUN: रेरा एक्ट में संशोधन की मांग पर वेडनसडे को बिल्डर्स एसोसिएशन के पदाधिकारी शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक से मिले। उन्होंने मंत्री से मांग की कि गुजरात व महाराष्ट्र राज्यों की तर्ज पर दून के बिल्डर्स को भी रजिस्ट्रेशन शर्तो में रियायत दी जाए। दो दिन पहले भी दून रियल एस्टेट एसोसिएशन के प्रतिनिधिमंडल ने सीएम व हरिद्वार सांसद रमेश पोखरियाल निशंक से रेरा एक्ट में राहत देने की मांग की थी।

मंत्री ने िदया आश्वासन

रेरा एक्ट के बाद बिल्डर्स खासी परेशानी में हैं। बिल्डर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश बत्ता के मुताबिक रेरा कानून में पैनल्टी किए जाने पर शिथिलीकरण किया जाए। उन्होंने कहा कि रेरा कानून के लागू होने से पहले जो प्रोजेक्ट्स चल रहे थे, उनको रजिस्ट्रेशन में छूट दी जाए। कानून लागू होने से पहले जिन प्रोजेक्ट्स ने कारणवश अपना कंप्लीशन सर्टिफिकेट प्राप्त नहीं किया, उन्हें भी एक मौका दिया जाए। इन मांगों को लेकर शहरी विकास मंत्री से बिड‌र्ल्स एसोसिएशन ने कार्यवाही की मांग की। एसोसिएशन के अध्यक्ष ने बताया कि शहरी विकास मंत्री ने उन्हें कार्यवाही का भरोसा दिलाया है।

रियल एस्टेट ने भी मांगी रियायत

दून रियल एस्टेट एसोसिएशन के प्रतिनिधिमंडल ने भी रेरा कानून में संशोधन किए जाने को लेकर पूर्व सीएम व सांसद रमेश पोखरियाल से मुलाकात की। उन्होंने कहा कि रेरा एक्ट के तहत भूमि की खरीद करने वालों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। एसोसिएशन के अध्यक्ष रणबीर सिंह चौहान ने कहा कि भूमि के कारोबार से हजारों का रोजगार जुड़ा हुआ है। रेरा से अधिकांश कारोबारियों की साइट अधूरी हैं। करीब फ्0 प्रतिशत भूखंड बिकने बाकी हैं। पुरानी साइटों को बिकने के लिए एक साल तक रेरा से मुक्त रखा जाए। प्राधिकरण से ले आउट पास करने के नियम भी सरल किए जाएं और ग्रामीण क्षेत्रों में एक एकड़ तक भूमि पर अथॉरिटी से ले आउट पास कराने की बाध्यता को समाप्त किया जाए।

Posted By: Inextlive