अपने वादों पर खरे न उतरने वाले प्रमोटर्स रेरा की कार्रवाई से बचने के लिये कंसिलिएशन फोरम का सहारा ले रहे हैं।


लखनऊ (पंकज अवस्थी)। आवंटियों को भी यह फोरम भा रहा है। दोनों पक्षों की पसंद बन चुके कंसिलिऐशन फोरम में अब तक 1690 मामले दर्ज हो चुके हैं, जिनमें से अधिकांश आपसी सहमति से निस्तारित भी हो गए। बिना देरी किये दिक्कतें दूर होने की वजह से यह फोरम आवंटियों के लिये मददगार साबित हो रहा है। जिस वजह से इसमें शिकायतों की संख्या बढ़ती जा रही है। दो कंसिलिएशन फोरम गठित
रियल एस्टेट रेग्युलेटरी अथॉरिटी (रेरा) ने दो कंसिलिएशन फोरम (समाधान फोरम) का गठन किया गया था। लखनऊ और नोएडा में बने इन फोरम के गठन को लेकर मंशा थी कि संपत्ति खरीदारों की शिकायतों को आपसी समझौते से निस्तारित कराया जाए। इसके तहत नियमानुसार कार्यवाही से कम समय लगता है और प्रमोटर्स भी कार्रवाई के डर से आनन-फानन शिकायतों को दूर करने के लिये तैयार हो जाते हैं। दरअसल, रेरा में रोजाना औसतन 40 नई शिकायतें दर्ज होती हैं। 30 अगस्त, 2019 तक यूपी रेरा में कुल 12780 शिकायतें दर्ज हो चुकी हैं। जिनमें से 8506 शिकायतों का निस्तारण हो सका। सुनवाई और कानूनी कार्यवाही के चलते शिकायतों का निस्तारण होने में लंबा वक्त लगता है। यही वजह है कि आवंटियों की शिकायतों का निस्तारण आपसी सहमति से कराने के लिये इन कंसिलिएशन फोरम का गठन किया गया।


लागू करने में नहीं होती परेशानीकंसिलिएशन फोरम में कंसिलेटर पूर्व आईएएस मणि प्रसाद मिश्र ने बताया कि अब तक 1398 शिकायतें आवंटियों ने सीधे की हैं। जबकि, बेंच ने 292 मामले बेंच ने ट्रांसफर किये हैं। चूंकि, ऐसे मामलों में आवंटी व प्रमोटर्स आपसी सहमति से विवाद को हल करने के लिये पहले से सहमति दे देते हैं, ऐसे में शिकायतों पर सुनवाई बेहद सौहार्दपूर्ण माहौल में होती है। दोनों पक्षों की बात सुनने व उनके पेपर्स देखने के बाद फैसला सुनाया जाता है। जिसे दोनों ही पक्ष मानने को बाध्य होते हैं। फैसले से पहले ही दोनों पक्ष अपनी सहमति दे चुके होते हैं, इसलिए इस फैसले को लागू कराने में भी कोई दिक्कत नहीं आती और सभी फैसले अक्षरश: लागू हो जाते हैं। ऐसे करें आवेदन

कंसिलेटर मणि प्रसाद मिश्र ने बताया कि यूपी रेरा में सभी आवेदन ऑनलाइन ही लिये जाते हैं। पोर्टल पर जाते ही वेबसाइट पर कंसिलिएशन फोरम का विकल्प मिलेगा। जिसके जरिए अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं। शिकायत व पूरी डिटेल भरते ही उस प्रमोटर के पास एसएमएस के जरिए इसकी सूचना जाती है। अगर वह कंसिलिएशन फोरम में मामले के निस्तारण के लिये अपनी सहमति दे देता है तो पेमेंट ऑप्शन खुल जाता है। जिसके जरिए इसकी फीस 1000 रुपये जमा करने पर कंसिलिएशन डेट मिल जाती है। इस डेट पर दोनों पक्षों के अलावा होम बायर्स एसोसिएशन व प्रमोटर्स एसोसिएशन के सदस्य भी सुनवाई में बैठते हैं। इस सुनवाई में दोनों पक्ष अपनी बात व पेपर्स प्रस्तुत करते हैं। जिसके बाद आपसी सहमति से फैसला हो जाता है। फैक्ट फाइल - 12780 रेरा में कुल शिकायतें दर्ज- 8506 शिकायतें निस्तारित - 1690 मामले हो चुके हैं दर्ज, अधिकांश आपसी सहमति से हुए निस्तारितकंसिलिएशन फोरम में शिकायतें शिकायतों के प्रकार    एनसीआर    नॉन एनसीआर    फेल्डसीधी शिकायतें    1186    212    22बेंच द्वारा ट्रांसफर    257    35    21              'विवादों को सौहार्दपूर्ण व समझौते के आधार पर निस्तारित करने के लिये कंसिलिएशन फोरम बनाया गया है। इसमें लोग आपस में बैठक कर सौहार्दपूर्ण माहौल में समझौते के आधार पर निर्णय लेंगे। इससे अधिकतर समस्याओं का निदान हो जाएगा। जिन मामलों में लोग सीधे रेरा में शिकायत दर्ज कराना चाहेंगे उनके लिये विकल्प खुला रहेगा।'- मणि प्रसाद मिश्र, कंसिलेटरpankaj.awasthi@inext.co.in

Posted By: Inextlive