रिसर्च स्कॉलर के सुसाइड के कारणों की पड़ताल को लेकर आईआईआईटी मैनेजमेंट गंभीर

एडमिनिस्ट्रेशन के सामने छात्रों ने खुलकर रखी अपनी बात

vikash.gupta@inext.co.in

ALLAHABAD: देश के प्रतिष्ठित संस्थानों में से एक भारतीय सूचना एवं प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईआईटी) इलाहाबाद के पूर्व प्रोजेक्ट स्टॉफ परमात्मा यादव के सुसाइड के लिए छात्रों द्वारा जिम्मेदार बताए जा रहे इन्फार्मेशन टेक्नोलॉजी के प्रोफेसर अनुपम अग्रवाल छुट्टी पर चले गये हैं। उनका चार्ज दूसरे प्रोफेसर को सौंप दिया गया है। दूसरी तरफ डायरेक्टर की तरफ से गठित जांच कमेटी ने अपना काम शुरू कर दिया है। कमेटी ने परमात्मा के परिजनों को भी पूछताछ के लिए बुलाने का फैसला लिया है। बुधवार को डायरेक्टर के निर्देश पर छात्रों को अपनी समस्याएं रखने के लिए कॉल किया गया।

टी। लहरी को मिला डीन का चार्ज

प्रो। अनुपन के पास संस्थान के दो महत्वपूर्ण पद थे। इनमें डीन एकेडमिक एंड रिसर्च तथा चीफ विजिलेंस ऑफिसर का पद शामिल है। डीन एकेडमिक एंड रिसर्च का चार्ज एप्लाईड साइंस के प्रो। टी। लहरी को दे दिया गया है। इससे परिसर में किस्म- किस्म की चर्चायें चल रही हैं। सोमवार की रात्रि से इस पूरे इंसीडेंट को लेकर एक्टिव संस्थान के डायरेक्टर प्रो। पी। नागभूषण ने गुरूवार को सभी टीचर्स एंड स्टॉफ मेम्बर्स की मीटिंग शाम चार बजे कॉल की है। जिसमें संस्थान के हालातों का जायजा लिया जायेगा। इसमें शिक्षकों और कर्मचारियों को मौका दिया जायेगा कि वे अपनी समस्यायें और बात रख सकें।

शनिवार को सौंपेंगे रिपोर्ट

बता दें कि आईआईआईटी में हाल ही में आये डायरेक्टर प्रो। पी। नागभूषण के सामने यह पहला ऐसा इंसीडेंट है। जिसके बाद उन्होंने तेजी दिखाते हुये प्रो। यूएस तिवारी की अध्यक्षता में एक जांच कमेटी का गठन किया है जोकि इस बात की जांच करेगी कि प्रो। अनुपम अग्रवाल पर परमात्मा यादव के शैक्षिक दस्तावेजों को जानबूझकर रोककर रखने का आरोप कितना सही है? इसके अलावा कमेटी दूसरे पहलुओं की भी जांच कर रही है। इधर, जांच कमेटी ने यह भी निर्णय लिया है कि वह अब परमात्मा के पैरेंट्स से भी कांटैक्ट करेगा। उनसे पूरी घटना के बारे में जानकारी ली जायेगी और वास्तविक कारणों को जानने की कोशिश भी होगी। इससे छात्रों में आस जगी है कि अब घटना की असली वजहें सामने आयेंगी। प्रो। यूएस तिवारी ने बताया कि वे अपनी रिपोर्ट शनिवार को डायरेक्टर को सौंपेंगे।

अब तक क्या हुआ

ट्रिपलआईटी में प्रोजेक्ट स्टॉफ के पद पर कार्यरत रहे युवा परमात्मा यादव ने सोमवार को लगाई फांसी

परमात्मा झलवा में किराये के कमरे में रहते थे। वहीं लगाई थी फांसी

वे भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के अंतर्गत संचालित प्रोजेक्ट में जूनियर रिसर्च फेलो के रूप में नियुक्त थे।

उनका कार्यकाल 10 जून 2017 को समाप्त हो गया था।

मंगलवार को कंडोलेंस सभा में छात्रों ने आरोप लगाया कि परमात्मा के गाइड प्रो। अनुपम अग्रवाल ने उनकी मार्कशीट समेत शैक्षिक दस्तावेज दिये जाने में अड़ंगा लगा रखा था

इसके चलते वह काफी परेशान था और सुसाइड के लिये मजबूर हुआ।

डायरेक्टर प्रो। पी। नागभूषण ने उनके साथ दिखाई पूरी हमदर्दी और छात्रों से अच्छा व्यवहार किये जाने के लिये निर्देशित किया।

प्रो। अनुपम ने खुद पर लगे आरोपों को खारिज किया है और कहा है कि परमात्मा ने निजी कारणों से ऐसा कदम उठाया होगा।

छात्रों ने ये बात बताई

परमात्मा काफी सीधा और मिलनसार स्वभाव का था।

वह कोई भी परेशानी किसी से शेयर नहीं करता था।

उसने एमसीए के बाद पुडुचेरी यूनिवर्सिटी से एमटेक किया।

इसके बाद वह ट्रिपलआईटी में प्रोजेक्ट वर्क के लिये आया था।

वह जेआरएफ भी था।

ये उठ रहे थे सवाल

आखिर सुसाइड के बाद ट्रिपलआईटी एडमिनिस्ट्रेशन ने परमात्मा के पैरेट्स से कांटैक्ट करना उचित क्यों नहीं समझा ?

केवल उसे पूर्व स्टॉफ बताकर कैसे जिम्मेदारी से मुंह मोड़ा जा सकता है।

आईआईआईटी प्रशासन की ओर मीडिया को जारी लिखित बयान में कहा गया था कि वह न तो यहां के शोध छात्र थे और न ही यहां परिसर में रहते थे।

यह भी कहा गया कि परमात्मा की ओर से कभी कोई शिकायत भी नहीं की गई।

जबकि, घटना की वजहें और छात्रों का आक्रोश किसी और बात की ओर इशारा कर रहा है।

पुलिस ने भी सुसाइड केस में न एफआईआर, न कोई जांच पड़ताल और न ही पोस्टमार्टम कराना उचित समझा।

परमात्मा के परिजन आखिर किस दबाव में थे, जो अपने मेधावी बेटे की मौत पर खामोश हो गये।

हम इस पूरी घटना को गंभीरता से ले रहे हैं। किसी के साथ कोई अन्याय नहीं होगा। संस्थान इस घटना को लेकर संवेदनशील है।

प्रो। पी। नागभूषण, डायरेक्टर

बुधवार को छात्रों को दिन में 11:30 से 02 बजे के बीच अपनी बात रखने का मौका दिया गया। इस दौरान एमटेक, पीएचडी समेत अन्य कोर्सेस के छात्रों ने अपनी समस्यायें हमारे सामने रखी हैं। उन्हें शाम में भी बुलाया गया और आगे भी मौका दिया जायेगा। हम मृतक परमात्मा के परिजनो से भी बात करेंगे।

-प्रोफेसर यूएस तिवारी,

जांच कमेटी के अध्यक्ष

प्रो। अनुपम अग्रवाल छुट्टी पर चले गये हैं। उनकी जगह प्रो। टी लहरी को चार्ज दिया गया है। उनके पास सीवीओ का भी काम था। यह पद किसे दिया जाये ? इसपर अभी निर्णय नहीं हुआ है।

ओपी श्रीवास्तव, डिप्टी रजिस्ट्रार

Posted By: Inextlive