- आरएमआरसी प्रोवाइड कराएगा सभी जरूरी फैसिलिटी

- स्टूडेंट्स को मिलेगा नेशनल रिसर्च साइंटिस्ट के साथ स्टडी का मौका

- आईसीएमआर और यूनिवर्सिटी के बीच मंगलवार को होगा एमओयू साइन

GORAKHPUR: स्टूडेंट्स की रिसर्च अब टू द प्वाइंट होंगी, डेटा भी और एक्युरेट होगा। किसी भी प्रॉब्लम का झटपट सॉल्यूशन होगा और नेशनल रिसर्च में हिस्सा लेने वाले प्रोफेशनल साइंटिस्ट उनके गाइड होंगे। गोरखपुर यूनिवर्सिटी में इस एकेमिक सेशन से रिसर्च की फील्ड में यूनिवर्सिटी के होनहार इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) के पंखों से उड़ान भरेंगे। इसके लिए मसौदा तैयार किया जा चुका है। मंगलवार को आईसीएमआर और गोरखपुर यूनिवर्सिटी के बीच इस बड़े प्रोजेक्ट के लिए करार होगा। इसके बाद दोनों संस्थाएं मिलकर गोरखपुर से बीमारी दूर भगाने और आसपास के लोगों को हेल्दी और फिट एंड फाइन बनाने के लिए रिसर्च शुरू करेंगी। वीसी की मौजूदगी में आईएमआरसी डायरेक्टर इस करार पर सिग्नेचर करेंगे।

प्रोफेशनल के साथ काम करने का मौका

गोरखपुर यूनिवर्सिटी के रिसर्चर्स को प्लेटफॉर्म देने के लिए आईसीएमआर के रीजनल इंस्टीट्यूट आरसीएमआर ने पहल की है। एमओयू होने के बाद यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट्स को प्रोफेशनल रिसर्चर्स के साथ काम करने का मौका मिलेगा। इसमें स्टूडेंट्स अगर किसी टॉपिक को लेकर अपनी रिसर्च कर रहा है, तो इसे आगे बढ़ाने में आरसीएसआर हेल्प करेगा। वहीं, एक्सप‌र्ट्स साइंटिस्ट भी अपनी प्रॉब्लम लेकर यूनिवर्सिटी के पास जाएंगे और डाटा कलेक्शन के साथ कुछ रिसर्च एक्टिविटीज में भी उनको शामिल करेंगे, जिससे उनका ओवरऑल डेवलपमेंट हो सके और रिसर्च किस तरह से करनी चाहिए इसकी भी जानकारी हो सके।

सभी विभागों को किया जाएगा शामिल

प्रोजेक्ट में यूनिवर्सिटी के किसी खास डिपार्टमेंट के साथ टाईअप नहीं किया जा रहा है, बल्कि इसमें गोरखपुर यूनिवर्सिटी से एमओयू हो रहा है। यानि कि आरसीएमआर यूनिवर्सिटी के सभी संबंधित डिपार्टमेंट से टाईअप कर रिसर्च करेगा। इससे जिस डिपार्टमेंट को उनकी हेल्प की जरूरत पड़ेगी, वहां से मदद ली जाएगी, वहीं जिस डिपार्टमेंट से संबंधित उन्हें स्टडी करानी होगी, इसके लिए वह यूनिवर्सिटी की मदद लेंगे। इसका फायदा आरसीएमआर और यूनिवर्सिटी के साथ ही आम आदमी को भी मिलेगा।

आरसीएमआर अब गोरखपुर यूनिवर्सिटी के साथ मिलकर काम करेगा। इसके लिए मंगलवार को एमओयू साइन होगा। इससे रिसर्च को बढ़ावा मिलेगा। वहीं दोनों संस्थानों को काफी मदद मिलेगी।

- डॉ। रजनीकांत, डायरेक्टर, आरसीएमआर

Posted By: Inextlive